अंबेडकर नगर, 19 मार्च 2023 : मेदांता अस्पताल लखनऊ ने कार्डियक गैस्ट्रो आर्थो और न्यूरो संबंधी समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए रविवार को जमीयत उलमा हिंद टांडा में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। डॉक्टर आशुतोष कर्ण, सलाहकार (ऑर्थोपेडिक्स) और डॉ. प्रदीप कुमार(इंटरनल मेडिसिन) , (सीनियर क्लिनिकल एसोसिएट ) अपने-अपने विषयों से जुड़े मुद्दों पर विशेषज्ञ राय दी।L डॉ. *( प्रदीप कुमार)* ने कहा, “युवाओं में दिल के दौरे का खतरा बढ़ रहा है और अगर सही समय पर इसके जोखिम की पहचान और इलाज न किया जाए तो यह चिंता का एक बड़ा कारण बन सकता है। दिल के दौरे के मामलो मेदांता अस्पताल में हर समय कंसल्टेंट डीएम (हृदयरोग) की टीम मौजूद रहती है।” डा. *( प्रदीप कुमार)* ने यह भी कहा कि अस्पताल में टेएवीआर यानी नॉन-सर्जिकल आयोर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट की भी शुरुआत की गई है, जो विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले मरीजों के इलाज के लिए एक गैर-सर्जिकल तकनीक है। उन्होंने कहा, “हम सटीक उपचार के लिए नियमित रूप से आईवीयूएस यानी इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड और ओसीटी यानी ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी जैसी उन्नत इमेजिंग तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले अलग-अलग तरह के पेसमेकर के अलावा, हम दिल के दौरे के मामलों में मरीजों में सीआरटी और फिजिकल पेसिंग जैसे विशेष उपकरण भी लगा रहे हैं।” डॉ. *(आशुतोष* ने कहा, “जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है, हमें हड्डियों, मांसपेशियों और ऊतकों से जुड़ी समस्याएं सताने लगती हैं। ये समस्याएं मस्कुलोस्केलिटल डिसऑर्डर कहलाती हैं।” उन्होंने बताया, “उम्र के अलावा परिवार का चिकित्सा इतिहास, पेशा, जीवनशैली और कुछ गतिविधियां, मसलन-भारी वजन उठाना, कामकाज से जुड़ी भागदौड़ तथा झुककर बैठने व चलने की आदत, इन समस्याओं को और बढ़ा सकती है। मस्कुलोस्केलिटल डिसऑर्डर में टेंडोनाइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटाइड आर्थराइटिस, कार्पल टनल सिंड्रोम आदि समस्याएं शामिल हैं।” डॉ. *( आशुतोष)* ने कहा, “मस्कुलोस्केलिटल डिसऑर्डर की गंभीरता भिन्न हो सकती है, लेकिन ये बार-बार असहनीय दर्द उठने, जोड़ों में अकड़न और सूजन का कारण बन सकते हैं। इससे आपकी गतिविधियां सीमित हो सकती हैं और आपके लिए रोजमर्रा के जरूरी काम, जैसे कि चलना-फिरना, टाइपिंग करना, सामान उठाना या थामे रखना मुश्किल हो सकता है।” उन्होंने कहा, “यही कारण है कि अगर आप मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर से जुड़े लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं तो आपका अपने डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना अहम है। हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पहला कदम यह जानना है कि किन समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, ताकि आप उनसे बच सकें या उनका उचित उपचार कर सकें।” डा. चंद्रेश गुप्ता न्यूरो (क्लिनिकल एसोसिएट) मेदांता अस्पताल लखनऊ की बदौलत अब उत्तर प्रदेश की राजधानी में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हैं। मेदांता अस्पताल लखनऊ कई प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। मेदांता के सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर परामर्श के साथ-साथ अत्याधुनिक चिकित्सा एवं नैदानिक उपकरणों का इस्तेमाल करके मरीजों को समग्र देखभाल प्रदान करते हैं। मेदांता अस्पताल में इमरजेंसी, सघन देखभास, हृदय विज्ञान, न्यूरोसाइंसेस, कैंसर उपचार, मूत्र विज्ञान, किडनी लोग, किडनी ट्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट, अस्थि मज्जा ट्रांसप्लांट, आईसीयू आदि के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं और यह पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है। इसके साथ ही मेदांता अस्पताल अकबरपुर कि अरनव हॉस्पिटल में पेट रोग विशेषज्ञ और हृदय रोग विशेषज्ञ की मासिक ओपीडी भी संचालित कर रहा है

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