*10 सितम्बर 2025*
*डॉ. राजेश्वर सिंह का सुझाव: विधानसभा-वार लाभार्थी बैठकें हों आयोजित, मुख्यमंत्री योगी को लिखा पत्र*
*सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने की पहल - लाभार्थियों से सीधा संवाद स्थापित करने का दिया प्रस्ताव*
*जनता और प्रशासन के बीच विश्वास मज़बूत करने को डॉ. राजेश्वर सिंह का बड़ा सुझाव*
*योजनाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ाने हेतु विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री से की मांग*
*विधानसभा स्तर पर केन्द्रीय व राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा बैठकें कराने का प्रस्ताव*
*सरोजनीनगर से उठी नई पहल - लाभार्थियों की समस्याओं का मौके पर हो समाधान*
*डॉ. राजेश्वर सिंह का अभिनव सुझाव: योजनाओं की समीक्षा में सीधे शामिल हों लाभार्थी*
*मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में डॉ. सिंह ने कहा—‘जनसंवाद से ही योजनाएँ होंगी और प्रभावी’*
*लखनऊ।* सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को एक पत्र लिखकर विधानसभा-वार केन्द्रीय एवं राज्य सरकार की योजनाओं की प्रगति समीक्षा एवं लाभार्थी बैठकें आयोजित किए जाने का महत्वपूर्ण सुझाव दिया है।
डॉ. सिंह ने पत्र में उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, कन्या सुमंगला योजना, विभिन्न छात्रवृत्तियाँ तथा पेंशन योजनाएँ जैसी लोककल्याणकारी योजनाएँ गरीबों, किसानों, महिलाओं, छात्रों एवं वंचित वर्गों को प्रत्यक्ष लाभ पहुँचा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं की प्रभावशीलता को और सुदृढ़ बनाने के लिए लाभार्थियों के साथ सीधा संवाद और समीक्षा आवश्यक है।
*पत्र में दिए गए मुख्य सुझाव इस प्रकार हैं:*
1. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लाभार्थी बैठकें आयोजित हों, जिनमें जिला एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारी भी शामिल रहें।
2. बैठकों की अध्यक्षता प्रभारी मंत्री द्वारा की जाए तथा मुख्यमंत्री का उद्बोधन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग अथवा प्री-रिकॉर्डेड संदेश के माध्यम से प्रदर्शित किया जाए।
3. लाभार्थियों से सीधे संवाद के माध्यम से उनकी समस्याओं व कठिनाइयों की जानकारी ली जाए और मौके पर त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए।
डॉ. सिंह ने कहा कि यह पहल न केवल योजनाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही को मज़बूत करेगी, बल्कि जनता और प्रशासन के बीच विश्वास को भी गहरा करेगी। इससे जनप्रतिनिधियों और लाभार्थियों का सीधा संबंध स्थापित होगा और शासन-प्रशासन की संवेदनशीलता भी प्रकट होगी।
सरोजनीनगर विधायक का मानना है कि यदि इस व्यवस्था को लागू किया गया तो प्रदेश के लाभार्थी और अधिक सशक्त होंगे तथा उत्तर प्रदेश जन-भागीदारी और सुशासन के क्षेत्र में एक आदर्श मॉडल बनकर उभरेगा।
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