जौनपुर। व्यायाम करें और सकारात्मक जीवन व्यतीत करें: डा0 नीरज प्रकाश सिंह

जौनपुर। हृदय रोग संस्थान कानपुर के प्रख्यात हार्ट सर्जन एवं राजकीय कानपुर मेडिकल कॉलेज के ह्रदय रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डा0 नीरज प्रकाश सिंह ने कोविशील्ड के बारे में कहा है कि कोविड नसों की बीमारी थी। इस बीमारी से शरीर के नसें खराब हो जाती थी, फेफड़ों पर असर पड़ता था। कोविशील्ड इस बीमारी के खिलाफ एण्डी बाडी बना कर बीमारी से लड़ने मे मदद करता था। उस समय कोविशील्ड लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। कोविशील्ड ने भारत ही नही अपितु कई देशों मे करोना से होने वाले बड़े नर संहार से रक्षा की है। 

वैसे तो हर वैक्सीन का थोड़ा बहुत साइड इफेक्ट रहता है, जैसे बीसीजी वैक्सीन मे बुखार आना आदि। हो सकता है हजारों कोविशील्ड वैक्सीन लिए लोगों मे किसी एक मे कोविशील्ड क़े भी साइड इफेक्ट मिले हों। वे रविवार को नगर के एमएस पैरामेडिकल कालेज पालिटेकनिक चैराहा इलाहाबाद रोड पंजाब बैक के बगल में भारत समाज विकास ट्रस्ट द्वारा आयोजित निःशुल्क हृदय रोग के जांच शिविर के दौरान बड़ी संख्या में एकत्रित रोगियों को सम्बोधित कर रहे थे। 
            
उन्होने बताया कि जिन लोगों को हार्ट अटैक हो चुका है। वे चिकित्सकों की सलाह पर नियमित दवायें लें, ब्लड प्रेशर सामान्य रखने का प्रयास करें, अपनी नियमित और सक्रिय दिनचर्या रखें, फास्ट फूड और डिब्बा बन्द खाद्य सामग्री का प्रयोग न करें, नमक हल्का लें, शराब सिग्रेट का सेवन कत्तई न करे, नींद पूरी ले और तनाव से बचे और व्यायाम करें और सकारात्मक जीवन व्यतीत करें। उन्होने कहा कि 60 साल से अधिक लोगों को हार्ट की बीमारी से बचने के लिए वसायुक्त खाद्य पदार्थो का प्रयोग न करें। इससे कोलेस्ट्राल के स्तर में वृद्धि होती है। जिससे धमनियों में रूकावट हो सकती है। पौष्टिक खाद्य पदार्थो का सेवन करें। 

उन्होने कहा कि समय से आयु अधिक होने पर खान पान में नियंत्रण रखें, मार्निग वाक करें और ताजे भोजन का सेवन करें। शिविर में डा0 नीरज प्रकाष सिंह ने कुल 88 लोग देखे और परामर्ष दिया गया। हार्ट सर्जरी में गोल्ड मैडलिस्ट सर्जन ने शिविर में ओपेन हार्ट सर्जरी से जुड़े पुराने केस जिन्होने कानपुर मेडिकल कॉलेज मे आपरेशन करा रखा था उन्हे देखा।
 इस अवसर पर निःशुल्क इसीजी, आवश्यक खून की जांच, उपलब्ध हार्ट की दवायें निःशुल्क वितरित की गयी। ट्रस्ट के पदाधिकारी ने बताया कि यह शिविर हर माह के दूसरे रविवार को निरन्तर लगता रहेगा।

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