उतरौला बलरामपुर- उत्तर प्रदेश के जनपद बलरामपुर में स्थित उतरौला कस्बे में एक ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व से परिपूर्ण दुःखहरण नाथ मन्दिर स्थित है। इस मन्दिर पर शिवलिंग के दर्शन और जलाभिषेक के लिए दूर-दराज से काफी श्रद्धालु महाशिवरात्रि, श्रावण मास, हरतालिका तीज और मलमास के अवसर पर बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं। इसके धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे पर्यटन स्थल के रूप में इसे मान्यता प्रदान की है। मन्दिर के महन्त मयंक गिरि के अनुसार, यह शिवलिंग मुगलकालीन शासन के दौरान एक चमत्कारी घटना के रूप में प्रकट हुआ था। कहा जाता है कि नगर के दक्षिण छोर पर एक घुमक्कड़ सन्तजयकरन गिरि विश्राम कर रहे थे, तभी उन्होंने स्वप्न में आदेश प्राप्त किया कि इस स्थान की खुदाई करें। जब खुदाई शुरू हुई तो मिट्टी के नीचे से एक भूरे रंग का उत्तर दिशा की ओर मुड़ा हुआ शिवलिंग निकला। इसे तत्काल उसी स्थान पर स्थापित कर दिया गया। इस ऐतिहासिक शिवलिंग के बारे में मान्यता यह है कि जब मुगल शासक नेवाज खां को इस बात की जानकारी हुई, तो उसने इसे नष्ट करने का प्रयास किया। उसने अपने सैनिकों को आदेश दिया कि वे शिवलिंग पर आरी चलाकर इसे खंडित कर दें। जैसे ही सैनिकों ने आरी चलाई, शिवलिंग से रक्त की तेज धार बहने लगी। यह दृश्य देखकर सैनिक भयभीत हो गए और वहां से भाग निकले। स्वयं मुगल शासक भी इस अद्भुत दृश्य को देखकर आतंकित हो गये। बाद में जब उसे अपनी भूल का एहसास हुआ, तो उसने इस स्थान को पुनः स्थापित करने का आदेश दिया।
धीरे-धीरे यह स्थान आस्था और चमत्कारिक शक्तियों का केन्द्र बन गया। यह मान्यता बनी कि यहां आने से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं। इसलिए इसे दुःख हरण नाथ मन्दिर का नाम दिया गया। यह मन्दिर शिव भक्तों के लिए एक पवित्र स्थल बन चुका है। महाशिवरात्रि,श्रावण मास, हरतालिका तीज और मलमास केअवसर पर यहां विशेष रुप से पूजा-अर्चना एवं जला भिषेक किया जाता है। इन अवसरों पर आदर्श नगर पालिका परिषद उतरौला के द्वारा मन्दिर परिसर और मेले के दौरान साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था एवं अन्य आवश्यक सुविधा ओं का विशेष ध्यान दिया जाता है महाशिव रात्रि के दिन यहां पर हजारों श्रद्धालु जला भिषेक करने आते हैं और मन्दिर परिसर में रुद्राभिषेक, हवन, भज न, कीर्तन और भव्य शोभा यात्रा का आयोज न किया जाता है। मान्यता यह है कि जो भी भक्त सच्चे मन से शिवलिंग पर जलअर्पित करता है, उसके सभी दुःख समाप्त हो जाते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस मन्दिर की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को देखते हुए इसे पर्यटन स्थल घोषित कर दिया है। इसके तहत यहां परं श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। मन्दिर परिसर के सौंदर्यीकरण, सुविधाजनक मार्गों, विश्राम स्थलों और अन्य धार्मिक गति विधियों के लिए सरकार विशेष योजनाएं बना रही है। दुःखहरण नाथ मन्दिर उतरौला की आस्था का ऐतिहासिक और चमत्कारिक घटनाओं से जुड़ी एक पवित्र स्थली श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखती है। यहां की मान्यता, पौराणिक कथा और धार्मिक आयोजन इसे उत्तर प्रदेश के प्रमुख शिव मन्दिरो में से एक हैं। महाशिव रात्रि एवं अन्य धार्मिक अवसरों पर यहां पर उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ इस मन्दिर की अपार आस्था और महिमा का प्रमाण देती है।
हिन्दी संवाद न्यूज से
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उतरौला बलरामपुर।
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