अंबेडकर नगर | जलालपुर  कड़ाके की ठंड जब आम जनजीवन को ठिठुरा देती है, तब प्रशासन की असली परीक्षा होती है। कार्यालयों की गर्म फाइलों से निकलकर जब कोई अधिकारी रात की सर्द हवाओं में सड़क पर उतरता है, तभी शासन की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का वास्तविक स्वरूप सामने आता है। जलालपुर तहसील में उप जिलाधिकारी द्वारा किया गया रात्रि भ्रमण इसी प्रशासनिक चेतना का सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है।

बीती रात उप जिलाधिकारी राहुल गुप्ता ने तहसील क्षेत्र के प्रमुख चौराहों, बाजारों, बस स्टैंड, सड़कों के किनारे तथा संभावित रैन बसेरों का औचक निरीक्षण किया। खुले आसमान के नीचे ठंड से जूझ रहे गरीबों, असहायों और निराश्रितों से उन्होंने सीधे संवाद किया और मौके पर ही जरूरतमंदों को कंबल वितरित कर राहत पहुंचाई। यह कोई औपचारिक निरीक्षण नहीं, बल्कि मानवीय कर्तव्य का निर्वहन था।


जब प्रशासन ज़मीन पर उतरता है

रात्रि भ्रमण के दौरान उप जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों—नगर पालिका, राजस्व, पुलिस और आपदा प्रबंधन—को स्पष्ट निर्देश दिए कि शीतलहर के मद्देनज़र कोई भी व्यक्ति सहायता से वंचित न रहे। रैन बसेरों में कंबल, अलाव, स्वच्छ पेयजल और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ-साथ मोबाइल टीमों को निरंतर भ्रमण के निर्देश दिए गए। संदेश साफ था—लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं।

संवेदनशीलता ही सुशासन की पहचान

आज जब अक्सर प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठते हैं, ऐसे में राहुल गुप्ता जैसे अधिकारियों की पहल यह विश्वास जगाती है कि व्यवस्था अभी भी मानवीय मूल्यों से जुड़ी हुई है। जनता को केवल आदेशों और सूचनाओं की नहीं, बल्कि सहानुभूति और सुरक्षा की आवश्यकता होती है—और यह तभी संभव है जब अधिकारी स्वयं मैदान में मौजूद हों।

 शासन की सफलता केवल योजनाओं की घोषणा से नहीं, बल्कि उनके प्रभावी क्रियान्वयन से मापी जाती है। कड़ाके की ठंड में रात्रि भ्रमण कर जरूरतमंदों तक पहुंचना यह दर्शाता है कि जलालपुर तहसील में प्रशासन ‘फाइल-आधारित’ नहीं, बल्कि ‘फील्ड-आधारित’ मॉडल पर काम कर रहा है। ऐसे अधिकारी न केवल व्यवस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि समाज में प्रशासन के प्रति भरोसा भी पैदा करते हैं।


जनता में सकारात्मक संदेश

स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों ने उप जिलाधिकारी की इस पहल की सराहना करते हुए इसे अनुकरणीय बताया। आमजन का कहना है कि जब अधिकारी स्वयं ठंड में सड़कों पर उतरकर हालचाल लेते हैं, तो यह एहसास होता है कि प्रशासन उनके साथ खड़ा है।

उप जिलाधिकारी राहुल गुप्ता का यह रात्रि भ्रमण एक स्पष्ट संदेश देता है—प्रशासन का उद्देश्य केवल व्यवस्था चलाना नहीं, बल्कि हर नागरिक को सुरक्षित और सम्मानित जीवन देना है।
 यदि इसी प्रकार संवेदनशील, सक्रिय और जवाबदेह प्रशासनिक दृष्टिकोण बना रहा, तो शासन और जनता के बीच की दूरी स्वतः समाप्त होती चली जाएगी।



हिंदी-संवाद न्यूज। दिल से हिंदी।।

Sandeep Yadav, Team Head (Hindi Samvad News)

Mo.9455148926 


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