NCR News: तालिबान के बढ़ते कब्जे ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में भारत युद्ध ग्रस्त पड़ोसी देश के विभिन्न स्थानों पर तैनात नागरिकों और अफसरों को निकालने पर विचार कर रहा है।2001 में अमेरिकी सेना की आमद और तालिबान के पतन के बाद से अफगानिस्तान में भारत की बड़ी मौजूदगी रही है। वहां की लोकतांत्रिक सरकार बनवाने में भारत मददगार रहा है। भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक, बातचीत चल रही है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सभी लोगों को वापस बुला लिया जाए या कुछ महत्वपूर्ण स्टाफ को वहीं छोड़कर बाकी को बुलाया जाए।रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान के शहरों के अलावा भीतरी इलाकों में स्थिति काफी खराब हो चुकी है। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए दूतावासों और भारत सरकार के वाणिज्यिक दफ्तरों का संचालन काफी मुश्किल हो गया है। तालिबान अफगानिस्तान के 421 जिलों में से एक तिहाई जिलों पर कब्जा कर चुका है। एक से दो माह में वह राजधानी काबुल पर कब्जा कर सकता है।

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