मुख्यमंत्री जनपद झांसी में विद्या भारती पूर्वी उ0प्र0 द्वारा आयोजित
36वें क्षेत्रीय खेलकूद के समापन समारोह में सम्मिलित हुए
मुख्यमंत्री ने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन
करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया
खेलकूद प्रतिस्पर्धाएं व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ उसे
आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर करने की क्षमता रखतीं : मुख्यमंत्री
प्रदेश सरकार द्वारा भानी देवी गोयल सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज, झांसी में मिनी स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा,
जिससे यहां के विद्यार्थियों को खेलकूद प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त होगा
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विगत 11 वर्षों में देश में खेल प्रतियोगिताओं
को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनेक अभियान चलाये गये
प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के प्रत्येक गांव में खेल का मैदान, विकास खण्ड में मिनी स्टेडियम,
जनपद में स्टेडियम तथा नगर निकाय में ओपन जिम का निर्माण किया जा रहा
प्रदेश सरकार ने विगत 03 वर्षों में राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त करने
वाले 500 से अधिक खिलाड़ियों को विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरियां प्रदान कीं
प्रदेश सरकार ने मेजर ध्यान चन्द के नाम पर मेरठ में प्रथम खेल विश्वविद्यालय
का निर्माण कराया, इस विश्वविद्यालय में वर्तमान सत्र से प्रवेश प्रारम्भ हो चुके
प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों के समक्ष विकसित भारत का संकल्प रखा,
प्रत्येक भारतवासी को विकसित भारत की संकल्पना में अपना योगदान देना चाहिए
उ0प्र0 प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में विगत साढ़े 08 वर्षों
में विकास के नित नये आयाम प्राप्त कर रहा
प्रदेश भारत के विकास का ग्रोथ इंजन बनकर देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका,
आने वाले 03 वर्षों में देश की नम्बर वन अर्थव्यवस्था बनने के लिए निरन्तर प्रयासरत
झांसी वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की धरती, रानी लक्ष्मीबाई
के शौर्य से राष्ट्रीयता के भाव की प्रेरणा लेनी चाहिए
बुन्देलखण्ड के ओरछा राजा भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा और विश्वास के लिए जाने जाते,
बुन्देलखण्ड की पावन धरा पर मध्य काल में संत तुलसीदास का अविर्भाव हुआ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि खेलकूद प्रतिस्पर्धाएं व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ उसे आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर करने की क्षमता रखती हैं। वर्तमान समय में खेल प्रतिस्पर्धाएं सर्वांगपूर्ण जीवन पद्धति बन चुकी हैं। जब खिलाड़ी हार-जीत की परवाह किये बिना आगे बढ़ता है, तो विजयश्री उसके चरणों को स्वयं ही चूमती है। प्रदेश सरकार ने तय किया है कि भानी देवी गोयल सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज, झांसी के प्रांगण में मिनी स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा, जिससे यहां के विद्यार्थियों को खेलकूद प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद झांसी में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित 36वें क्षेत्रीय खेलकूद के समापन समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अखिल भारतीय विद्या भारती शिक्षण संस्थान से जुड़े खिलाड़ियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्या भारती शिक्षण संस्थान भारत की परम्परा व संस्कृति के प्रति मूल्यों, आदर्शां तथा राष्ट्रीयता का भाव उत्पन्न करने वाली देश की अग्रणी संस्था है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश में विद्या भारती शिक्षण संस्थान के अन्तर्गत 25 हजार औपचारिक तथा अनौपचारिक शिक्षा के केन्द्र संचालित हैं। इस संस्थान का बीज रोपण बाबा गोरखनाथ की पावन धरा गोरखपुर में राष्ट्रऋषि श्री नानाजी देशमुख द्वारा किया गया था, जिसके प्रथम छात्र के रूप में श्री देवेन्द्र सिंह जी को आज इस मंच पर सम्मानित किया गया है। विद्या भारती समूह ने देश में बिना किसी शासकीय सहयोग के प्रत्येक नगर व गांव में वनवासी तथा शहरी क्षेत्रों में शिक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2016 में स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया ने एक यूनिट के रूप में विद्या भारती संस्थान को मान्यता देकर नेशनल गेम्स में प्रतिभाग करने का अवसर प्रदान किया। इसके पश्चात तीन वर्षों की अल्पावधि में वर्ष 2010 में विद्या भारती संस्थान के खिलाड़ियों ने फेडरेशन ऑफ स्कूल गेम्स तथा फेडरेशन ऑफ इण्डिया से ‘फेयर प्ले अवार्ड‘ प्राप्त किया। वर्ष 2016 में राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता में स्वच्छता की ट्रॉफी प्राप्त की। वर्ष 2018 में संस्थान से जुड़े खिलाड़ियों ने पदक तालिका में उच्च स्थान हासिल कर मेडल अपग्रेडेशन का पुरस्कार प्राप्त किया। वर्ष 2019-20 में विद्या भारती के खिलाड़ियों ने 80 स्वर्ण, 86 रजत तथा 201 कांस्य पदक सहित कुल 367 पदक प्राप्त कर स्कूल गेम्स की तालिका में छठवां स्थान प्राप्त किया। वर्ष 2018 में नई दिल्ली में आयोजित अण्डर-17 खिलाड़ियों की खेलो इण्डिया राष्ट्रीय प्रतियोगिता में संस्था के छात्र अभिषेक सिंह को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष खेलो इण्डिया यूथ गेम्स में विद्या भारती संस्थान के खिलाड़ी बड़ी संख्या में पदक प्राप्त कर रहे हैं। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित स्कूल गेम्स तथा स्कूल एशियन गेम्स में प्रवेन्द्र पटेल, दीपक कुमार, रामचन्द्र, कुलदीप यादव तथा विपिन कुमार जैसे विद्या भारती के होनहार खिलाड़ियों ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पदक प्राप्त किये। कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स, ओलम्पिक व पैरा ओलम्पिक में विद्या भारती संस्थान के खिलाड़ी पदक प्राप्त करते हुए भारत का गौरव बढ़ा रहे हैं। ओलम्पियन पद्मश्री सुधा सिंह, ओलम्पियन निषाद कुमार, शैली सिंह, ऋषिका अवस्थी, शीलू यादव व आदेश सिंह जैसे खिलाड़ी अखिल भारतीय विद्या भारती शिक्षण संस्थान से जुड़कर खेलकूद प्रतियोगिताओं में अपना परचम लहरा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि झांसी वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की धरती है। रानी लक्ष्मी बाई के शौर्य से राष्ट्रीयता के भाव की प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने मात्र 23 वर्ष की आयु में वर्ष 1858 में देश की रक्षा के लिए स्वयं का बलिदान दे दिया। परिणामस्वरूप फिरंगियों को पीछे हटना पड़ा। लम्बे समय तक अंग्रेज झांसी को अपना गुलाम नहीं बना पाये। अंग्रेजों ने जब रानी लक्ष्मी बाई के समक्ष झांसी को सौंपने का प्रस्ताव रखा, तो उन्होंने कहा कि मैं मरते दम तक लड़ूंगी, लेकिन झांसी आपको हरगिज नहीं सौंपूंगी। प्रत्येक भारतीयों को मातृभूमि के प्रति यह भाव सदैव अपने हृदय में संजोकर रखना चाहिए।
बुन्देलखण्ड के ओरछा राजा भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा और विश्वास के लिए जाने जाते हैं। बुन्देलखण्ड की पावन धरा पर मध्य काल में संत तुलसीदास का अविर्भाव हुआ था। तुलसीदास जी ने कहा था कि ‘श्रद्धावान् लभते ज्ञानम्’ अर्थात श्रद्धावान को ही ज्ञान की प्राप्ति होती है। श्रद्धा से हीन व्यक्ति भारतीयता के ज्ञान से विमुख होता है। वह भारत की व्यवस्था निर्माण में योगदान देने में अक्षम होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द झांसी से सम्बन्धित हैं। मेजर ध्यान चन्द के नेतृत्व में भारतीय हॉकी टीम ने तीन बार ओलम्पिक में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। मेजर ध्यानचन्द के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए भारत सरकार ने उनके नाम पर खेल के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार का नाम रखा। प्रदेश सरकार ने मेजर ध्यानचन्द के नाम पर मेरठ में प्रथम खेल विश्वविद्यालय का निर्माण कराया है। इस विश्वविद्यालय में वर्तमान सत्र से प्रवेश प्रारम्भ हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विगत 11 वर्षों में देश में खेल प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनेक अभियान चलाये गये हैं। इनमें खेलो इण्डिया, फिट इण्डिया मूवमेण्ट, प्रत्येक जनपद में खेलो इण्डिया सेण्टर्स की स्थापना आदि प्रयास सम्मिलित हैं। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के प्रत्येक गांव में खेल का मैदान, विकास खण्ड में मिनी स्टेडियम, जनपद में स्टेडियम तथा नगर निकाय में ओपन जिम का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विगत 03 वर्षों में राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त करने वाले 500 से अधिक खिलाड़ियों को विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरियां प्रदान की है। इसमें डिप्टी एस0पी0, खेल अधिकारी, कानूनगो, तहसीलदार जैसे पद सम्मिलित हैं। ओलम्पिक गेम्स (एकल वर्ग) में स्वर्ण पदक पर 06 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 04 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 02 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। ओलम्पिक गेम्स (टीम गेम्स) में स्वर्ण पदक पर 03 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 02 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 01 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक पर 03 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 1.50 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 75 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है।
कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक पर 1.50 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 75 लाख रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 50 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। विश्वकप में स्वर्ण पदक पर 1.50 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 75 लाख रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 50 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। सैफ गेम्स एवं नेशनल गेम्स (एकल वर्ग) में स्वर्ण पदक पर 06 लाख रुपये, रजत पदक पर 04 लाख रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 02 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। सैफ गेम्स एवं नेशनल गेम्स (टीम गेम्स) में स्वर्ण पदक पर 02 लाख रुपये, रजत पदक पर 01 लाख रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ओलम्पिक गेम्स में प्रदेश के खिलाड़ियों के प्रतिभाग किए जाने पर प्रोत्साहन स्वरूप 10-10 लाख रुपये तथा कॉमनवेल्थ गेम्स एवं एशियन गेम्स में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को 05-05 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किये जाने की व्यवस्था है। इसी प्रकार, एशिया कप, एशियन सीनियर चैम्पियनशिप, यूथ ओलम्पिक गेम्स, यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स, जूनियर विश्वकप, जूनियर विश्व कप/एशियन चैम्पियनशिप एवं राष्ट्रीय स्तर पर सीनियर, जूनियर, सब-जूनियर, मिनी/यूथ/कैडेट पदक विजेता खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को प्रदेश का सर्वोच्च पुरस्कार-पुरुष वर्ग में ‘लक्ष्मण पुरस्कार’ एवं महिला वर्ग में ‘रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाता है। अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, मेजर ध्यानचन्द पुरस्कार, खेल रत्न पुरस्कार व खेल के क्षेत्र में पद्मश्री व पद्मभूषण से सम्मानित खिलाड़ियों को 20,000 रुपये प्रतिमाह वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। वृद्ध, अशक्त एवं विपदाग्रस्त राज्य स्तर के खिलाड़ियों को 4,000 रुपये, राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को 6,000 रुपये तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को 10,000 रुपये प्रतिमाह वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देशवासियों के समक्ष विकसित भारत का संकल्प रखा है। प्रत्येक भारतवासी को विकसित भारत की संकल्पना में अपना योगदान देना चाहिए। भारत तभी विकसित होगा, जब उत्तर प्रदेश विकसित बनेगा व झांसी विकसित होगी। यह कार्य तभी पूर्ण होगा, जब प्रत्येक नागरिक स्वस्थ, सशक्त और आत्मनिर्भर होगा। हमारी ऋषि परम्परा में कहा गया है कि ‘‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्‘‘ अर्थात् धर्म के सभी साधन स्वस्थ शरीर से ही सम्भव हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेशवासियों के समक्ष पहचान का संकट था। उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में विगत साढ़े 08 वर्षों में विकास के नित नये आयाम प्राप्त कर रहा है। प्रदेश भारत के विकास का ग्रोथ इंजन बनकर देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। आने वाले 03 वर्षों में उत्तर प्रदेश देश की नम्बर वन अर्थव्यवस्था बनने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। आज पूरी दुनिया हमें सम्मान की निगाहों से देख रही है।
इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री श्री स्वतन्त्र देव सिंह, श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री श्री मनोहर लाल मन्नू कोरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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