उतरौला बलरामपुर जनपद के नवसृजन होने के पच्चीस साल बीत गए लेकिन कृषि मंत्रालय ने अभी तक बलरामपुर जनपद में खाद का रैंक प्वाइंट नहीं बनाया है। रैंक प्वाइंट न बनने से बलरामपुर जिले का खाद गोण्डा रेलवे जंक्शन के रैंक प्वाइंट पर उतारा जाता है। कम्पनियों से आए दिन खाद को गोण्डा जंक्शन के रेलवे रैंक प्वाइंट से उठा कर टक परिवहन से ढोकर बलरामपुर जिले के दूरदराज इलाके तक पहुंचाया जाता है। इससे एक तरफ टक परिवहन से खाद की ढुलाई किए जाने से किसानों के लिए खाद महंगी पड़ती है वहीं किसानों को खाद समय से नहीं मिल पाता है। विगत वर्ष जिलाधिकारी ने कृषि अधिकारियों की एक बैठक में बताया कि बलरामपुर जिले में रैंक प्वाइंट बनाने के लिए पत्र कृषि मंत्रालय के साथ प्रदेश के कृषि विभाग को भेजा गया था। उसके बाद भी अभी तक बलरामपुर जिले में रेलवे विभाग में खाद का रैंक प्वाइंट नहीं बन सका।
आजादी के बाद से गोण्डा जिले में इफ्को, यूरिया,डी ए पी खादों की निर्माण कम्पनी के द्वारा रेलवे स्टेशन पर बने रैंक प्वाइंट पर भेजा जाता रहा था। शासन ने 1997 में गोण्डा जिले को विभाजन करके बलरामपुर जिले को बनाया गया था। नवसृजित जिले के बनने के 25 वर्ष बीतने के बाद कृषि विभाग ने बलरामपुर जिले में खाद का रैंक प्वाइंट नहीं बनवाया। बलरामपुर जिले में रेलवे में रैंक प्वाइंट न होने से सहकारी समितियों, कृषि गोदामों में खाद गोण्डा के रेलवे के रैंक प्वाइंट से किया जाता है। बलरामपुर जिले में रैंक प्वाइंट न होने से खाद को गोण्डा से लाकर बलरामपुर जिले के नेपाल सीमा तक खाद की आपूर्ति करनी पड़ती है। गोण्डा रेलवे स्टेशन के रैंक प्वाइंट से बलरामपुर जिले के सूदुरवर्ती स्थानों पर खाद पहुंचाने के लिए गोण्डा मुख्यालय पर टेन्डर कराया जाता है। इसके लिए कृषि विभाग को काफी धनराशि खर्च करनी पड़ती है। पच्चीस सालों से कृषि विभाग के द्वारा बलरामपुर जिले के रेलवे स्टेशन पर रैंक प्वाइंट की समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी ने बीते अक्टूबर माह में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके इसके लिए विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया। क्षेत्रीय प्रबंधक पीसीफ गोण्डा आशीष पांडे ने बताया कि बलरामपुर जिले में बड़ी रेलवे लाइन बनने के साथ उसका विघुतीकरण हो जाने से विभिन्न खाद कम्पनियों के द्वारा बलरामपुर जिले को खाद आपूर्ति करने में सुविधा होगी। इसको देखते हुए बलरामपुर जिले में रैंक प्वाइंट बनाने के लिए जिलाधिकारी ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उसके साथ जिलाधिकारी ने रैंक प्वाइंट की मंजूरी के लिए कृषि मंत्रालय दिल्ली व कृषि विभाग उत्तर प्रदेश को पत्र लिखा गया है लेकिन अभी तक बलरामपुर जिले के रेलवे में रैंक प्वाइंट बनाने की मंजूरी नहीं मिली है। एडीओ सहकारिता संतोष कुमार वर्मा ने बताया कि जिले में खाद का रैंक प्वाइंट न होने से सारा खाद गोण्डा रेलवे स्टेशन के रैंक प्वाइंट पर उतर दिया जाता है। इससे समितियों व व्यापारियों को समय से खाद नहीं मिल पाती है और किसानों को महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ता है।
असगर अली
उतरौला
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