आचार्य पं. दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री के अनुसार, सूर्यदेव 14 जनवरी की रात्रि 8.34 पर धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे, किंतु भगवान सूर्य को साक्षी मानने और सूर्य सिद्धांत होने के कारण मकर संक्रांति 15 जनवरी को प्रात: काल सूर्योदय से लेकर मध्याह्न में 12.49 तक मनाई जाएगी। संक्रांति का यह पुण्यकाल स्नान-दान के लिए पुण्य फलदायी होगा। . शास्त्री ने बताया कि मंगल 16 जनवरी को धनु राशि में गोचर करेगा। मंगल के बाद धन के कारक शुक्र भी धनु राशि में ही प्रवेश करेंगे। इन तीनों ग्रहों के राशि परिवर्तन से सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा।सूर्य, बुध और शुक्र के राशि परिवर्तन से द्वादश राशियों पर अलग-अलग प्रभाव नजर आएंगे। साथ में गुरु का अस्त 18 जनवरी को, बुध का भी अस्त पश्चिम दिशा में होगा। इससे राजनीतिक उतार-चढ़ाव, मौसम में बदलाव, अत्यधिक बारिश एवं प्राकृतिक घटनाओं के योग बन रहे हैं।मकर संक्रांति का महापर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। भगवान भास्कर धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे और इसके साथ ही खरमास का समापन हो जाएगा। भगवान सूर्य की आराधना के पर्व मकर संक्रांति पर तिलदान करने से संकट दूर होते हैं और पापों का शमन होता है। सूर्य की राशि परिवर्तन से रात्रि छोटी व दिन बड़े होने लगते हैं और मौसम में भी बदलाव नजर आता है।
15 जनवरी को सूर्योदय से दोपहर 12.49 बजे तक पुण्यकाल : मकर संक्रांति
pramod sharma
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