उतरौला बलरामपुर - गुरुवार के दिन शाम को ग्राम अमया देवरिया में कर्बला के शहीदों की याद में हज़रत अब्बास का अलम, इमाम हुसैन की सवारी की शबीह जुलजनाह, हजरत अली अकबर, गहवारे अली असगर, हज़रत कासिम, हज़रत औन और मोहम्मद, हजरत हुर, मुस्लिम इब्ने अवसजा, जुहेर इब्ने कैन, हजरत वहबे कल्बी सहित कर्बला के 72 साथियों के शहीदों के ताबूत दरगाह हज़रत अब्बास अलमदार से निकाल कर मुख्य मार्ग से होकर मौजूद अज़ा दारों को ज़ियारत कराई गई।72 ताबूत कीज़िया रत के लिए अज़ादारों की भारी भीड़ रही। ताबूत का सिलसिलेवार तार्रुफ मौलाना जमाल हैदर हल्लौरी ने कराया। बाद ज़ियारत मुकामी अंजुमन ने नौहा खानी व सीनाजनी की।72 ताबूत की ज़ियारत से पूर्व दरगाह हज़रत अब्बास पर मोमीनीन अमया देवरिया के बैनर तले मौलाना ज़ायर अब्बास के ज़ेरे निग रानी में मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस को आजमगढ़ से आए हुए मौलाना मोहम्मद मेहंदी ने खिताब किया। मज लिस का निज़ामत इमरान उतरौलवी ने किया। मजलिस का आगाज़ तिलावते कलामे पाक से किया गया। मजलिस के दौरान आलम मीसम, सदाकत, मोनिसरिज़वी कामिल हाशमी आदि लोगों ने अपना कलाम पेश किया। मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना मोहम्मद मेहंदी ने मयारे इज़्ज़त पर बताया कि अल्लाह के नज़दीक मेयारे इज़्ज़त तालीम है, ईमान है और खौफे परवर दिगार है। खौफे परवर दिगार सबसे ज़्यादा कर्बला वालों में पाया जाता था। अन्त में मौलाना ने कर्बला के 72 शहीदों का मसाएब भी बयान किया, जिसे सुनकर मजलिस में बैठे सभी लोगों की आंखे नम हो गई। इस मौके पर इजहारुल हसन हमोजिद हुसैन,रईस मेहंदी, तहजीबुल हसन उर्फ तारा,अख्तर अब्बास, अली सज्जाद, रहबर हसन, वसी हैदर,अबू मोहम्मद, यहिया हाश मी, दावर हाशमी, काय म मेहंदी, अली इमाम हाशमी, जीशान मेहंदी, नौशाद मेहंदी, मोहम्मद आबिद, किशवर हुसैन, समीर रिज़वी, ऐमन रिज़वी, शुजा उतरौलवी, जकरिया रिज़वी, मोहम्मद इमरान, सना वर, तनवीर अली, गुल फाम हैदर सहित उतरौला, बलरामपुर, गोण्डा, तुलसीपुर, रेहरा माफी, बजहा, रैगांवा, पिपरा तहसील, गोपीभारी, चम्पापुर, हल्लौर, मीर पुर, मल्हीपुर,सादुल्लाह नगर से आए हुए सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहें। और ज़ायरीनो के लिए जगह जगह स्टाल लगाकर पानी, शरबत, लस्सी, कोल्डड्रिंक, चाय, बिस्किट, फल आदि वगैरा वितरित किया गया। हाजी मोहम्मद अब्बास की तरफ से नज़रे मौलाका एहते माम किया गया।जिसमे आये हुए सभीजायरीनो ने शिरकत किया। और नज़रे मौला को चखा।
हिन्दी संवाद न्यूज से
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उतरौला बलरामपुर।
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