उतरौला बलरामपुर - मोहल्ला सुभाष नगर शिया जामा मस्जिद के पास बड़ा इमामबाड़ा आबिदा बेगम में मरहूम सैय्यद आफताब हुसैन रिजवी की कायम करदा कदीमी शब्बेदारी सोमवार की रात्रि से लेकर मंगलवार की सुबह तक 25 मोहर्रम 1447 हिजरी में दिनांक 21 जुलाई को शिया समुदाय के द्वारा पारम्परिक कदीमी शब्बेदारी का आयोजन पूरी अकीदत और शिद्दत के साथ मनाया गया। इस शब्बेदारी की शुरुआत लगभग 8 बजे हुई शायरों ने इमाम सज्जाद को पुरसा दिया मशहूरों मारूफ मौलाना यासूब अब्बास साहब ने मजलिस खिताब की जिसके तुरंत बाद शबीहे ताबूत बीमार-ए-कर्बला की बरामदगी के साथ सफीर ए अजा अमीर हसन आमिर ने पूरदर्द नोहा पढ़ा। इस कार्यक्रम का संचालन अनीस जायसी ने की और खिताबत करते हुए अमया देवरिया वा बैरूनी अंजुमनों को नोहा ख्वानी के लिए आवाज दी अंत में नोहा खान अमीर हसन आमिर के द्वारा अलविदाई नोहा पढ़ा गया मौलाना यासूब अब्बास ने मजलिस में अपने भावपूर्ण अंदा ज में कर्बला की यादें ताजा करते हुए इमाम हुसैन की कुर्बानी और इंसानियत की सीख पर रोशनी डाली इस कार्यक्रम में नगर और आस पास के ग्रामी ण अंचलों से आएं अने क अंजुमनों ने भाग लिया। जिन्होंने नौहा मर्सिया और मातम के माध्यम से ग़म-ए-हुसैन को ज़िन्दा किया,हजारों की संख्या में शोकामन्द लोग इस शब्बेदारी में शामिल हुए, और पूरी रात इमाम हुसैन और उनके साथियों की कुर्बा नियों को याद करते रहे अमीर हसन आमिर ने बताया, कि इस मौके पर उस मुकद्दस मिट्टी की ज़ियारत कराई गई जहां कर्बला के चौथे इमाम इमाम ज़ैनुल आबिदीनअलैहिस्सलाम ने चालीस वर्षों तक ग़म-ए-हुसैन में गिरिया किया था, यह मिट्टी लोगों के लिए तबर्रुक बनी हुई है और अकी दत मन्दो ने बड़ी अकी दत से उसकी ज़ियारत की। इस कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण और मर्यादित वातावरण में सम्पन्न हुआ, जो देर रात लगभग चार बजे तक चला अन्त में फातेहा और दुआ के साथ इस कार्यक्रम का समापन हुआ। जिसमें अमन चैन भाई चारे और इंसानियत की कामयाबी के लिए दुआएं मांगी गईं।
हिन्दी संवाद न्यूज से
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उतरौला बलरामपुर।
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