बाराबंकी। बैंकों के निजीकरण के विरोध में मंगलवार को दूसरे दिन भी कर्मचारी हड़ताल पर रहे। ऐसे में लगातार चार दिन से बैंक बंद होने से एटीएम भी मंगलवार को धोखा दे गए। उपभोक्ताओं को नकदी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा। मार्च के महीने में बैंक में हड़ताल को लेकर कई सरकारी लेन-देन भी प्रभावित हुए।
बैंकों के निजीकरण को लेकर बैंक कर्मचारियों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल मंगलवार को भी रही। इससे पहले महीने का दूसरा शनिवार और रविवार को लेकर दो दिन बैंक बंद थे। वहीं सोमवार से हड़ताल शुरू हो गई। ऐसे में मंगलवार को सभी बैंकों में ताले लटकते रहे। शहर से लेकर गांव तक बैंक बंद होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
आम आदमी से लेकर व्यापारी व सरकारी कर्मचारियों तक को वित्तीय वर्ष के अंतिम माह व त्योहारी सीजन में लगातार बैंक की बंदी मुसीबत बन गई। तमाम लोगों के चेक क्लियर नहीं हो पाए तो वहीं खाते में पैसा होने के बाद निकासी नहीं हो पाई। बैंक बंद होने से एटीएम पर बढ़े दबाव को लेकर मंगलवार तक अधिकांश एटीएम में कैश खत्म हो गया। पैसा निकालने के लिए ग्राहक एक एटीएम से दूसरे एटीएम भटकते रहे। मगर, एटीएम में कैश न होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।


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