रामलला मंदिर निर्माण के 31 वर्ष की प्रतिज्ञा पूर्ण होने पर रामशंकर जायसवाल ने कटाये केश व दाढ़ी



बहराईच से ब्यूरो रिपोर्ट:- राम कुमार यादव



बहराइच। : 22 जनवरी को बहुप्रतीक्षित अयोध्या के राममंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने व 24 जनवरी को भगवान बालकराम के दर्शन होते ही कस्बे के राम शंकर जायसवाल की 31 वर्ष के लंबे समय के बाद भीष्म प्रतिज्ञा पूर्ण हो गई। प्रतिज्ञा पूर्ण होने पर रविवार को रामशंकर जायसवाल ने विधि विधान के साथ कस्बे के राम जानकी मंदिर परिसर में अपने केश व दाड़ी  बनवाई। 


बात छह दिसंबर 1992 की है। देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर विवादित ढांचा ढ़हा दिया। अस्थाई राम मंदिर बनाया गया। तंबू में भगवान श्री राम की मूर्तियां रखी गई। उस समय प्रदेश के कोने-कोने से राम भक्त गिरफ्तारियां सौंप रहे थे तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े व बौंडी के जगजीतेश्वर संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बतौर शिक्षक के पद पर तैनात रामशंकर जायसवाल ने भी अपनी गिरफ्तारी सौंपी। 35 वर्ष की उम्र में रामशंकर जायसवाल ने बौंडी क्षेत्र में टोली बनाई। टोली में 125 लोग शामिल हुए। स्वयं राम शंकर जायसवाल टोली के नायक बने। बौंडी से अयोध्या तक बस से पूरी टोली पहुंची। राम शंकर जायसवाल ने उसी वक्त अयोध्या के पावन सरयू नदी का जल हाथों में लेकर प्रतिज्ञा किया कि जब तक राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता और भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो जाती और वह अपने रामलला के दर्शन नहीं कर लेते वह अपने बाल व दाढ़ी न तो बनवाएंगे और न ही कटाएंगे।


 मां समेत कई पारिवारिक लोगों की मौतें हुई लेकिन परंपराओं को तोड़ उन्होंने अपने दाड़ी-बाल नहीं बनवाये, इसके लिए उन्हें परिहास का पात्र भी बनना पड़ा। सन 2010 में जब हाईकोर्ट का फैसला आया तो निराशा हाथ लगी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने उन्हें जीवन का अनमोल उपहार दिया।  रामशंकर जायसवाल बताते हैं कि 31 वर्ष बाद उनकी प्रतिज्ञा पूरी हुई है।


 22 जनवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा किया और 24 जनवरी को रामशंकर जायसवाल ने मंदिर पहुंच भगवान बालकराम का दर्शन किया तो तीन दशक पुरानी प्रतिज्ञा पूर्ण हो गई। इस पर उन्होंने रविवार की दोपहर कस्बे के राम जानकी मंदिर परिसर में विद विधान के साथ अपने केश व दाड़ी का छौल कर्म कराया। रामायण का पाठ हुआ। प्रसादी वितरण हुआ। 

जय श्री राम के नारों से पूरा कस्बा गूंज उठा। क्षेत्रीय लोगों ने संबोधित करते हुए रामशंकर जायसवाल के प्रतिज्ञा की सराहना की। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह विभाग संघ चालक कृष्णानंद शुक्ल, हनुमान यादव, भूपेंद्र सिंह, संदीप, अमर सिंह, साकेत भूषण तिवारी, अयोध्या प्रसाद अवस्थी, रमेश तिवारी, वरुण शुक्ला, उमेश्वर पांडेय, कौशल गुप्त, उत्तम चंद्र रस्तोगी, बाबादीन त्रिवेदी, श्याम जी तिवारी मौजूद रहे।

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