अंगवस्त्रसेसम्मानित — सनातन सेवाश्रम में सम्मान समारोह संपन्न 

लखनऊ, दिनांक 11 अक्टूबर 2025
सनातन सेवाश्रम के प्रमुख कार्यालय में आज एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर फरेन्दा से पधारे परम श्रद्धेय सनातनी भक्त श्री वृंदावन दुबे जी को
पीठाधीश्वर आचार्य अभयानंद जी महाराज द्वारा अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया तथा सनातन सेवाश्रम के उद्देश्यों का ग्रंथ/संदेश पत्र भेंट किया गया।

समारोह के दौरान महाराज श्री ने कहा —

“सनातन धर्म केवल पूजा-पाठ का मार्ग नहीं, बल्कि सेवा, संस्कार, और आत्मविकास की प्रेरणा देने वाला जीवन पथ है।”


उन्होंने आगे कहा कि सनातन सेवाश्रम का उद्देश्य समाज में धर्म, शिक्षा, गौसेवा और मानवीय सेवा की भावना को सशक्त बनाना है। समाज को आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ सामाजिक समरसता की दिशा में भी अग्रसर होना चाहिए।

इस अवसर पर उपस्थित भक्तों और अनुयायियों ने श्री वृंदावन दुबे जी के समर्पण और सेवा भाव की सराहना की।
महाराज जी ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा कि सनातन सेवाश्रम के कार्यों को आगे बढ़ाने में उनकी सक्रिय भागीदारी समाज के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।

कार्यक्रम का संचालन सेवाश्रम के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा किया गया, जबकि आयोजन स्थल पर भक्तगणों ने भजन-कीर्तन और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम को पवित्रता और श्रद्धा से संपन्न किया।

संदेश:
 “सनातन धर्म में सेवा ही सच्ची साधना है। जब हम दूसरों के हित के लिए कार्य करते हैं, तभी हम ईश्वर की सच्ची भक्ति करते हैं।”

मुख्य बिंदु

फरेन्दा से पधारे भक्त श्री वृंदावन दुबे जी को अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया।

आचार्य अभयानंद जी महाराज ने सनातन धर्म के मूल संदेशों पर प्रकाश डाला।

धर्म, गौसेवा, शिक्षा और समाजसेवा को सशक्त बनाने का संकल्प दोहराया गया।

समारोह में भक्तों ने भक्ति भाव के साथ सहभागिता की।



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