लाशों पर राजनीति करने का मौका न मिलना अखिलेश के दुख की असली वजह: सिद्धार्थ नाथ


वाराणसी बम धमाके के आरोपियों के पैरवी के समय नहीं आई सपा को शर्म


लखनऊ, 05 अक्टूबर:

अखिलेश जी लखीमपुर में जो कुछ हुआ उससे आपसे ज्यादा दु:खी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी हैं। वह पहले ही घटना को बेहद  दुखद और दुर्भाग्यशाली बता चुके हैं। इसके बाद इस बाबत आप द्वारा बहाये जा रहे आंसू घड़ियाली हैं। आप किसानों के न कभी हमदर्द थे न हैं। आपकी सारी मंशा किसानों की लाश पर राजनीति कर पूरे प्रदेश में अराजकता फैलाने की थी। यही आपकी पार्टी का मूल चरित्र और पहचान है।"

यह बातें प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट के जवाब में जारी एक बयान में कही।

सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि लखीमपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की निष्पक्ष और तेजी से जांच के लिए मुख्यमंत्री ने न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया है। यह भी निर्देश दिया है कि सरकार घटना की तह तक जाएगी। जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। इसी क्रम में हर मृतक किसान के परिजनों को ₹45-45 लाख की सहायता राशि दिया। घायलों को 10 लाख और मृतक आश्रितों को सरकारी नॉकरी देने की घोषणा की है। सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल प्रबंधन के कारण अखिलेश की दाल नहीं गली। यही उनके दुख की वजह है। देश तो तब दुखी हुआ था जब आपकी पार्टी ने वाराणसी बम धमाके में शमिल आतंकियों की पैरवी की थी। उस समय तो सपा लोगों के नजरों में ही गिर गई जब इसी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये तल्ख टिप्पणी की थी कि आज आप जिनकी पैरवी कर रहे हैं, क्या कल उनको पद्मश्री से भी नवाजेंगे। पर यह सब आपको याद नहीं होगा। न इस पर कभी शर्म किए होंगें। लखीमपुर जो कुछ हुआ उसके लिए मुख्यमंत्री दुख जता चुके हैं। किसानों की हर मांग मानी चुकी है। फिर आपके पेट में मरोड़ क्यों उठ रहा है। 

मालूम हो कि अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि उप्र किसानों की हत्याओं को लेकर शोकाकुल है, ये महोत्सव का समय नहीं है।


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