आगरा। उप्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने पर आत्मनिर्भर एक प्रयास के चेयरमैन राजेश खुराना ने डॉ रामबाबू हरित का उनके निवास पर मोतियों की माला व पटका पहना सम्मानित कर बधाई व शुभकामनाएं दी।
इस संदर्भ में आत्मनिर्भर एक प्रयास के चेयरमैन राजेश खुराना ने डॉ रामबाबू हरित को उप्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने पर ह्रदय से हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई देते हुए कहा कि सब्र का फल मीठा होता हैं यह कहावत डॉ राम बाबू हरित जी पर चरितार्थ होती हैं। डॉ रामबाबू हरित को उनकी सादगी व जिम्मेदारी से ईमानदारी के साथ संघटन के निरन्तर कार्य करने का फल उप्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाये जाने पर प्राप्त हुआ हैं। डॉ हरित जी को अध्यक्ष बनने के साथ ही प्रदेश की राजनीति में ताजनगरी का दबदबा और बढ़ गया है। पेशे से चिकित्सक डॉ रामबाबू हरित जी राजनीति में आने से पहले पृथ्वीनाथ महादेव रोड शाहगंज पर क्लीनिक में बैठकर गरीब मरीजों का इलाज करते थे। पुराने स्कूटर से ही मरीजों सेवा व संगठन में निरंतर मेहनत करते रहें। प्रदेश में यह पहला मौका है कि जब आगरा के किसी सुलझे और मेहनती नेता को एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष पद की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। प्रदेश सरकार में आगरा से दो राज्यमंत्री पहले से ही हैं। डॉ रामबाबू हरित जी वर्ष 2000-2003 के बीच प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री रहे हैं। वह वर्ष 1993 से वर्ष 2007 के बीच तीन बार विधायक रहे। हरित जी अपने राजनीति कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1989 में सभासद का चुनाव जीतकर की थी। इसके बाद वर्ष 1992 में डिप्टी मेयर भी रहे। वर्तमान में वह भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं। वर्ष 1980 में एमबीबीएस करने के बाद हरित जी ने कुछ सालों तक सरकारी अस्पतालों में भी अपनी सेवाएं दीं इसके बाद उन्होंने निजी प्रैक्टिस शुरू कर दी और जरूरतमंद ग़रीब मरीजों का इलाज अपनी क्लीनिक शुरू किया।
वहीं, उप्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष डॉ रामबाबू हरित ने कहा है कि वह दलित और अनुसूचित जनजाति के लोगों को न्याय दिलाने का काम करेंगे।
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