उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में नगर विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहरों में होने वाले विकास कार्य नियोजित ढंग से और समन्वित रूप में किए जाएं। अलग-अलग विभागों द्वारा अलग-अलग कार्य करने से योजनाओं में अनावश्यक देरी होती है। इसलिए सभी विभाग मिलकर साझा कार्ययोजना बनाएं और समयबद्ध ढंग से इनका क्रियान्वयन करें।
मुख्यमंत्री जी ने मलिन बस्तियों में विकास पर विशेष बल देते हुए कहा कि यहां साफ-सफाई, पेयजल आपूर्ति, जल निकासी, सड़क कनेक्टिविटी और स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन बस्तियों के विकास की जिम्मेदारी ठेकेदारों को न दी जाए, बल्कि नगर निकाय स्वयं इसकी जिम्मेदारी उठाएं और समय-समय पर उसकी मॉनिटरिंग करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जल निकासी व्यवस्था (ड्रेनेज सिस्टम) को और मजबूत करने की आवश्यकता है। प्रत्येक शहर में ऐसा ड्रेनेज सिस्टम होना चाहिए, जिससे भारी बारिश के बाद जलभराव की समस्या न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रेनेज सिस्टम के सुधार और नई व्यवस्थाओं की नियमित मॉनिटरिंग की जाए, ताकि नागरिकों को बरसात के समय किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मलिन बस्तियों और पब्लिक प्लेसेज़ पर अधिक से अधिक सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जाए। इन सामुदायिक शौचालयों में नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था हो। नगर निकायों से जुड़े नए गांवों में भी मूलभूत सुविधाएं शीघ्र सुनिश्चित की जाए, जिससे लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। लापरवाही की स्थिति में जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि स्मार्ट सिटी की योजनाओं को इस तरह तैयार किया जाए, जिससे शहर का समग्र विकास हो और राजस्व वृद्धि भी सुनिश्चित हो। शहरों में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीलेवल पार्किंग, रेस्टोरेंट और ऑडिटोरियम जैसे प्रोजेक्ट्स को पी0पी0पी0 मॉडल पर विकसित करें। स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उन्होंने नियमित कूड़ा उठान और उसके निस्तारण को सुनिश्चित करने के साथ-साथ ठोस और गीले कचरे को अलग करने के लिए नियमित जागरूकता अभियान चलाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री जी ने बिना मानक और नगर निकायों की अनुमति के बिना विकसित होने वाली कॉलोनियों और बस्तियों पर प्रारम्भिक स्तर पर ही रोक लगाने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसी अनधिकृत गतिविधियों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि शहरों की नियोजित संरचना बनी रहे। उन्होंने नगर विकास से जुड़ी सभी योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग पर बल देते हुए कहा कि योजनाओं के कार्यान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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