बलरामपुर - जनपद में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी पैनल के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति का मामला गरमा गया है। इस घोटाले में पूर्व सपा दर्जा प्राप्त मंत्री सलिल सिंह उर्फ टीटू और जिला गन्ना अधिकारी रंजीत सिंह कुशवाहा सहित कई बड़े नाम सामने आए हैं। सतर्कता अधिष्ठान प्रयागराज सेक्टर की जांच में खुलासे के बाद 23 सितंबर को इंस्पेक्टर हवलदार सिंह यादव की ओर से एफआईआर दर्ज की गई है।इस मामले में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के पूर्व उपसचिव नवल किशोर, तीन जिला विद्यालय निरीक्षकों समेत कुल 48 लोगों को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि फर्जी पैनल तैयार कर शिक्षकों की नियुक्ति की गई और वेतन के नाम पर लाखों रुपये के सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ।
दर्ज मुकदमे में शामिल 48 आरोपियों में से 17 बलरामपुर जनपद से जुड़े हैं। इनमें उतरौला भारतीया इंटर कॉलेज की प्रबंधक विमला त्रिपाठी और प्रधानाचार्य कुमेश कुमार सरोज, रेहरा बाजार बीपीएस इंटर कॉलेज के प्रबंधक नित्यानंद शुक्ला और प्रधानाचार्य ओम प्रकाश, डीएवी इंटर कॉलेज के प्रबंधक संजय तिवारी और प्रधानाचार्य हरि प्रकाश वर्मा, तुलसीपुर स्वतंत्र भारत इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य राधेश्याम पांडेय, एमपीपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य गुरु प्रसाद तिवारी, मथुरा बाजार रामशंकर भारती इंटर कॉलेज के प्रबंधक अतुल कुमार सिंह और प्रधानाचार्य मनीराम तिवारी, पचपेड़वा लोकमान्य तिलक इंटर कॉलेज के प्रबंधक शकील अहमद और प्रधानाचार्य राजेश कुमार सिंह, तुलसीपुर बसंत लाल इंटर कॉलेज के प्रबंधक सलिल सिंह टीटू और प्रधानाचार्य अशोक पांडेय प्रमुख हैं।इनके अलावा निवर्तमान जिला गन्ना अधिकारी रंजीत सिंह कुशवाहा और अन्य शिक्षकों-कर्मचारियों पर भी केस दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले के सामने आने से शिक्षा विभाग के साथ राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
बलरामपुर।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know