13 दिसंबर के लोकार्पण समारोह के बाद बाबा के धाम में शिव भक्तों का रेला उमड़ेगा। दो लाख श्रद्धालुओं की क्षमता वाले मंदिर चौक में ही शिव भक्तों का कुंभ होगा। अब आने वाले कुंभ, शिवरात्रि और सावन में मंदिर परिक्षेत्र की गलियों और सड़क पर लगने वाली कतार नजर नहीं आएगी।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में संपूर्ण काशी के दर्शन होंगे। शिव नगरी का इतिहास, भूगोल और पौराणिक मान्यताओं के दर्शन बाबा के धाम में ही होंगे। बाबा के मंदिर में प्रवेश के लिए चार द्वार बनाए गए हैं, लेकिन यात्रियों को यात्री सुविधा केंद्र से होकर ही गुजरना पड़ेगा। सुविधा केंद्र से स्कैन होने के बाद ही श्रद्धालु बाबा के धाम में प्रवेश कर सकेंगे।सावन, शिवरात्रि और प्रयागराज में कुंभ के दौरान काशी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है। जहां पहले श्रद्धालुओं को खड़े होने के लिए पांच हजार वर्ग फीट की जगह भी नहीं थी, वहां अब दो लाख श्रद्धालु एक साथ जुट सकेंगे। धाम में मंदिर चौक पर एक साथ दो लाख श्रद्धालुओं के जुटने की क्षमता है।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में संपूर्ण काशी के दर्शन होंगे। शिव नगरी का इतिहास, भूगोल और पौराणिक मान्यताओं के दर्शन बाबा के धाम में ही होंगे। बाबा के मंदिर में प्रवेश के लिए चार द्वार बनाए गए हैं, लेकिन यात्रियों को यात्री सुविधा केंद्र से होकर ही गुजरना पड़ेगा। सुविधा केंद्र से स्कैन होने के बाद ही श्रद्धालु बाबा के धाम में प्रवेश कर सकेंगे।सावन, शिवरात्रि और प्रयागराज में कुंभ के दौरान काशी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है। जहां पहले श्रद्धालुओं को खड़े होने के लिए पांच हजार वर्ग फीट की जगह भी नहीं थी, वहां अब दो लाख श्रद्धालु एक साथ जुट सकेंगे। धाम में मंदिर चौक पर एक साथ दो लाख श्रद्धालुओं के जुटने की क्षमता है।
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