मुख्यमंत्री ने जनपद अयोध्या में नवनिर्मित
श्रीरामनाम स्तूप एवं श्री रामलला भवन का लोकार्पण किया

श्रीराम जन्मभूमि पर श्री रामलला के विराजमान होने के पूर्व यहां पर
रामकोट के भव्य लोकार्पण का कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा, यह इसलिए
महत्वपूर्ण कि इस पवित्र स्थल पर नाम और नामी दोनों विराजमान: मुख्यमंत्री

कलियुग में नाम का अपना महत्व, राम नाम के
जप से सौ गुना ज्यादा पुण्य राम का नाम लिखने से मिलता है

श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखकर अयोध्या में अनेक कार्य कराये जा रहे

केन्द्र और प्रदेश सरकार पंचकोसी, 14 कोसी तथा 84 कोसी परिक्रमा में संतों और
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर अनेक कार्यक्रम संचालित कर रहीं

अगले एक वर्ष में अयोध्या का सुन्दरतम स्वरूप सभी को देखने को मिलेगा

अयोध्या सूर्यवंश की राजधानी रही, इसे प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप
सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए सोलर पैनलों का उपयोग आवश्यक


लखनऊ: 19 मार्च, 2023


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद अयोध्या में नवनिर्मित श्रीरामनाम स्तूप एवं श्री रामलला भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह अत्यन्त प्रफुल्लित करने वाला क्षण है। श्रीराम जन्मभूमि पर श्री रामलला के विराजमान होने के पूर्व यहां पर रामकोट के भव्य लोकार्पण का कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि इस पवित्र स्थल पर नाम और नामी दोनों विराजमान हैं। हम सबने अपने पवित्र ग्रन्थ श्रीरामचरितमानस को पढ़ा है, जिसमें कहा गया है कि ‘कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा’। कलियुग में नाम का अपना महत्व है। राम नाम के जप से सौ गुना ज्यादा पुण्य राम का नाम लिखने से मिलता है। रामकोट में 28 करोड़ नाम संरक्षित किये गये हैं, इसमें और अभिवृद्धि होती हुई दिखाई देगी। अर्थात इसका पुण्य, फल हमें अनन्त काल तक न केवल सद्मार्ग पर चलने की, बल्कि जीवन के संवृद्धि पथ पर अग्रसर होने की एक नई प्रेरणा प्रदान करेगा। रामकोट में प्रभु का नाम भी है और प्रभु नामी भी है।
मुख्यमंत्री जी ने जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री श्रीधराचार्य जी महाराज को बधाई देते हुए कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के पूर्व अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखकर भव्य धर्मशाला और अतिथिशाला का निर्माण कार्य भी सम्पन्न कर दिया गया है। यह अद्भुत है। देश का कोई भी श्रद्धालु जब अयोध्या में आये, तो उसे हर प्रकार की सुविधा प्राप्त होनी चाहिए। राज्य सरकार यहां पर बुनियादी सुविधाओं के लिए बेहतरीन कार्य करने जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बिजली के उपभोग को कम करने के लिए सोलर पैनल का प्रयोग करना चाहिए। सोलर पैनल के उपयोग से बिजली के खर्च में कमी तो आएगी ही, साथ ही यदि आपके पास सरप्लस ऊर्जा होगी, तो राज्य सरकार उसे क्रय करके उचित मूल्य उपलब्ध कराएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने आश्रमों एवं घरांे के लिए नेट मीटरिंग की व्यवस्था की है और काॅमर्शियल स्थलों के लिए नेट बिलिंग की भी व्यवस्था की है। अयोध्या सूर्यवंश की राजधानी रही है। इसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मंशा के अनुरूप सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए सोलर पैनलों का उपयोग करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखकर अयोध्या में अनेक कार्य कराये जा रहे हैं। इससे प्रधानमंत्री जी की इच्छा के अनुरूप आने वाले समय में अयोध्या दुनिया की सुन्दरतम नगरी के रूप में स्थापित हो सकेगी। अयोध्या मंे सड़कांे के निर्माण का कार्य तेज गति से हो रहा है। रामपथ नये घाट से लेकर श्रीराम जन्मभूमि होते हुए आगे लखनऊ मार्ग तक, लखनऊ मार्ग से टेढ़ी बाजार होते हुए 04-लेन की कनेक्टिविटी दी जा रही है। श्री हनुमानगढ़ी के बगल से भक्ति पथ का निर्माण किया जा रहा है। सुग्रीव किला के बगल से श्रीराम जन्मभूमि के लिए भी 04-लेन की बेहतरीन कनेक्टिविटी प्रदान किये जाने हेतु कार्य चल रहा है। केन्द्र और प्रदेश सरकार पंचकोसी, 14 कोसी तथा 84 कोसी परिक्रमा में संतों और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर अनेक कार्यक्रम संचालित कर रही हंै। अगले एक वर्ष में अयोध्या का सुन्दरतम स्वरूप सभी को देखने को मिलेगा।
इस अवसर पर श्री त्रिदण्डी रामचन्द्र रामानुज जीयर स्वामी सहित अन्य संतगण, जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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