परिषदीय विद्यालयों की पेयरिंग/मर्जर के विरोध में उतरे उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए आंदोलन का ऐलान किया है।प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में परिषदीय विद्यालयों के पेयरिंग/मर्जर के आदेश को छात्र,शिक्षक व शिक्षा विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग की है।उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय तिवारी व प्रदेश महामंत्री उमाशंकर सिंह ने कहा कि पेयरिंग/मर्जर की कार्यवाही बेसिक शिक्षा विभाग के लिए एक आत्मघाती कदम सिद्ध होगा। यह शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 एवं बाल अधिकार के सर्वथा विपरीत है। पदाधिकारियों ने कतिपय विद्यालयों में छात्र संख्या कम होने पर विभागीय अधिकारियों की दोषपूर्ण ढंग से मान्यता देने की नीति को जिम्मेदार ठहराते हुए परिषदीय विद्यालयों की एक किलोमीटर की परिधि में दिए गए स्कूलों की मान्यता की जांच कराकर प्रत्याहरित करने की मांग की है। वही बड़े पैमाने पर चल रहे गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के विरुद्ध विभागीय अधिकारियों की चुप्पी पर आक्रोश व्यक्त किया है। प्रदेश अध्यक्ष विनय तिवारी ने कहा कि कतिपय विद्यालयों में प्रदर्शित की जा रही कम छात्र संख्या में शिक्षकों का कोई दोष नहीं है।शिक्षकों को बेवजह बदनाम किया जा रहा है।नियमों का उल्लंघन करके बड़े पैमाने पर प्रत्येक जिले में मान्यता दी गई है जिसकी जांच कराई जानी चाहिए। विद्यालयों को बंद करना समस्या का हल नहीं है। इस मसले पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए आगामी 27 जून को प्रदेश के सभी जनपदों में दोपहर बाद दो बजे सभी जिलाध्यक्ष/मंत्री के नेतृत्व में संबंधित जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा।पेयरिंग/मर्जर का फैसला वापस न होने पर रणनीति तय करके बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। इस संबंध में सभी प्रादेशिक पदाधिकारियों,मांडलिक मंत्रियों और जिलों के अध्यक्ष, मंत्री को आवश्यक निर्देश भेज दिए गए हैं।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
बलरामपुर।
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