मुख्यमंत्री ने अयोध्या महायोजना-2031 की समीक्षा की
अयोध्या का विकास भव्यता, आस्था और आधुनिकता
का समन्वित रूप होना चाहिए : मुख्यमंत्री
महायोजना-2031 का लक्ष्य अयोध्या को सुनियोजित, सुव्यवस्थित और सस्टेनेबल डेवलपमेण्ट के साथ विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करना
विकास कार्यों में अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान, धार्मिक
गरिमा और पर्यावरणीय संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश
भूमि उपयोग में मिश्रित तथा औद्योगिक भूमि के प्रतिशत को बढ़ाया जाए, पंचकोसी
और 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर विविध गतिविधियों के लिए भूमि आरक्षित की जाए
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सॉलिड वेस्ट
मैनेजमेंट के लिए भूमि आरक्षित करने के निर्देश
अयोध्या विकास क्षेत्र में 159 निवेश परियोजनाएं स्वीकृत, 8,594 करोड़ रु0 के
निवेश की संभावना, इससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था व स्थानीय रोजगार में वृद्धि होगी
हर परियोजना पर्यावरणीय दृष्टि से सस्टेनेबल हो,
सरयू जी के तटों और हरित पट्टियों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए
लखनऊ, प्रयागराज, गोण्डा और अम्बेडकर नगर मार्ग की
ओर बस और ट्रक अड्डों सहित पार्किंग का विकास किया जाए
लखनऊ : 28 अक्टूबर, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में अयोध्या महायोजना-2031 से सम्बन्धित प्रस्तावों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अयोध्या का विकास भव्यता, आस्था और आधुनिकता तीनों का समन्वित रूप होना चाहिए। महायोजना-2031 का लक्ष्य अयोध्या को सुनियोजित, सुव्यवस्थित और सस्टेनेबल डेवलपमेण्ट के साथ विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करना है। अयोध्या आज केवल एक शहर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का प्रतीक है। इसे ऐसे विकसित किया जाए कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए आस्था, सौंदर्य और समृद्धि का संगम बने।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि विकास कार्यों में अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान, धार्मिक गरिमा और पर्यावरणीय संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। अयोध्या विजन-2047 के अंतर्गत अयोध्या को ग्लोबल आध्यात्मिक नगरी, ज्ञान नगरी, उत्सव नगरी, तीर्थ अनुकूल अवसंरचना, विविधीकृत पर्यटन, ऐतिहासिक सर्किट व हेरिटेज वॉक, हरित एवं सौर ऊर्जा आधारित नगरी के रूप में आधुनिक सुविधाओं के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिए। यह महायोजना अयोध्या के सुनियोजित, सुव्यवस्थित और सस्टेनेबल विकास की आधारशिला बनेगी।
बैठक में अवगत कराया गया कि अयोध्या महायोजना-2031 का उद्देश्य शहर को ग्लोबल स्पिरिचुअल एवं टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना है। योजना के तहत अयोध्या विकास क्षेत्र को 18 जोनों में विभाजित कर संतुलित भूमि उपयोग सुनिश्चित किया गया है। प्रस्तावित 23.94 लाख की अनुमानित जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए 52.56 प्रतिशत भूमि आवासीय, 5.11 प्रतिशत वाणिज्यिक, 4.65 प्रतिशत औद्योगिक, 10.28 प्रतिशत सार्वजनिक उपयोग, 12.20 प्रतिशत परिवहन एवं 14.31 प्रतिशत हरित एवं खुले क्षेत्र के लिए नियोजित की गई है। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि मिश्रित तथा औद्योगिक भूमि को बढ़ाया जाए। इसी प्रकार, पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर भी विविध गतिविधियों के लिए भूमि आरक्षित की जाए।
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में अयोध्या की जनसंख्या लगभग 11 लाख है, जो वर्ष 2031 तक लगभग 24 लाख और वर्ष 2047 तक 35 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। इसे ध्यान में रखते हुए नए आवासीय टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, बहुस्तरीय पार्किंग, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस मार्ग, रिंग रोड, एयरपोर्ट, टेम्पल म्यूजियम, सौर ऊर्जा संयंत्र, होटल व आधुनिक नागरिक सुविधाएं महायोजना का हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सभी परियोजनाएं अयोध्या को स्मार्ट, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाएंगी।
अयोध्या विकास क्षेत्र में 159 निवेश परियोजनाएं स्वीकृत हैं, जिनमें 8 हजार 594 करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन परियोजनाओं से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या का सड़क, रेल और वायु मार्ग से उत्कृष्ट सम्पर्क है। यातायात और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के आधुनिकीकरण से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधा मिलेगी। आवश्यकता है कि लखनऊ, प्रयागराज, गोण्डा और अम्बेडकर नगर मार्ग की ओर बस और ट्रक अड्डों सहित पार्किंग का विकास किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने महायोजना अंतर्गत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भी भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नवाचारों को बढ़ावा दें और यथासम्भव स्वदेशी मॉडल को अपनाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या का विकास न केवल धार्मिक, पर्यटन बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी प्रेरक उदाहरण बने। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर परियोजना पर्यावरणीय दृष्टि से सस्टेनेबल हो तथा सरयू जी के तटों और हरित पट्टियों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए। हाल के समय में अयोध्या में हो रहे बहुमुखी विकास को देखते हुए अनियोजित प्लॉटिंग, बसावट भी देखने को मिल रही हैं। इसे रोका जाना चाहिए। जो कुछ भी हो योजना के अनुरूप और नियमों के अनुकूल होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि विकास कार्यों में अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान, धार्मिक गरिमा और पर्यावरणीय संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। अयोध्या विजन-2047 के अंतर्गत अयोध्या को ग्लोबल आध्यात्मिक नगरी, ज्ञान नगरी, उत्सव नगरी, तीर्थ अनुकूल अवसंरचना, विविधीकृत पर्यटन, ऐतिहासिक सर्किट व हेरिटेज वॉक, हरित एवं सौर ऊर्जा आधारित नगरी के रूप में आधुनिक सुविधाओं के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिए। यह महायोजना अयोध्या के सुनियोजित, सुव्यवस्थित और सस्टेनेबल विकास की आधारशिला बनेगी।
बैठक में अवगत कराया गया कि अयोध्या महायोजना-2031 का उद्देश्य शहर को ग्लोबल स्पिरिचुअल एवं टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना है। योजना के तहत अयोध्या विकास क्षेत्र को 18 जोनों में विभाजित कर संतुलित भूमि उपयोग सुनिश्चित किया गया है। प्रस्तावित 23.94 लाख की अनुमानित जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए 52.56 प्रतिशत भूमि आवासीय, 5.11 प्रतिशत वाणिज्यिक, 4.65 प्रतिशत औद्योगिक, 10.28 प्रतिशत सार्वजनिक उपयोग, 12.20 प्रतिशत परिवहन एवं 14.31 प्रतिशत हरित एवं खुले क्षेत्र के लिए नियोजित की गई है। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि मिश्रित तथा औद्योगिक भूमि को बढ़ाया जाए। इसी प्रकार, पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर भी विविध गतिविधियों के लिए भूमि आरक्षित की जाए।
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में अयोध्या की जनसंख्या लगभग 11 लाख है, जो वर्ष 2031 तक लगभग 24 लाख और वर्ष 2047 तक 35 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। इसे ध्यान में रखते हुए नए आवासीय टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, बहुस्तरीय पार्किंग, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस मार्ग, रिंग रोड, एयरपोर्ट, टेम्पल म्यूजियम, सौर ऊर्जा संयंत्र, होटल व आधुनिक नागरिक सुविधाएं महायोजना का हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सभी परियोजनाएं अयोध्या को स्मार्ट, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाएंगी।
अयोध्या विकास क्षेत्र में 159 निवेश परियोजनाएं स्वीकृत हैं, जिनमें 8 हजार 594 करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन परियोजनाओं से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या का सड़क, रेल और वायु मार्ग से उत्कृष्ट सम्पर्क है। यातायात और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के आधुनिकीकरण से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधा मिलेगी। आवश्यकता है कि लखनऊ, प्रयागराज, गोण्डा और अम्बेडकर नगर मार्ग की ओर बस और ट्रक अड्डों सहित पार्किंग का विकास किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने महायोजना अंतर्गत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भी भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नवाचारों को बढ़ावा दें और यथासम्भव स्वदेशी मॉडल को अपनाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या का विकास न केवल धार्मिक, पर्यटन बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी प्रेरक उदाहरण बने। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर परियोजना पर्यावरणीय दृष्टि से सस्टेनेबल हो तथा सरयू जी के तटों और हरित पट्टियों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए। हाल के समय में अयोध्या में हो रहे बहुमुखी विकास को देखते हुए अनियोजित प्लॉटिंग, बसावट भी देखने को मिल रही हैं। इसे रोका जाना चाहिए। जो कुछ भी हो योजना के अनुरूप और नियमों के अनुकूल होना चाहिए।
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