उतरौला बलरामपुर -तहसील क्षेत्र में अन्नदाताओं की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जिलाधिकारी बलरामपुर के स्पष्ट आदेशों के बावजूद भी सहकारी समितियां के सचिव अपने मनमानी तरीके खाद्य की काला बाज़ारी से बाज नहीं आ रहे हैं। ताज़ा माम ला यह है कि ग्राम मानापार बहेरिया सहकारी समिति का है,जहां सचिव के द्वारा बड़े पैमाने पर खाद की जमाखोरी और प्राइवेट दुकानदारों को आपूर्ति करने पर गम्भीर आरोप लगाया जा रहा हैं। स्था नीय सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को समिति पर आई खाद की खेप का आधे से अधिक हिस्सा सचिव के द्वारा प्राइवेट दुकानदारों के यहाँ भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह सब कालाबाज़ारी की नीयत से किया गया है,ताकि किसानों को अधिक कीमत पर खाद खरीद ने पर मजबूर किया जा सके। शेष बची हुई खाद की बोरियों का वितरण शुक्रवार को किसानों के खातों में किया गया है, लेकिन संख्या अधिक होने और स्टॉक कम होने के कारण अधिकांश किसानों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। समिति के परिसर में सुबह से ही किसानों की लम्बी लाइन लगी रही है। कई किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें 267 रुपये प्रति बोरी की सरकारी दर के बजाय पाच सो रुपये में खाद खरीदने की पेश कश की गई। किसानों का कहना है कि यह सीधे-सीधे लूट और सरकारी आदेशों की अवहेलना करना है।
ग्रामीण किसान नेहाल खां,सद्दाम खां, मोहम्मद असलम और फकीर चन्द ने बताया कि भाज पा के इशारे पर ही काला बाज़ारी हो रहा है,और खेती के इस महत्वपूर्ण समय पर खाद की कमी होने के कारण से उनकी फसलें खतरे में पड़ी हैं। हम घंटों घंटों लाइन में खड़े रहते हैं,लेकिन खाद मिलने की कोई गारंटी नहीं होती है।जो खाद आती भी है, वह प्राइवेट दुकानदारों पर पहुँच जाती है, या बाहरी लोगों को दे दिया जाता है। यही वजह है कि हमें मजबूरी में महंगे दाम पर खरीदना पड़ता है।
यह मामला स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणा ली पर भी सवाल खड़ा करता है। जिलाधिकारी के निर्देशों के बावजूद भी खुलेआम काला बाज़ारी हो रही है, जिस से किसानों में काफी आक्रोश व्याप्त है।अब देखना यह कि प्रशासन ऐसे जमाखोर सचिवों पर क्या कार्यवाही करती है। किसानों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि ग्राम साधन सरकारी समिति माना पार बहेरिया में होने की वजह से ग्राम बरमभरी किराय की मकानों में ही खाद्य वितरण किया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों का कहना है कि सचिव के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए, खाद वितरण में पारदर्शिता लाई जाए और दोषियों पर आ पराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए, ताकि भविष्य में अन्न दाताओं का शोषण न हो सके।
हिन्दी संवाद न्यूज से
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उतरौला बलरामपुर।
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