उत्तर प्रदेश 
जनपद-महराजगंज 
नौतनवा, गनेशपुर,
रमजान तो जारहा है मगर सबको रुला कर जारहा है, यह ऐसा पाक महीना है जिसमें लोग रब को राज़ी करने में लग जाते हैँ, वहीं पर नन्हें मुन्हे बच्चों नें रमजान के आखिरी जुमा (अलविदा)को रोजा रख कर अपने मुल्क के अमन व सलामती के लिए दुवा की, बच्चों के इस उत्साह को देख कर लोगों में काफ़ी चर्चा रहा, लोगों नें आपस में यह बात करते हुवे कहा कि यक़ीन नहीं होता कि इतने छोटे छोटे बच्चों नें रोजा रखा, बड़े लोग जो हट्टा खट्टा हैँ रोजा नहीं रख पाते हैँ और तमाम सारे बहाना बाज़ी करते हैँ मगर इन बच्चों नें उनको यह दर्स दिया कि आप लोग भी रोज़ा रखें, रमजान महीने की क़दर करें,अगर रोजा रख नहीं सकते तो खुलेआम खाने पीने से बचें,
यह पाक महीना अब हम सबसे जुदा होरहा है, अलविदा माहे मुबारक अलविदा!
*शाइस्ता फातिमा हनफ़ी नें कहा कि अगर हमारे वालिद वलिदा मना न करते तो हम पूरे महीने का रोज़ा रखते*

*सुरैया फातिमा हनफ़ी नें कहा कि रमजान ऐसा बरकत वाला महीना है, जिमसे हर गरीब को अच्छे से अच्छे खाने पीने को मिल जाता है* 

इसी के साथ साथ शाइस्ता फातिमा हनफ़ी नें कहा कि रमजान के महीने में ज़कात हर मर्द औरत पर फर्ज़ है, ईद की नमाज़ पढ़ने से पहले अदा करदें,
सुरैया फातिमा हंफी नें कहा की रमजान में ज़कात अदा करेंगे तो दूसरे गरीबों के घर पर भी ईद मन जाता है!
बच्चियों के हौसले को अफ़ज़ाई करने में बहुत सारे लोग इकट्ठा थे!डॉ खुर्शीद अहमद अंसारी प्रिंसिपल M.A.S.(हाइस्कूल)शिकारगढ़,
हाफ़िज़ व कारी गयासुद्दीन खान नूरी, प्रिंसिपल मदरसा मोगलाहा,
जमाल हैदर खान निज़ामी,प्रबंधक मदरसा मुड़िला,
कारी रिज़वान अहमद खान अलिमी,
कारी मोहम्मद अक़ील खान,
डॉ हाफ़िज़ गुलाम मोहिउद्दीन,
कारी मोहम्मद शमसेर,
रियाजुद्दीन अंसारी उर्फ़ राजू भाई,
अब्दुल क़ादिर उर्फ़ परवेज़ अंसारी,
हाजी गयासुद्दीन आंसरी,

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