जिला मुख्यालय पर चक्काजाम, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के 22 साल पुराने मामले में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत ने मुकदमे की तारीख पर हाज़िर न होने पर सोमवार को कांग्रेस सांसद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उनकी पत्रावली अलग कर दी। साथ ही, अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करते हुए मुकदमे के विचारण के लिए अगली तिथि 18 मार्च नियत की है।  वाराणसी के बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं को फर्जी ढंग से आरोपित बनाए जाने के विरोध में 21 अगस्त 2000 को युवा कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला और प्रदेश अध्यक्ष एसपी गोस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता आयुक्त कार्यालय परिसर में जबरदस्ती घुस गए थे। मंडलायुक्त कोर्ट में घुस कर नारेबाजी और हंगामा किए थे। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ भी की थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब सभी को समझाने का प्रयास किया तो वे लोग उलझ गए थे।जिसके बाद पुलिस टीम ने बल प्रयोग किया तो कांग्रेस कार्यकर्ता पथराव करते हुए वहां से भागने का प्रयास करने लगे। उस दौरान पुलिस ने मौके से रणदीप सिंह सुरजेवाला और एसपी गोस्वामी सहित अन्य को गिरफ्तार किया था। इसी मामले में सोमवार को कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला, विजय शंकर पांडेय, संतोष चौरसिया, हाजी रहमतुल्ला, विद्याशंकर, अरविंद कुमार सिंह, अनिल श्रीवास्तव, शम्भूनाथ बाटुल, शांतेश उर्फ संतोष कुमार, दयानंद पाण्डेय, सतनाम सिंह, अशोक कुमार मिश्रा, संजीव कुमार जैन, विशेश्वर नाथ पांडेय व दयाशंकर सिंह के खिलाफ आरोप तय किया जाना था। लेकिन, कांग्रेस सांसद कोर्ट में हाज़िर नहीं हुए। इस पर अदालत ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।

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