मुख्यमंत्री ने छठ महापर्व के अवसर पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया

मुख्यमंत्री ने भोजपुरिया सनेश स्मारिका का विमोचन किया, सभी को छठ महापर्व की बधाई दी

मुख्यमंत्री ने भोजपुरी में अपना सम्बोधन करते हुए कहा कि ‘छठ मईया के कृपा सबके उपर बनल रहे। सभन लोगन के परिवार में सुख समृद्धि अउर खुशहाली रहे, एकरे खातिर हम छठी माई से आशीर्वाद मांग तानी

पर्व और त्योहार हमारी सामाजिक एकता, आध्यात्मिक उन्नयन और भारत की प्राचीन विरासत के प्रतीक : मुख्यमंत्री
 
छठ के पूरे आयोजन में बहनों का योगदान सबसे कठिन व तपस्यापूर्ण होता, लगातार 24 से 36 घण्टे तक कठिन साधना करते हुए बहनें इस आयोजन से जुड़ती हैं और न केवल अपने परिवार की, बल्कि लोक मंगल की भी कामना करती
 
पूर्वी व पश्चिमी उ0प्र0 में लाखों श्रद्धालु छठ महापर्व से जुड़े

हमारा दायित्व कि हम प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पूरे देश में संचालित ‘स्वच्छ भारत अभियान’ से जुड़ें

सरकार द्वारा किए गए समन्वित प्रयासों से गत वर्ष की तुलना में इस बार पूजन के लिए गोमती नदी में जल की मात्रा भी अच्छी है और शुद्धता भी है

हमारा प्रयास कि आने वाले एक से डेढ़ वर्षों में ऐसी स्थिति बना दी जाए कि लखनऊ का एक भी सीवर व ड्रेनेज गोमती नदी में न गिरने पाए, गोमती नदी शुद्ध हो
 
छठ महापर्व के आयोजन के बाद गोमती नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में स्वच्छता का एक बड़ा अभियान संचालित किया जाना चाहिए
 
हर प्रदेशवासी की यह जिम्मेदारी है कि अपने आसपास स्थित नदी, नालों, सरोवर आदि की स्वच्छता और सुन्दरता बनाए रखने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करें

यह प्रयास आने वाले समय में प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर व विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने में मदद करेंगे

लखनऊ : 27 अक्टूबर, 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि पर्व और त्योहार हमारी सामाजिक एकता, आध्यात्मिक उन्नयन और भारत की प्राचीन विरासत के प्रतीक हैं। यह पर्व और त्योहार केवल एक आयोजन या लोगों का जमाव मात्र ही नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ हमारे सम्बन्ध कैसे होने चाहिए, इसका माध्यम भी हैं। चार दिनों तक कठिन साधना के तृतीय दिवस में आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर हम सूर्य की आराधना से जुड़ रहे हैं। कल उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देकर छठ का आयोजन पूर्णता को प्राप्त होगा और लोग अपने परिवार व लोक मंगल की कामना का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लक्ष्मण मेला मैदान में छठ महापर्व के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। मुख्यमंत्री जी ने भोजपुरिया सनेश स्मारिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री जी ने सभी को छठ महापर्व की बधाई दी।
मुख्यमंत्री जी ने भोजपुरी में अपना सम्बोधन करते हुए कहा कि ‘छठ मईया के कृपा सबके उपर बनल रहे। सभन लोगन के परिवार में सुख समृद्धि अउर खुशहाली रहे, एकरे खातिर हम छठी माई से आशीर्वाद मांग तानी, जेतना लोग व्रत बाटे ओहु खातिर हम छठी माई से आशीर्वाद मांग तानी। कि सबके भखौती पूरा होखे। छठ मईया सबके सपने पूरा करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज देश व दुनिया में जहां भी भोजपुरी समाज के लोग रह रहे हैं, वह छठ के पावन पर्व से जुड़ कर न केवल आत्मशु़द्ध के माध्यम से लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने के इस कठिन यज्ञ से जुड़े हैं, बल्कि अनेक सामाजिक कार्यक्रमों के द्वारा सामाजिक और राष्ट्रीय एकता का सन्देश भी दे रहे हैं। दुनिया में इस तरह के आयोजन के उदाहरण मिलना कठिन हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि छठ के पूरे आयोजन में बहनों का योगदान सबसे कठिन व तपस्यापूर्ण होता है। लगातार 24 से 36 घण्टे तक कठिन साधना करते हुए बहनें इस आयोजन से जुड़ती हैं और न केवल अपने परिवार की, बल्कि लोक मंगल की भी कामना करती हैं। यही कारण है कि पौराणिक काल से चली आ रही पर्व और त्योहारों की यह परम्परा, जो पहले केवल थोड़े क्षेत्र तक सीमित थी, आज वह बढ़ते-बढ़ते भारत के हर राज्य और जनपद तक पहुंच गयी है। हर जगह लोग इस आयोजन से जुड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में लाखों श्रद्धालु छठ के आयोजन से जुड़े हैं। लखनऊ सहित अन्य स्थानों पर भी छठ के आयोजन हो रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद तथा गौतमबुद्धनगर में भी लाखों श्रद्धालु छठ महापर्व से जुड़ रहे हैं। छठ महापर्व में सबसे कठिन साधना का पक्ष वह है, जब बहनें किसी नदी या सरोवर में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं। यह एक महत्वपूर्ण क्षण होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूजा करते समय हम इस बात का ध्यान रखते हैं कि पूजा स्थल साफ-सुथरा और स्वच्छ हो। सूर्य इस लोक के देवता और लोक पिता हैं।  जिस जल का अर्घ्य भगवान सूर्य को दिया जाता है, यदि वह शुद्ध न हो, तो क्या वह हमारी कामना पूरी करेंगे। इसलिए हमारा दायित्व है कि हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरे देश में वृहद पैमाने पर वर्ष 2014 से संचालित ‘स्वच्छ भारत अभियान’ से जुड़ें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत वर्षों में गोमती नदी में जल की मात्रा कम रहा करती थी और गंदगी की भी शिकायत थी। इस वर्ष हमारी सरकार ने एक माह पूर्व ही स्थानीय प्रशासन, टेरिटोरियल आर्मी, सिंचाई विभाग, नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण के साथ बैठक की। सभी ने मिलकर प्रयास किया। स्वयंसेवी संगठनों तथा अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के सदस्यों ने भी छठ महापर्व के पूर्व स्वच्छता का अभियान चलाया। इसके अच्छे परिणाम सामने आए। गत वर्ष की तुलना में इस बार पूजन के लिए गोमती नदी में जल की मात्रा भी अच्छी है और शुद्धता भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि आने वाले एक से डेढ़ वर्षों में ऐसी स्थिति बना दी जाए, कि लखनऊ का एक भी सीवर व ड्रेनेज गोमती नदी में न गिरने पाए। गोमती नदी शुद्ध हो। पीलीभीत से लेकर लखीमपुर खीरी, सीतापुर तथा लखनऊ होते हुए गाजीपुर में जहां माँ गंगा के साथ गोमती नदी का मिलन होता है, वहां तक अविरल और निर्मल नदी के रूप में माँ गोमती का आशीर्वाद सभी जनपदों को प्राप्त होता रहे। इस दिशा में हमारी तैयारियां चल रही हैं। अनेक जनपदों में कार्य प्रारम्भ भी हो गए हैं।  
  मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम उन कारकों को पहचानें, जिनसे गंदगी होती है। सिंगल यूज़ प्लास्टिक, प्लास्टिक के कप तथा गिलास आदि का उपयोग न करें। नदी-नालों या जहां-तहां कूड़ा न फेंकें। हमें जल के किसी भी स्रोत को बाधित नहीं करना चाहिए। नदी आदि पर कब्जा नहीं होने देना चाहिए। घर की गंदगी को नदी में नहीं फेंकना चाहिए। ग्राम पंचायतों तथा नगर निकायों द्वारा कूड़ा फेंकने के लिए जो स्थान तय किए गए हैं, वहीं फेंकना चाहिए। यह कार्य भी परमात्मा की ही सेवा है।
मुख्यमंत्री जी ने अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के पदाधिकारियों तथा स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों का आह्वान करते हुए कहा कि कल प्रातः सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही, श्रद्धालुओं का आयोजन समाप्त हो जाएगा। लेकिन हमारा आयोजन तब तक सम्पन्न नहीं होना चाहिए, जब तक हम गोमती जी को स्वच्छ व निर्मल बनाकर फिर से इसे अन्य आयोजनों के लिए तैयार न कर दें। इसके लिए गोमती नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में स्वच्छता का एक बड़ा अभियान संचालित किया जाना चाहिए। हमें इस अभियान से जुड़ना होगा। यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोई भी देश तब तक विकसित नहीं हो सकता, जब तक उसके नागरिक अपने राष्ट्रीय कर्तव्यों का पालन न करें। यह कार्य केवल नगर निगम या स्थानीय प्रशासन का ही नहीं है। हर प्रदेशवासी की यह जिम्मेदारी है कि अपने आसपास स्थित नदी, नालों, सरोवर आदि की स्वच्छता और सुन्दरता बनाए रखने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करें। यह प्रयास आने वाले समय में प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर व विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने में मदद करेंगे। छठ का पर्व हमें यही प्रेरणा प्रदान कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रभुनाथ राय व उनकी टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने सम-विषम परिस्थितियों में लगातार इस कार्यक्रम को सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का कार्य किया है।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने भी सम्बोधित किया।    
इस अवसर पर लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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