प्रयागराज में इस साल भी बारिश के दौरान तटीय इलाकों में घरों के बाढ़ से घिरने का खतरा बन गया है। गंगा में उफान आने पर पानी गंगा किनारे के मोहल्लों में भरने लगा है। इन इलाकों में रहने वाले लोग घर तक पानी पहुंचने की चिंता से परेशान हैं। बाढ़ के खतरे को देखते हुए पुलिस भी अलर्ट हो गई है। संगम के रास्ते पर बैरिकेडिंग कर दी गई है, ताकि लोग आगे न जा सकें। इसके साथ ही गंगा और यमुना के तटीय इलाके में बाढ़ राहत पीएसी, गोताखोर और जल पुलिस के जवानों को तैनात किया गया। गुरुवार को अचानक गंगा व यमुना के बढ़ते जलस्तर पर तटीय इलाके में रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ा दी। खतरे की आशंका को देखते हुए चार कंपनी बाढ़ राहत पीएसी, एसडीआरएफ, 22 गोताखोर की ड्यूटी लगाई गई। जल पुलिस प्रभारी कड़ेदीन यादव और संबंधित थाने की पुलिस भी अपने-अपने क्षेत्र में नाव से लगातार हालात पर नजर रख रहे हैं और लोगों से अपील की जा रही है कि वह अनावश्यक पानी में जाने से बचें। एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में जिनके थाना क्षेत्र में गंगा-यमुना हैं, उन्हें विशेष रूप सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं बाढ़ के मद्देनजर जलकल विभाग के महाप्रबंधक (जीएम) हरिश्चंद्र बाल्मीकि ने गुरुवार को मोरी गेट, स्लूज गेट, चाचर नाला पंपिंग स्टेशनों का निरीक्षण किया। उन्होंने पंपों और डीजल की व्यवस्था देखी। मातहत अफसरों और कर्मचारियों को 24 घंटे पंपिंग स्टेशनों की निगरानी के निर्देश दिए। पर्याप्त मात्रा में डीजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। ताकि बारिश होने पर विद्युत आपूर्ति के बाधित हो जाने की दशा में डीजल पंपों को चलाकर पानी को निकाला जा सके। यह भी हिदायत दी गई कि बारिश होने पर पंपों को तत्काल चालू कर दिया जाए, जिससे जलभराव की समस्या न होने पाए।

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