बलरामपुर- जनपद में पट्टाधारकों को उनके वैधानिक भूमि अधिकार दिलाने के उद्देश्य से डीएम विपिन कुमार जैन के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा निरंतर प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। विदित है कि पट्टाधारकों को आवंटित की जाने वाली भूमि प्रारंभिक रूप से असंक्रमणीय होती है, जो 10 वर्षों के लिए दी जाती है। इस अवधि में पट्टाधारक न तो भूमि का विक्रय कर सकते हैं और न ही उस पर किसी प्रकार का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। निर्धारित अवधि पूर्ण होने के उपरांत भूमि संक्रमणीय हो जाती है, जिसके पश्चात पट्टाधारकों को विधिवत खतौनी एवं अन्य भूमि अभिलेख उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है।
जिलाधिकारी द्वारा पूर्व में किए गए तहसील तुलसीपुर के निरीक्षण के दौरान यह तथ्य संज्ञान में आया कि कई पट्टाधारकों के 10 वर्ष की अवधि पूर्ण हो जाने के बावजूद, भूमि के असंक्रमणीय से संक्रमणीय हो जाने के बाद भी उन्हें अब तक खतौनी एवं भूमि संबंधी अभिलेख प्राप्त नहीं कराए गए हैं। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पट्टाधारकों को उनके भूमि कागजात उपलब्ध कराने हेतु विशेष अभियान संचालित किया जाए।
इसी क्रम में संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर तहसील तुलसीपुर सभागार में जिलाधिकारी द्वारा 76 पात्र पट्टाधारकों को खतौनी/भूमि अभिलेख सौंपे गए, जिससे उन्हें उनके विधिक भूमि अधिकार प्राप्त हो सके। साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि कोई भी पात्र पट्टाधारक अभिलेखों से वंचित न रहे तथा सभी प्रकरणों का समयबद्ध एवं पारदर्शी निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
जिला प्रशासन की यह पहल पट्टाधारकों को सशक्त बनाने एवं राजस्व व्यवस्था को सुदृढ़ व पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक विकास कुमार, एसडीएम तुलसीपुर राकेश जयंत, तहसीलदार व अन्य संबंधित अधिकारी / कर्मचारीगण उपस्थित रहें।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
बलरामपुर।
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