रिश्वत लेने के आरोप में जेल में निरुद्ध बाबू की नियुक्ति निकली फर्जी
  पिछले 30 वर्षों से विभाग और शासन को दे रहा था चकमा,एंटीकरप्शन के हत्थे चढ़ा तो खुली पोल।
BSA कार्यालय कन्नौज में तैनात  बड़े बाबू विमल कुमार की नियुक्ति निकली फर्जी।जेल जाने के बाद खुलीपोल,नियुक्ति पत्र वायरल।
विमल कुमार के पिता राजबहादुर प्रा.वि.म्योरा जांगीर जनपद मैनपुरी में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे।15/02/1985 में सेवाकाल में ही उनकी मृत्यु हो गयी थी।
मृत्यु के उपरांत विमल कुमार के बड़े भाई अनिल कुमार पांडेय ने मृतक आश्रित कोटे से 11/07/1986 को बेसिक शिक्षा  विभाग में कनिष्ठ लिपिक के पद पर नौकरी ले ली थी।उस समय आरोपी बाबू विमल कुमार नाबालिग था।
बालिग होने पर तथ्यों को छिपाकर फर्जीवाड़ा करके विमल कुमार पांडेय ने पिता के स्थान पर मृतक आश्रित कोटे से 05/10/1994 को बेसिक शिक्षा विभाग में कनिष्ठ लिपिक के पद पर खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय नगर क्षेत्र सिकन्दराराऊ जनपद अलीगढ़ में हथिया ली।

  जबकि नियमानुसार मृतकाश्रित कोटे से किसी कर्मचारी के दिवंगत होने पर उनके परिवार के किसी एक ही सदस्य को नौकरी दी जाती है।
लेकिन विमल कुमार पांडेय और उसके भाई अनिल कुमार पांडेय ने फर्जीवाड़ा करके अपने प्रभाव से उच्च अधिकारियों से सेटिंग करके दो नौकरियां हथिया ली।
वर्ष 1997 में अलीगढ़ से कटकर जनपद हाथरस की स्थापना हुई जिससे ये बाबू जनपद हाथरस(महामाया नगर) में आ गया।फिर बहुत ही सफाई से विमल कुमार पांडेय ने अपना स्थानांतरण 1999 को जनपद कन्नौज में करा लिया,जिससे ये राज दफन गया।जबकि इसका बड़ा भाई अभी भी जनपद मैनपुरी में तैनात है।
वर्ष 1999 के बाद  विमल कुमार पांडेय ने जनपद कन्नौज को ही अपना ठिकाना बना लिया जबकि इसका पैतृक निवास ग्राम सलेमपुर पो.खेरिया जनपद फिरोजाबाद में था।
इन दोनों भाइयों ने अपने पैतृक निवास और परिवार से दूरी बना ली जिससे परिवार या गाँव का कोई सदस्य को इसके फर्जीवाड़े की भनक न लग जाये।
और अनिल पांडेय ने मैनपुरी को और विमल ने कन्नौज को अपना ठिकाना बनाकर यहीं पर बस गया।और इन वर्षों में इन दोनों भाइयों ने मिलकर जनपद मैनपुरी और कन्नौज में अपनी धाक बनाकर जमकर भ्रष्टाचार करके अकूत संपत्ति अर्जित की।और उसी धनबल के जरिये राजनीति में भी अपनी पकड़ स्थापित की।जिससे कभी फंसने पर उसका बचाव हो सके।
जनपद कन्नौज में कोई भी BSA रहा हो,बिना विमल बाबू के बेसिक शिक्षा विभाग में एक पत्ता भी नहीं हिलता था।
विमल कुमार के जेल जाने के बाद जब दोनों भाइयों के नियुक्ति पत्र एक साथ वायरल हुए तो बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
गौरतलब बात ये है कि इतने वर्षों से फर्जी नियुक्ति के सहारे शासन प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर ये बाबू नौकरी करता रहा और उच्च अधिकारियों को भनक भी नहीं लगी,ये कैसे सम्भव हुआ।
 सूत्रों के मुताबिक एंटीकरप्शन टीम ने भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में निरुद्ध विमल बाबू और उसके भाई अनिल कुमार पांडेय की फर्जी नियुक्ति को भी संज्ञान में ले लिया है।
अब इस प्रकार के फ्रॉड में शामिल कई अधिकारी और बाबू भी गिरफ्त में आ सकते हैं।
जनपद फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़,हाथरस और कन्नौज से जुड़े हैं इस फर्जीवाड़े के तार।

     हिन्दी संवाद न्यूज़ से
      वी. संघर्ष✍️
     9140451846
     बलरामपुर l

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने