देर रात पुलिस ने अरुण पाठक के भेलूपुर स्थित आवास और अन्य ठिकानों पर छापा मारा। इस दौरान अरुण पाठक के भाई को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। परिजनों का आरोप है कि  बेटी का मोबाइल सहित सीसीटीवी का डीवीआर आदि पुलिस उठा ले गई। वहीं अरुण पाठक ने सोशल मीडिया के जरिए पुलिस पर हत्या कराने का आरोप लगाया है।  अरुण पाठक ने अपने फेसबुक वॉल से बुधवार को मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए भेलूपुर थाने की पुलिस पर आरोप लगाया। कहा कि रात के 1.30 बजे घर पर पुलिस भेजी जाती है। जैसे वो एक हिंदूवादी नेता का नहीं आतंकवादी का घर हो। सुरक्षा के लिए लगे सीसी कैमरा, डीवीआर और मेरी बेटी का मोबाइल भी पुलिस छीन ले गई। मेरे भाई को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिनकी किडनी खराब है। अरुण की तलाश में तीन थानों की पुलिस टीम लगी हुई है। बिहार तक पुलिस उसकी खोज में ताबड़तोड़ छापा मार रही है। पुलिस के अनुसार बिहार के किसी जिले में अरुण शरण लिया हुआ है। तकनीकी जानकारी होने के कारण मोबाइल ट्रेस कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है।

मंगलवार को अरुण पाठक ने सिगरा, रथयात्रा, भेलूपुर और लंका बीएचयू आदि इलाकों में विवादित पोस्टर चस्पा कराया था। इस मामले में भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज है। इसके पहले कैंट स्टेशन सहित रोडवेज परिसर में पोस्टर चस्पा हुआ था। इस मामले में भी सिगरा थाने में अरुण पाठक के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। दोनों थानों की पुलिस को अरुण की तलाश है।

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