बलरामपुर: माँ पाटेश्वरी विश्वविद्यालय बलरामपुर के छात्र-छात्राओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि सामने आई है। विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय (NDLI) क्लब की सदस्यता प्राप्त हो गई है। इस सदस्यता के साथ ही विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी 24 घंटे ऑनलाइन लाइब्रेरी की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवि शंकर सिंह ने एनडीएलआई क्लब की सदस्यता मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहल विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के शैक्षणिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
विश्वविद्यालय में एनडीएलआई क्लब के संचालन हेतु चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति में:
प्रोफेसर रवि शंकर सिंह, कुलपति, पैट्रन (संरक्षक) के रूप में।
प्रोफेसर राघवेंद्र सिंह, आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, बी.एड., एमएलके पी.जी. कॉलेज बलरामपुर, अध्यक्ष (प्रेजिडेंट) के रूप में।
डॉ. बसंत कुमार, सहायक आचार्य, रसायन शास्त्र विभाग, एमएलके पी.जी. कॉलेज बलरामपुर, सचिव के रूप में।
डॉ. हैदर अली, सहायक आचार्य, प्राणीशास्त्र विभाग, राजकीय महाविद्यालय लंगड़ी गूलर, श्रावस्ती, सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।
एनडीएलआई क्लब के माध्यम से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को देश-विदेश की करोड़ों डिजिटल पुस्तकें, शोध पत्र, ऑडियो-बुक्स, वीडियो लेक्चर, पत्रिकाएं और अन्य अध्ययन सामग्री आसानी से उपलब्ध होगी। यह पहल विश्वविद्यालय में डिजिटल शिक्षा और शोध को नई दिशा प्रदान करेगी।
राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय (NDLI)
राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय (एनडीएलआई) भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देश के सभी छात्रों, शिक्षकों और शोधार्थियों को मुफ्त और आसान डिजिटल अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना है। इसकी विकास और देखरेख की जिम्मेदारी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर को दी गई है।
एनडीएलआई एक ऐसा डिजिटल मंच है, जहां करोड़ों किताबें, शोध-पत्र, पत्रिकाएं, थिसिस, ऑडियो-बुक्स, वीडियो लेक्चर, परीक्षा तैयारी सामग्री आदि एक ही स्थान पर उपलब्ध हैं। यह मंच स्कूल के छात्रों से लेकर विश्वविद्यालय स्तर और शोध तक सभी के लिए उपयोगी है।
एनडीएलआई की एक विशेषता इसकी बहुभाषी प्रणाली है, जिसके अंतर्गत विभिन्न भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। इससे देश के दूर-दराज के विद्यार्थियों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच मिलती है।
इसके माध्यम से जेईई, नीट, यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों को भी बहुत लाभ मिलता है, क्योंकि यह विश्वसनीय और प्रमाणित अध्ययन सामग्री मुफ्त में प्रदान करता है।
कोविड-19 महामारी के दौरान जब देश में स्कूल और कॉलेज बंद थे, तब एनडीएलआई ने छात्रों के लिए अध्ययन जारी रखने में बड़ी भूमिका निभाई। यह डिजिटल शिक्षा को सुलभ बनाने का सशक्त माध्यम बन चुका है।
राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय (NDLI) : बिंदुवार जानकारी
परिचय
एनडीएलआई (National Digital Library of India) भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक मुफ्त डिजिटल पुस्तकालय सेवा है।
इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर द्वारा विकसित किया गया है।
उद्देश्य
सभी छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और आम जनता को नि:शुल्क गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना।
शिक्षा में डिजिटल साधनों का उपयोग बढ़ाना और देशभर में ज्ञान की समान पहुंच सुनिश्चित करना।
मुख्य विशेषताएँ
करोड़ों डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता (किताबें, शोध-पत्र, पत्रिकाएं, थिसिस, वीडियो लेक्चर, ऑडियो-बुक्स)।
बहुभाषीय सामग्री — हिंदी, अंग्रेजी सहित कई भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री।
स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय और शोध स्तर तक के लिए उपयोगी।
प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे जेईई, नीट, यूपीएससी आदि की तैयारी के लिए संसाधन।
महत्त्व
ग्रामीण एवं दूर-दराज के छात्रों को भी गुणवत्तापूर्ण डिजिटल सामग्री तक पहुंच।
कोविड-19 जैसे आपातकालीन स्थितियों में ऑनलाइन शिक्षा का सशक्त साधन।
शिक्षा में डिजिटल समानता और समावेशिता को बढ़ावा।
उपलब्धता और पहुंच
वेबसाइट और मोबाइल ऐप दोनों माध्यमों से नि:शुल्क सेवा।
सरल पंजीकरण प्रक्रिया।
विभिन्न विषयों में अध्ययन सामग्री की आसान खोज सुविधा।
राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय (NDLI) के लाभ –
मुफ्त अध्ययन सामग्री
करोड़ों किताबें, शोध-पत्र, ऑडियो-बुक्स और अन्य संसाधन नि:शुल्क उपलब्ध।
हर स्तर के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी
स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय, शोध और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए लाभकारी।
बहुभाषीय सामग्री
हिंदी सहित कई भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री उपलब्ध, जिससे सभी वर्गों को लाभ।
विभिन्न विषयों की विस्तृत सामग्री
विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक विज्ञान, कला, मानविकी आदि सभी विषय शामिल।
प्रतियोगी परीक्षाओं में मददगार
जेईई, नीट, यूपीएससी, गेट जैसी परीक्षाओं के लिए प्रमाणित अध्ययन सामग्री।
ग्रामीण व दूर-दराज के छात्रों को लाभ
दूरस्थ क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण सामग्री तक आसानी से पहुंच।
24x7 उपलब्धता
किसी भी समय, किसी भी स्थान से मोबाइल ऐप या वेबसाइट के माध्यम से संसाधनों तक पहुंच।
समय और धन की बचत
महंगी किताबें खरीदने या लाइब्रेरी जाने की आवश्यकता नहीं।
शोध और नवाचार को बढ़ावा
शोध-पत्र, थीसिस और उच्च अध्ययन के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध।
पर्यावरण के अनुकूल
डिजिटल माध्यम से शिक्षा, कागज की बचत और पर्यावरण संरक्षण।
स्व-अध्ययन की संस्कृति को बढ़ावा
छात्र अपनी गति से स्वतंत्र रूप से अध्ययन कर सकते हैं।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
बलरामपुर।
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