विश्वविद्यालय परीक्षा शुल्क वृद्धि पर छात्रों व अभिभावकों की आपत्ति, पुनर्विचार की मांग तेज
माँ पाटेश्वरी विश्वविद्यालय की फीस लिस्ट जारी होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी चिंता
बलरामपुर/गोंडा। माँ पाटेश्वरी विश्वविद्यालय, बलरामपुर द्वारा जारी की गई नई परीक्षा शुल्क सूची Examination Fee List को लेकर छात्रों व अभिभावकों में नाराज़गी बढ़ने लगी है। विश्वविद्यालय ने स्नातक पाठ्यक्रमों—B.A., B.Sc., B.Com सहित अन्य वर्गों—के लिए परीक्षा शुल्क, मार्कशीट शुल्क, स्पोर्ट्स शुल्क, नामांकन शुल्क एवं विभिन्न मदों को जोड़कर प्रति सेमेस्टर शुल्क लगभग ₹1700 से बढ़ाकर ₹2200 तक निर्धारित किया है। क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को देखते हुए परिवारों ने इस शुल्क वृद्धि को अत्यधिक व बोझिल बताया है।
ग्रामीण व कमजोर वर्ग पर बढ़ेगा आर्थिक दबाव
गोण्डा–बलरामपुर मंडल को प्रदेश के पिछड़े एवं ग्रामीण क्षेत्रों में गिना जाता है, जहाँ अधिकांश परिवारों की आय खेती-किसानी पर आधारित है। खेती की अनिश्चित आय, बढ़ती लागत और सीमित संसाधनों के बीच अचानक बढ़ी परीक्षा फीस अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव डाल रही है।
स्थानीय समाजसेवियों का कहना है कि इतनी अधिक फीस निर्धारण से कई आर्थिक रूप से कमजोर छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो सकते हैं।
पुनर्विचार व राहत नीति की मांग
विद्यार्थियों और अभिभावकों की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन व राज्य सरकार से फीस वृद्धि पर तत्काल पुनर्विचार करने की अपील की गई है। मांगों में—
- बढ़ी हुई परीक्षा फीस को तत्काल वापस लेने या कम करने,
- ग्रामीण एवं कमजोर वर्ग के छात्रों को विशेष रियायत देने,
- पिछड़े क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए सब्सिडी/राहत नीति लागू करने,
- शुल्क निर्धारण समिति को छात्र हित सर्वोपरि रखते हुए संरचना संशोधित करने—
जैसी प्रमुख बातें शामिल हैं।
“मांग पूरी तरह छात्रहित में”—अमरेश मौर्य
जागरूक नागरिक व समाजसेवी अमरेश मौर्य ने कहा कि यह मांग किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न करने हेतु नहीं, बल्कि क्षेत्र के छात्रों के उज्ज्वल भविष्य और अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उठाई जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विश्वविद्यालय प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार विद्यार्थियों की पीड़ा को समझते हुए सकारात्मक निर्णय लेगी।

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