उतरौला बलरामपुर-कुछ वर्ष पहले इस विधालय में केवल 20 बच्चों के साथ कक्षा एक से शुरू हुई थी। आज हजारों की संख्या में छात्र छात्रों के उज्जव ल भविष्य की नींव बन चुकी है। हम बात कर रहे हैं उतरौला कस्बे में स्थित प्रतिष्ठित टाइनी टाट्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की, जिसकी स्थापना वर्ष 1995 में जहां आरा मैडम और उनके पति मोहम्मद मोईन ने एक सपने के रूप में चालू की थी। एक ऐसे सपने के रूप में, जो गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण अंग्रेज़ी माध्यम से शिक्षा दिलाने के लिए समर्पित किया गया था। उस समय जब इस छोटे से कस्बों में अंग्रेज़ी के माध्यम से शिक्षा देना एक कठिन कार्य माना जाता था, तब जहां आरा मैडम ने फैजाबाद से उतरौला आकर अपनेअनुशासन तपस्या और शिक्षा के प्रति अगाध श्रद्धा पूर्वक से एक ऐसी नींव रखी, जिसने शिक्षा, संस्कार और संस्कृति का संगम रचा विद्यालय की प्रमुख विशेषताएं यह थी कि शिक्षा के साथ सेवा का संकल्प
टाइनी टाट्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में विद्या र्थियों के लिए स्वच्छ, हरित और अनुशासित वातावरण सुनिश्चित किया गया है,जो पढ़ाई के लिए सर्वथा अनुकूल है।विद्यालय के द्वारा विशेष पहल के तहत आर्थिक रूप से पिछड़े, अनाथ व असहायबच्चों को पूरी तरह से निः शुल्क शिक्षा, पुस्तकें, यूनि फॉर्म व अन्य सुवि धाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। मध्यमवर्गीय परिवारों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्कूल की फीस संरचना अत्यन्त संतुलित और संवेदन शील बनाई गई है।
विद्यालय में विषय विशेषज्ञ प्रशिक्षित शिक्षक व शिक्षिकाएं छात्रों को न केवल विषय को गहराई से समझ देते हैं,बल्कि नैतिक मूल्यों और आत्म विश्वास से भी भरते हैं। बच्चों की प्रगति को मापने हेतु समय-समय पर टेस्ट, मूल्यांकन और अभि भावक शिक्षक संवाद सत्र आयोजित किए जाते हैं।विद्यालय के द्वारा बच्चों के लिए समय-समय पर निः शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर (मेडिकल कैम्प) का आयोजन भी किया जाता है, जिससे छात्र छात्राएं शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें।बच्चों की सर्वांगीण में विकास के लिए समय-समय पर बाल मेला संस्कृत एण्ड कल्चरल कार्यक्रमआज की व्यवस्था बनाई गई है। *शिक्षा की सफल ता से पूर्व छात्र छात्रा एं आज ऊंचे पदों पर*
टाइनी टाट्स विद्यालय से पढ़कर निकले छात्र छात्राएं आज देश- विदे श में विभिन्न क्षेत्रों में सम्मान जनक स्थानों पर कार्यरत हैं।कई पूर्व छात्र छात्राएं डॉक्टर, इंजीनियर,और सॉफ्ट वेयर टेवल पर बनकर देश की सेवा कर रहे हैं।
कुछ छात्र छात्राएं शिक्ष क, प्राध्यापक,औरप्रशा सनिक सेवाओं (UPP CS आदि) में चयनित होकर शिक्षा और प्रशा सन के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैंटाइनी टाट्स की एक छात्रा विदेश में मेडिकल साइं स में ही रिसर्च कर रही है।कई पूर्व छात्र छात्राएं आज स्वतंत्र व्यवसायी, चार्टर्ड अकाउंटेंट,पत्र कार और सामाजिक कार्यकर्ता बनकर अपने क्षेत्र में आदर्श को स्था पित कर रहे हैं। *नई पीढ़ी में संजोया गया सपना: और सैफ अली की नेतृत्व में की गई नई उड़ान,जहांआरा मैडम ने विद्यालय की बागडोर अब अपने सुपुत्र सैफ अली को सौंप दी है, जिन्होंने मातृ शिक्षा और सिद्धान्तों को आत्म सात करते हुए टाइनी टाट्स इण्टर कॉलेज की स्थापना की। यह नया विद्यालय उत्तर प्रदेश के माध्यमि क शिक्षा परिषद (UP Board) से मान्यता प्राप्त है,जो आधुनिक मूल्यों और तकनीकी शिक्षा की दिशा में एक नई लकीर खींच दी है।
*संघर्ष करने से सफलता तक और प्रेरणादायक जीवन की यात्रा* जहांआरा मैडम का कहना हैं, कि "शिक्षा वह दीपक है, जो अज्ञान के अंधकार को मिटाकर भविष्य को रोशन करता है। मैंने केवल एक बीज बोया था,आज वह वटवृक्ष बन चुका है।सैफ अली का कहना हैं, कि मैंने जो कुछ भी सीखा है, वह अपनी मां से ही सीखा है। उनका अनु शासन, शिक्षकों का सम्मान और छात्रों के प्रति प्रेम, यही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है। अब इस विरासत को और ऊंचाई तक ले जाना मेरी जिम्मेदारी है।आज टाइनी टाट्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल केवल एक शिक्षण संस्था नहीं,बल्कि उतरौला की शैक्षिक पहचान और प्रेरणा का केन्द्र बन चुका है। यहां की हर दीवारों में सिर्फ पाठ्यक्रम नहीं,बल्कि सपनों की गूंज, संस्का रों की मिठास और संघ र्ष की एक कहानी दर्ज है।
हिन्दी संवाद न्यूज से
असगर अली की खबर
उतरौला बलरामपुर।
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