लखनऊ : 01 जुलाई, 2025
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने आज जनपद गोरखपुर स्थित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के नवनिर्मित ऑडिटोरियम, अकादमिक भवन तथा पंचकर्म केन्द्र का लोकार्पण एवं न्यू गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भी उपस्थित रहे। राष्ट्रपति जी ने विश्वविद्यालय की ‘फॉर्मुलरी’ एवं ‘संकल्पसिद्धि-एम0जी0यू0जी0 पॉलिसी कम्पेण्डियम-1.0’ का विमोचन भी किया। राष्ट्रपति जी ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत विश्वविद्यालय परिसर में पौधरोपण किया।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि श्री गोरखनाथ मन्दिर से निकली गौरवशाली शाखाओं में से महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय भी शोभायमान है। मानव शरीर को दोषमुक्त बनाने में पंचकर्म क्रिया बहुत प्रभावी सिद्ध हुई है। इस क्रिया से असाध्य रोगों के सफल उपचार के अनेक उद्धाहरण हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय के नये एकेडमिक भवन में बेहतर सुविधाओं के उपलब्ध होने से विद्यार्थी एवं शिक्षक और निष्ठा से आगे बढ़ेंगे तथा नये पंचकर्म केन्द्र से अधिकाधिक लोग लाभान्वित होंगे।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि हमारी बेटियां विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के नये प्रतिमान स्थापित कर रही हैं। लेकिन आज भी अनेक बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बेटियों के लिए सुरक्षित आवास न होना उनकी उच्च शिक्षा की यात्रा में एक बड़ा अवरोध है। इस दृष्टि से आज यहां गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास करके उन्हें अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। विश्वविद्यालय के न्यू गर्ल्स हॉस्टल की स्थापना का निर्णय बेटियों की उच्च शिक्षा की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षा ही नारी सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत परोपकार व जनहितैषी लक्ष्यों के लिए कार्य करने वाले निजी उच्च शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। गोरखपुर और आस-पास के क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाला यह पहला निजी विश्वविद्यालय है। राष्ट्रपति जी ने इस कार्य के लिए गोरक्षपीठ तथा महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की सराहना करते हुए कहा कि आज से लगभग 700 वर्ष पूर्व महाराणा प्रताप ने राष्ट्र गौरव के लिए त्याग व पराक्रम का जो आदर्श प्रस्तुत किया था, वह देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।
राष्ट्रपति जी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थी व्यावसायिक शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के साथ-साथ अपने आचरण में आध्यात्मिकता और राष्ट्र प्रेम के आदर्शां को भी ढालेंगे। यह संस्थान महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज तथा महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज जी की परम्परा से जुड़ा हुआ है। केवल चार वर्षां में ही विश्वविद्यालय ने अपनी विकास यात्रा में प्रभावशाली उपलब्धियां हासिल की हैं। यह संस्थान पूर्वी उत्तर प्रदेश में उच्च एवं रोजगारपरक शिक्षा का प्रमुख केन्द्र है। विश्वविद्यालय की विकास यात्रा में कुलाधिपति तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का अमूल्य दिशा-निर्देशन आप सभी को उपलब्ध रहता है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित मेडिकल कॉलेज, आयुर्वेद कॉलेज तथा चिकित्सालय के माध्यम से एलोपैथिक एवं आयुर्वेदिक शिक्षा तथा चिकित्सा की व्यवस्था की गयी है। इस प्रकार विश्वविद्यालय ने चिकित्सा पद्धति की समग्रता को रेखांकित किया है। 650 बेड की सुविधाओं से युक्त श्री गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर द्वारा निकट भविष्य में 1,800 बेड का एक नया चिकित्सालय स्थापित किया जाएगा। यहां के आयुर्वेद चिकित्सालय में 200 बेड की सुविधा उपलब्ध है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि विश्वविद्यालय ने प्रोफेशनल शिक्षा एवं चिकित्सा के अलावा कृषि अनुसंधान, ग्राम्य विकास, उद्यमिता प्रोत्साहन तथा वनस्पति अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। जब प्रदेश का पूर्वांचल और अधिक स्वस्थ व सुरक्षित होगा, तब पूरा उत्तर प्रदेश तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा। जब देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा, तब पूरा भारत प्रगति के नये प्रतिमान स्थापित करेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने कहा कि गोरखपुर की पुण्यभूमि नाथ पंथ के प्रवर्तक और सामाजिक परिवर्तन के वाहक महायोगी गुरु गोरखनाथ जी की तपोभूमि है। यह भूमि सदैव से ही धार्मिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक चेतना का स्रोत रही है। योग, स्वास्थ्य तथा शिक्षा के क्षेत्र में यह स्थान एक नये केन्द्र के रूप में उभर रहा है। राष्ट्रपति जी के कर-कमलों से आज यहां जिन कार्यां का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है, वह स्वास्थ्य व सशक्तिकरण की दिशा में उठाए गये दृढ़ कदम हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति जी का स्वागत करते हुए कहा कि राष्ट्रपति जी देश की मातृशक्ति के लिए एक प्रेरणा हैं। उनकी यात्रा फर्श से अर्श तथा शून्य से शिखर की यात्रा है। उनकी एक विशिष्ट पहचान हैं। उन्होंने संघर्षों से अपना रास्ता तैयार किया, विपरीत परिस्थितियों और आपदाओं का सामना करते हुए अपने स्वयं के संकट को कभी प्रगति के मार्ग में बाधा नहीं बनने दिया। राष्ट्रपति जी ने हमेशा राष्ट्र प्रथम के भाव से अपना पूरा जीवन लोक कल्याण के लिए और समाज के वंचित तथा दबे-कुचले लोगों के जीवन में एक नया प्रकाश लाने के लिए समर्पित किया है। उन्होंने जिस इच्छा शक्ति के साथ कार्य प्रारम्भ किया, विगत दो दिनों में उनके उत्तर प्रदेश प्रवास के दौरान हम सबको यह देखने को मिला है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कल प्रातःकाल भारी वर्षा के बावजूद सुबह 10ः00 बजे के पूर्व ही राष्ट्रपति जी बरेली पहुंच गयीं थीं। बरेली के 135 वर्ष पुराने इण्डियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट की कॉन्वोकेशन सेरेमनी में उन्होंने वहां के विद्यार्थियों को अपना आशीर्वचन प्रदान किया था। कल ही बरेली से राष्ट्रपति जी एम्स, गोरखपुर के प्रथम दीक्षान्त समारोह में विद्यार्थियों को अपना आशीर्वचन और मार्गदर्शन देने पहुंचीं थीं। आज प्रातःकाल से ही प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में वह सम्मिलित हुईं। इस दौरान राष्ट्रपति जी ने सड़क पर उतरकर छात्र-छात्राओं के साथ संवाद भी किया। यह पहली बार हुआ है, जब भारत के किसी संवैधानिक प्रमुख ने सड़क पर जाकर पर बच्चों के साथ संवाद किया। यह एक अभिभूत करने वाला क्षण था। दिनकर जी की यह पंक्तियां उनके व्यक्तित्व पर एकदम सटीक बैठती हैं, ‘वसुधा का नेता कौन हुआ, भूखण्ड विजेता कौन हुआ। नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ, अतुलित यशक्रेता कौन हुआ। जिसने न कभी आराम किया, विघ्नों में रहकर काम किया।‘ राष्ट्रपति जी इसकी साक्षात प्रतिमूर्ति हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आई0वी0आर0आई0 कृषि और वेटनरी साइन्स के एक सेण्टर ऑफ एक्सीलेन्स के रूप में काम कर रहा है। यह देश और दुनिया के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है। एम्स टर्शरी केयर और स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में देश व दुनिया का बेहतरीन केन्द्र माना जाता है। वर्ष 2014 के बाद प्रधानमंत्री जी के विशेष प्रयासों से आयुष मंत्रालय का गठन हुआ। उनके प्रयासों से ट्रेडिशनल मेडिसिन को आज देश में सम्मान प्राप्त हो रहा है। गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना से उत्तर प्रदेश इस क्षेत्र में और तेजी के साथ आगे बढ़ेगा। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय एलोपैथी, आयुर्वेद, नर्सिंग, फार्मेसी, पैरामेडिकल और एग्रीकल्चर जैसे क्षेत्रों को लेकर आगे बढ़ रहा है। इन सभी क्षेत्रों में यह विशिष्ट अध्ययन और अध्यापन का एक केन्द्र है। यह विश्वविद्यालय इन क्षेत्रों में शोध और अनुसंधान को भी आगे बढ़ाने वाले एक संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद तथा गोरक्षपीठ से जुड़ी संस्थाओं एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित पूरे उत्तर प्रदेश के लिए राष्ट्रपति जी का मार्गदर्शन एक प्रेरणा है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का शुभारम्भ वर्ष 1932 में युग पुरुष ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज ने गोरखपुर में किया था। यह क्षेत्र उस समय शैक्षिक दृष्टि से पिछड़ा हुआ था। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गोरक्षपीठ ने मिलकर आजादी के बाद प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बनाने में योगदान दिया था। आज गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रदेश का एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है। आज भी गोरक्षपीठ की परम्परा के पूज्य आचार्यों व संस्थापकों तथा प्रधानमंत्री जी की भावना के अनुरूप राष्ट्र प्रथम के भाव से गोरक्षपीठ द्वारा संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की 52 से अधिक संस्थाएं गोरखपुर व अगल-बगल के जनपदों में शिक्षा, स्वास्थ्य और लोक कल्याण के अभियान को आगे बढ़ा रही हैं। आज का यह कार्यक्रम गोरक्षपीठ की इसी परम्परा का प्रतिनिधित्व कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गैलेण्ट इण्डिया के सहयोग से यहां ऑडिटोरियम तथा विश्वविद्यालय द्वारा पंचकर्म का विशिष्ट केन्द्र बनाया गया है। आयुर्वेदिक पंचकर्म शरीर शोधन की एक विशिष्ट प्रक्रिया है। देश, काल और परिस्थिति के कारण जब व्यक्ति वात, पित्त या कफ जनित किसी विकार का शिकार होता है, तो उसमें अलग-अलग चिकित्सा पद्धतियां अपना काम करती हैं। लेकिन सबसे प्रभावी और विशिष्ट पद्धति आयुर्वेदिक पंचकर्म की पद्धति है, जिसे आज दुनिया भी स्वीकार कर रही है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद इसका विशिष्ट लाभ देश ने लिया है। 21 जून की तिथि को पूरी दुनिया अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन करती है। देश की राजधानी में ऑल इण्डिया इन्स्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विश्वविद्यालय के नए एकेडमिक भवन के लोकार्पण के साथ ही एक गर्ल्स हॉस्टल के शिलान्यास का कार्यक्रम भी आज राष्ट्रपति जी के कर-कमलों से सम्पन्न हुआ है। मुख्यमंत्री जी ने इन सभी कार्यों के लिए राष्ट्रपति जी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी भी उपस्थित हैं। उनका जीवन एक संघर्षमय जीवन है। एक शिक्षिका, महिला मोर्चा की अध्यक्ष, राज्यसभा की सदस्य तथा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल के रूप में उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। मुख्यमंत्री जी ने राज्यपाल जी का भी आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री जी ने गैलेण्ट परिवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय तथा यहां के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जुड़ने और विभिन्न अन्य कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में योगदान देने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, मत्स्य मंत्री श्री संजय निषाद, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति डॉ0 सुरिन्दर सिंह तथा अन्य फैकल्टी सदस्य और गैलेण्ट इण्डिया के अध्यक्ष श्री चन्द्र प्रकाश अग्रवाल उपस्थित थे।
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