राजेश शर्मा।जौनपुर : परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था का हाल जानने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल ने मछलीशहर के कई स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया। खामी मिलने पर प्राथमिक विद्यालय देवरिया के प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया। वहीं, तीन प्रधानाध्यापकों सहित दस शिक्षकों का वेतन और दो शिक्षामित्रों का मानदेय रोकने का आदेश दिया।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुबह 11.27 बजे कंपोजिट विद्यालय मुजार पहुंचे। यहां दो सहायक अध्यापक दो दिन से अनुदेशक बिना किसी सूचना के 12 जुलाई से लगातार अनुपस्थित मिलीं। विद्यालय परिसर में झाड़-झंखाड़ उगा था। जांच में तमाम खामियां पाई गईं। उन्होंने प्रभारी प्रधानाध्यापक राज कुमार यादव व सहायक अध्यापक मो. युनुस का अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने का आदेश दिया। यहां के प्राथमिक विद्यालय देवरिया पहुंचे। इस विद्यालय में कई अनियमितताएं मिलीं। एक सहायक अध्यापक व दो शिक्षामित्र गायब रहे।

प्रधानाध्यापक कक्ष जर्जर व विद्यालय में रंगाई-पोताई का कार्य नहीं हुआ था। कायाकल्प योजना के तहत यहां बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलीं। मध्याह्न भोजन योजना के खाद्यान्न न कन्वर्जन कास्ट का कोई अभिलेख प्रधानाध्यापक नहीं दिखा पाए। कंपोजिट ग्रांट का एक लाख रुपये दो साल में व्यय दर्शाया गया। घोर लापरवाही के आरोप में प्रधानाध्यापक जमीदार को निलंबित कर दिया गया। वहीं, सहायक अध्यापक राकेश यादव, लालचंद यादव, प्रेम सागर यादव का अग्रिम आदेश तक वेतन व दो शिक्षामित्रों का मानदेय रोका गया।

इसी क्रम में प्राथमिक विद्यालय हटिया प्रधानाध्यापक सहित चार शिक्षकों और प्राथमिक विद्यालय खजुरी में प्रधानाध्यापक व एक सहायक अध्यापक का वेतन रोका गया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की इस कार्रवाई से फर्जीवाड़ करने वाले प्रधानाध्यापकों व कागज पर नौकरी करने वाले शिक्षकों में खलबली मची है।

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