अंबेडकर नगर  /एसडीएम कार्यालय  से (न्यायिक )पत्रावली गायब,  बार-बार शिकायत के बाद भी पीड़ित को न्याय ना मिलना प्रशासन के ऊपर सवालिया निशान .................................. मंडलायुक्त न्यायिक चतुर्थ के यहां से आई पत्रावली  एसडीएम टांडा के रजिस्टर के क्रमांक संख्या 1141 पर दर्ज होने के बाद भी  गायब,  आपको बताते चलें  बाबूराम वर्मा  पुत्र राम अचल निवासी ग्राम एकडंगी दाउदपुर पोस्ट सेमउर खानपुर तहसील टांडा जिला अंबेडकर नगर का मूल निवासी है जो कि उनकी  माता जी द्वारा दायर मुकदमा संख्या 343 /2004-2005, कंप्यूटरीकृत वाद संख्या 2004040000062 दुलारी बनाम हरी राम के नाम से निस्तारित होने के बाद आगे की कार्यवाही हेतु अपर आयुक्त (न्याय) चतुर्थ मंडल अयोध्या द्वारा पत्रावली जिलाधिकारी अंबेडकरनगर को 25 /05/ 2018 को वापस मिलती है जो पुनः 26 /05/2018  को एसडीएम कार्यालय रजिस्टर के क्रमांक संख्या 1141 पर दर्ज है इसी पत्रावली को खोजने का हवाला देकर एसडीएम टाण्डा के द्वारा कई महीनों से प्रार्थी को दौड़ाया जा रहा है जिसके उपरांत प्रार्थी विवश होकर डीएम अम्बेडकरनगर को रजिस्टर्ड डाक से 26/09 /2020 को अवगत कराया लेकिन  पत्रावली न मिलने की दशा में 08/10 /2020अपर आयुक्त  प्रशासन शिव पूजन के समक्ष पेश होकर आप बीती बताई और लिखित शिकायत 08 /10/ 2020 को दिया जिसके उपरांत उनके द्वारा 15 दिन के अंदर एसडीएम टांडा से आख्या मांगी गई लेकिन SDM टांडा ने मंडलायुक्त के   द्वारा मागी गई आख्या का जवाब ना दे कर गोलमाल कर दी जिसके उपरांत प्रार्थी पुनः विवश होकर उनके समक्ष 28/10/ 2020 को पेश हुआ जिसके उपरांत पूर्व में मांगी की गई (15 दिन के अंदर )आंख्या का हवाला देते हुए पुनः 13 दिन के अंदर महोदय द्वारा आख्या पुन: मांगी गई लेकिन अभी तक प्रार्थी की पत्रावली नहीं मिल सकी हद तो तब हो गई जब दूसरी बार न्याय न मिलने की दशा में प्रार्थी कोअपर आयुक्त प्रशासन के समक्ष तीसरी बार 11 /01 /2021 को पेश होना पड़ा जिसके उपरांत अपर आयुक्त प्रशासन  शिवपूजन द्वारा कॉल करके एसडीएम टाण्डा से कार्यालय में पत्रावली रिसीव करने के समय तैनात अलहमद के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा और पुनः आख्या 10 दिन के अंदर मांगी  है इस प्रकार के मामले यदि कार्यालय से हो रहे हैं  और एसडीएम महोदय द्वारा कारवाई ना कर के मामले को टाला जा रहा है  कहीं ना कहीं चिंता का विषय जरूर है देखने वाली बात  यह है कि प्रार्थी को न्याय मिलता है या माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने