बलरामपुर- आत्महत्या निरोधक दिवस के अवसर पर एम एल के पी जी कॉलेज बलरामपुर सभागार में मनोविज्ञान विभाग की ओर से "आत्महत्या पर दृष्टिकोण बदलना" विषय पर तीनदिवसीय  कार्यशाला व प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस दौरान मुख्य वक्ता ने आत्महत्या की स्थिति न आने पाये इससे बचाव की विधिवत जानकारी दी।
      कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य वक्ता अंतश्चेतना साइकोलॉजिकल केयर ग्वालियर के मनोचिकित्सक डॉ संजय कुमार सक्सेना, महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल आर के मोहन्ता, प्राचार्य प्रो0 जे पी पाण्डेय, मुख्य नियंता प्रो0 वीणा सिंह, समन्वयक व विभागध्यक्ष डॉ स्वदेश भट्ट व आयोजन सचिव कृतिका तिवारी ने दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। मुख्य वक्ता डॉ संजय कुमार सक्सेना ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आत्महत्याओं के पीछे स्कूल, कॉलेज और प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता, समाज और माता-पिता की अपेक्षाएं और मानसिक अवसाद प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि सही समय पर सही कदम उठाने से आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोका जा सकता है. जब जीवन में चुनौतियों के साथ तालमेल बैठाना कठिन हो जाता है तो मन में घोर निराशा होती है। जीवन जीने की इच्छा समाप्त हो जाती है , संवेगात्मक अंतर्द्वंद्व की स्थिति में मन हार जाता है और निराशा जीत जाती है. लोगों को आत्महत्या की प्रवृत्ति और मानसिक समस्याओं के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। डॉ सक्सेना ने कहा कि सकारात्मक सोच व वर्तमान पर फोकस करते हुए लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए। मन में नकारात्मक विचार व गलत चयन ऐसे प्रवृत्ति को जन्म देते हैं। विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने कहा कि परिस्थितियों को जानकर मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण व अनुशासित रूप में कार्य करके लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। उन्होंने इस पर कानून में उल्लखित प्राविधान के बारे में जानकारी दी। सचिव लेफ्टिनेंट कर्नल आर के मोहन्ता ने कहा कि सभी के जीवन में एक ऐसा समय आता है जब निर्णय करना मुश्किल होता है लेकिन सकारात्मक सोच सभी प्रकार के समस्याओं से बाहर लाती है। प्राचार्य प्रो0 जे पी पाण्डेय ने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि आत्महत्या के हालात अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन तेजी से बदल रहा सामाजिक और पारिवारिक ढांचा बहुत बड़ा कारण है।अब एकल परिवारों का चलन है,लोगों को एक दूसरे की समस्या सुनने और उसका समाधान करने का वक्त नहीं बचा है. इसकी वजह से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। मुख्य नियंता प्रो0 वीणा सिंह ने फीडबैक प्रस्तुत किया। समन्वयक डॉ स्वदेश भट्ट ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। आयोजन सचिव कृतिका तिवारी ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया। महाविद्यालय के एसोसिएट एन सी सी ऑफिसर व कार्यशाला के एडवाइजरी कमेटी के सदस्य लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने कार्यशाला का संचालन करते हुए कार्यशाला के विषय व आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। सभी अतिथियों का स्वागत सह समन्वयक डॉ वंदना सिंह व डॉ सुनील कुमार शुक्ल एवं संयुक्त आयोजन सचिव राजर्षि मणि तिवारी ने किया।
      इस अवसर पर प्रो0 राघवेंद्र सिंह,प्रो0 एस पी मिश्र,प्रो0 रेखा विश्वकर्मा,प्रो0 पी सी गिरी,प्रो0 विमल प्रकाश, डॉ राजीव रंजन,डॉ सद्गुरु प्रकाश, डॉ जितेंद्र भट्ट,डॉ प्रखर त्रिपाठी सहित सभी विभागों के अध्यक्ष व प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

            हिन्दी संवाद न्यूज से
             रिपोर्टर वी. संघर्ष
               बलरामपुर। 

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने