पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री प्रकाश जायसवाल का हृदय गति रुक जाने से निधन, शोक की लहर
डाक्टर मनमोहन सिंह की सरकार में कोयला मंत्री रह चुके हैं श्री प्रकाश जायसवाल।
काफी समय से चल रहे थे बीमार,कानपुर में ली अंतिम सांस।
शुक्रवार को तबियत ज्यादा खराब होने पर उन्हें लाया गया था अस्पताल, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कानपुर के 1999 से 2014 तक लगातार तीन बार सांसद रहे।
केंद्र सरकार में कोयला और गृह राज्यमंत्री रहे।
1989 में कानपुर के मेयर रहे श्री प्रकाश जायसवाल।*
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे और 2002 का विधानसभा चुनाव भी श्री प्रकाश की अगुवाई में कांग्रेस ने लड़ा था।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, तीन बार सांसद रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल का शुक्रवार 28 नवंबर 2025 को निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से वे बीमार चल रहे थे। उनकी तबियत शुक्रवार को अचानक बिगड़ने पर उन्हें कानपुर के एक कार्डियोलॉजी अस्पताल में लाया गया। वहाँ पहुंचने पर ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की ओर से कहा गया कि उन्होंने कार्डियक अटैक (हृदय गति रुक जाना) की वजह से अंतिम सांस ली।
राजनीतिक जीवन और योगदान
श्री प्रकाश जायसवाल कानपुर के तीन बार सांसद रहे— वर्ष 1999, 2004, और 2009 में वे लोकसभा सदस्य रहे। उन्होंने कभी कानपुर नगर के मेयर का पद भी संभाला था। केन्द्र में उन्होंने गृह राज्य मंत्री और बाद में कोयला मंत्री के रूप में कार्य किया— विशेषकर तब उनकी भूमिका प्रमुख रही जब सरकार में डाक्टर मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश में इंडियन नेशनल कांग्रेस को कानपुर में मजबूत आधार दिलाने में अहम योगदान दिया। उनकी राजनीतिक पारी लगभग चार दशकों से अधिक सक्रिय रही।
सार्वजनिक शोक — राजनीतिक व सामाजिक प्रतिक्रिया
उनके निधन की खबर मिलते ही राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई। कई वरिष्ठ नेताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं, समर्थकों एवं उनके शुभचिंतकों ने सोशल मीडिया व मौखिक श्रद्धांजलि दी है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उनका जाना पार्टी और उत्तर प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है। कानपुर में उनके आवास व पार्टी कार्यालयों पर शोक-सभा व श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों की भीड़ देखी गई।
निजी जीवन-
श्रीप्रकाश जायसवाल का जन्म 25 सितंबर 1944 को कानपुर में हुआ था। वे लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे।
श्री प्रकाश जायसवाल की दीर्घ राजनीतिक सेवा, सार्वजनिक जीवन में योगदान और कांग्रेस व उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनकी भूमिका को देखते हुए — उनका जाना न सिर्फ कांग्रेस बल्कि उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति है।
शोक की लहर-
निधन की खबर आते ही कांग्रेस मुख्यालय से लेकर कानपुर तक शोक की लहर दौड़ गई।
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित तमाम बड़े नेताओं ने ट्वीट कर गहरा दुख व्यक्त किया। कानपुर में उनके आवास और कांग्रेस कार्यालय पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है।श्री प्रकाश जायसवाल का जन्म 25 सितंबर 1944 को कानपुर में ही हुआ था। चार दशक से अधिक के सक्रिय राजनीतिक जीवन में उन्होंने हमेशा सादगी, संयम और जनसेवा की मिसालिका कायम रखी।कांग्रेस पार्टी ने उन्हें “उत्तर प्रदेश कांग्रेस का एक मजबूत स्तंभ” बताया है, जिसका खाली होना भर पाना बहुत मुश्किल होगा। उनकी आत्मा को शांति मिले और शोक संतप्त परिवार को यह अथाह दुख सहने की शक्ति।

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