एड्स के मरीजों से नहीं, बीमारी के कारणों से बनाएं दूरी: डीएम
विश्व एड्स दिवस पर आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम
समय पर जांच और नियमित दवा सेवन ही एड्स नियंत्रण की सबसे मजबूत कड़ी
बहराइच / ब्यूरो। विश्व एड्स दिवस पर जिलेभर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। कलेक्ट्रेट कार्यालय से सीएमओ कार्यालय तक स्कूली बच्चों की विशाल रैली निकाली गई, जिसे जिलाधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में बच्चों व शिक्षकों ने पोस्टर और स्लोगन के जरिए सुरक्षित जीवनशैली अपनाने, समय पर जांच कराने और एचआईवी/एड्स से पीड़ित व्यक्तियों के प्रति भेदभाव न करने का संदेश दिया। इस वर्ष की थीम “बाधाएँ होंगी दरकिनार, एचआईवी/एड्स पर सशक्त प्रहार” रही।
जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने कहा कि सुरक्षित व्यवहार और समय पर जांच ही एचआईवी/एड्स के नए मामलों को रोकने की सबसे प्रभावी रणनीति है। मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चंद्र ने इसे सामाजिक संवेदनशीलता का विषय बताते हुए संक्रमित व्यक्तियों के प्रति समर्थन की अपील की। सीएमओ डॉ. संजय कुमार ने बताया कि नियमित दवाओं का पालन करने पर एचआईवी संक्रमित व्यक्ति वर्षों तक सामान्य और सक्रिय जीवन जी सकता है। उन्होंने कहा कि शुरुआती चरणों में लक्षण न दिखने के कारण लोग अनजान रहते हैं, इसलिए जोखिम की स्थिति में तुरंत जांच कराना आवश्यक है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एम.एल. वर्मा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज सहित रिसिया, कैसरगंज, पयागपुर, पखरपुर, नानपारा, शिवपुर और मिहींपुरवा में आईसीटीसी केंद्रों पर गोपनीय परामर्श व एचआईवी जांच निःशुल्क उपलब्ध है। इन केंद्रों पर औसतन 4 हजार से अधिक व्यक्तियों की जांच हर माह की जाती है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज स्थित एआरटी सेंटर पर निःशुल्क दवाएँ, इलाज और नियमित मॉनिटरिंग की सुविधा प्रदान की जा रही है। सभी गर्भवती महिलाओं की एचआईवी स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से की जाती है, ताकि जन्म से ही संक्रमण रोकने में मदद मिल सके।
कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने कहा कि जागरूकता, समय पर जांच और नियमित दवा सेवन ही एड्स नियंत्रण की मूल कुंजी है। उन्होंने अपील की कि एड्स के मरीजों के प्रति भेदभाव न करें, क्योंकि यह लड़ाई इंसान के विरुद्ध नहीं बल्कि बीमारी के विरुद्ध है और इसमें समाज की भागीदारी सबसे आवश्यक है। एचआईवी/एड्स के प्रमुख लक्षणों की जानकारी देते हुए डीएम श्री त्रिपाठी ने बताया कि लगातार कमजोरी और थकान, बिना कारण वजन कम होना, बार-बार बुखार या रात में पसीना आना, अधिक समय तक खांसी या गले का संक्रमण, त्वचा पर दाने या बार-बार फंगल इंफेक्शन, बार-बार दस्त लगना तथा महिलाओं में लगातार योनि संक्रमण होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें और जांच कराएं।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी अमित कुमार, डीएचईआईओ बृजेश सिंह, टी.आई. शरणम् संस्थान के परियोजना प्रबंधक संदीप सिंह, आईसीटीसी और एआरटी केंद्र के कर्मचारी, जिला बंदीगृह व सीएमसी विहान के प्रतिनिधि तथा एनटीईपी के स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।
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