खाद्य प्रसंस्करण नीति के तहत उद्योग स्थापना में बरेली प्रथम पायदान पर
 
राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी द्वारा 13 प्रस्तावों की स्वीकृति की गयी प्रदान

यूपी मे फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री बनेगी निवेश व रोजगार का नया केंद्र -किसानों से युवाओं तक लाभ ही लाभ

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मिला बढ़ावा: यूपी में 13 नये प्रोजेक्ट्स को मंजूरी

उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत गठित राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी की बैठक में 13 प्रस्तावों को मिली हरी झंडी

उत्तर प्रदेश बना निवेशकों की पसंद, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को मिल रही लगातार स्वीकृति

स्थानीय किसानों को मिलेगा लाभ, गांव-गांव तक पहुँचेगा औद्योगिक समन्वय

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 से बढ़ेगा किसानों का मुनाफा और युवाओं को मिलेगा रोजगार

लखनऊ: 09 अक्टूबर, 2025
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत प्राप्त परियोजना प्रस्तावों पर समयबद्ध कार्यवाही करने,  स्थापित  इकाइयों के सब्सिडी आदि के प्रकरणों की समीक्षा करते रहने व प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के क्रियान्वयन पर विशेष रूप से फोकस करने के निर्देश उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योगों के माध्यम से उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक पूंजी निवेश कराना है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा देश की सर्वाेत्तम उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के माध्यम से प्रदेश में अधिक से अधिक पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न योजनायें संचालित है।उप मुख्यमंत्री श्री मौर्य द्वारा लगातार यह निर्देश दिये जाते रहे हैं कि किसानो द्वारा उत्पादित खाद्य सामग्री किसी भी दशा मे बर्बाद न हो, और उन्हे उसके उचित दाम भी मिले, दूसरी तरफ अधिक से अधिक उद्यम स्थापित कराकर लोगो को रोजगार से जोड़ना है। खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों हेतु कच्चे माल की स्थानीय स्तर पर उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर जोर दिया जाय,जिससे स्थानीय कृषकों की आय में वृद्धि हो सके। श्री मौर्य द्वारा कच्चे माल की उपलब्धता स्थानीय कृषको, एफपीओ के सहयोग से कराये जाने पर बल दिया जा रहा है। यूपी मे फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री  निवेश व रोजगार का नया केंद्र बन रही है। किसानों से लेकर युवाओं तक को लाभ दिया जा रहा है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के तहत स्थानीय किसानों को लाभ मिलेगा, किसानो से औद्योगिक समन्वय का लाभ गांव गांव पहुंचेगा।
उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी की बैठक कृषि उत्पादन आयुक्त, उ०प्र० शासन श्री दीपक कुमार की अध्यक्षता में गुरूवार को एपीसी कार्यालय के सभागार में सम्पन्न हुई। अध्यक्ष राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी/कृषि उत्पादन आयुक्त श्री दीपक कुमार के समक्ष 13 प्रस्तावों का प्रस्तुतिकरण श्रीमती प्रेरणा शर्मा, विशेष सचिव/निदेशक, खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा किया गया। समिति द्वारा समस्त 13 प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा उपरान्त सहमति व्यक्त की गयी एवं लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया।
बैठक मे अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण व रेशम विभाग/अध्यक्ष अप्रैजल समिति श्री बीएल मीणा ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के क्षेत्र मे आ रही क्रान्ति के बारे मे जानकारी देते हुये बताया कि विभाग के क्रियाकलापो की नियमित मानीटरिग व सक्रियता के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश मे इस क्षेत्र मे बड़ी संख्या मे निवेशक आकर्षित हो रहे हैं
और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उ०प्र० शासन  श्री बीएल मीना की पहल पर अध्यक्ष राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी/कृषि उत्पादन आयुक्त, उ०प्र० शासन श्री दीपक कुमार द्वारा दो फर्मों यथा- स्वाद एग्रो इन्डस्ट्रीज प्रा०लि०, उन्नाव एवं अर्पून पेलेट फीड्स, बाराबंकी के संबन्धित निवेशकों श्री हसीब खान एवं श्रीमती पूनम सिंह, जिनको नीति अंतर्गत दोनो किश्तों की सब्सिडी हस्तान्तरित की जा चुकी है तथा यूनिट सफलतापूर्वक संचालित है, को प्रशस्ति पत्र दिया गया। सम्बन्धित निवेशकों द्वारा उ०प्र० सरकार एवं संबन्धित अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। समिति को अवगत कराया गया कि निवेशक सौर ऊर्जा से संयत्रों के संचालन को प्राथमिकता दे रहे है और स्वीकृत 58 प्रोजेक्ट्स मे सौर ऊर्जा संयन्त्र लगाये गये हैं। फ्रोजेन फूड एवं वेजेटेबल 50 प्रोजेक्ट्स स्वीकृत हैं।

बताया गया कि नीति अंतर्गत सबसे अधिक 28 प्रोजेक्ट्स के साथ जनपद बरेली प्रथम स्थान है तथा रामपुर 20 प्रोजेक्ट्स के साथ द्वितीय स्थान पर है। समिति को यह भी संज्ञानित कराया गया कि नीति अंतर्गत गेहूं, चावल, तिलहन के प्रसंस्करण के साथ-साथ दुग्ध प्रसंस्करण के 22 प्रोजेक्ट्स तथा कुक्कुट एवं पशु आहार के 12 प्रोजेक्ट्स भी स्वीकृत किए गये है। पीएमएफएमई के तहत सबसे अधिक प्रोजेक्ट वाराणसी मे लगाये गये हैं। नवीन क्षेत्र यथा- आयल प्रसंस्करण के प्रोजेक्ट पर सम्भल के निवेशक द्वारा  समिति को अवगत कराया गया कि उनकी फर्म द्वारा तुलसी, अदरख आदि के इन्टरमीडियरी प्रोड्क्ट्स का उत्पादन मानव के उपभोग किए जाने वाले एसेन्सियल आयल/खाद्य उत्पाद अंतर्गत किया जायेगा।
समिति द्वारा एक्स्टूडेड स्नैक्स, नमकीन, पिनट प्रासेसिंग मशाला प्रसंस्करण, मस्टर्ड आयल, सोलर प्लाण्ट, गुड़ प्रसंस्करण, कुक्कुट फीड, मक्का पाउडर तथा फ्रोजेन फूड एवं वेजेटेबल आदि के रू0 85.97 करोड़ के 13 प्रोजेक्ट, जिनकी  सब्सिडी रू0 20.31 करोड़ अनुमानित है, को लेटर आफ कम्फर्ट जारी करने की स्वीकृति प्रदान की गयी।
बताया गया कि नीति के अंतर्गत अब तक लगभग रू 10 हजार करोड़ के 402 प्रोजेक्ट्स स्वीकृत किए गये, जिसकी  रू 3.5 हजार करोड़ की अनुमन्य सब्सिडी के सापेक्ष लगभग रू 1.65 हजार करोड़ की सब्सिडी निर्गत की जा चुकी है। 60 प्रोजेक्ट्स पूर्णतः क्रियाशील होकर उत्पादन कर रहे हैं। आगामी  06 माह में 102 प्रोजेक्ट्स के क्रियाशील होने की संभावना है। प्रदेश में विकसित किये जा रहे कृषक उत्पादक संगठनो को खाद्य प्रसंस्करण नीति अंतर्गत और अधिक प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

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