मुख्यमंत्री ने सी0एस0आई0आर0 स्टार्टअप कॉन्क्लेव-2025 को सम्बोधित किया

सी0एस0आई0आर0 के विभिन्न संस्थानों व विभिन्न
स्टार्टअप्स के बीच एम0ओ0यू0 व एम0ओ0ए0 का आदान-प्रदान

प्रदेश सरकार युवाओं, उद्यमियों, वैज्ञानिकों के विचारों को पंख दे रही : मुख्यमंत्री

सरकार हर योग्य स्टार्टअप्स के साथ खड़ी,
सरकार का संसाधन व संकल्प हर आंत्रप्रेन्योर के लिए

यह स्टार्टअप कॉन्क्लेव लैब टू इण्डस्ट्री के कोलैबोरेशन का माध्यम बन रहा

उ0प्र0 फियरलेस बिजनेस व ईज आफ डूइंग बिजनेस
का केन्द्र, ट्रस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस उ0प्र0 की नई पहचान

प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में भारत स्टार्टअप्स की संख्या के
मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर, देश में 01 लाख 90 हजार स्टार्ट-अप्स मौजूद

उ0प्र0 में 17 हजार से अधिक स्टार्टअप्स कार्यरत हैं, जिनमें 08 यूनिकॉर्न,
राज्य में अब तक 72 इनक्यूबेटर्स और 07 सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित

प्रदेश सरकार ने इनक्यूबेटर्स को प्रोत्साहित करने
के लिए 137 करोड़ रु0 की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई

स्टार्टअप्स फार्मा और बायोटेक फील्ड में कार्यों को तेज करें,
उ0प्र0 को इनका हब बनाने के लिए मजबूती से कार्य करना होगा

एन0बी0आर0आई0, सी0डी0आर0आई0, आई0आई0टी0आर0 व सीमैप द्वारा
किए गए शोध व नवाचार किसानों की आमदनी को बढ़ाने और
आम नागरिक के जीवन में व्यापक परिवर्तन के कारक बने

हर शोध उत्पादन के लिए हो, हर उत्पादन उद्योग
बने और हर उद्योग भारत की सामर्थ्य और शक्ति बने

देश व राज्य को विकसित बनाने की सीढ़ी
इनोवेशन, रिसर्च, प्रोडक्ट्स, इण्डस्ट्री से जाती

लखनऊ : 15 सितम्बर, 2025

     उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि हम केवल नीतियां नहीं बना रहें, बल्कि उत्तर प्रदेश के हर युवा, उद्यमी, वैज्ञानिक के विचार को पंख दे रहे हैं। सरकार हर योग्य स्टार्टअप्स के साथ खड़ी है। सरकार का संसाधन व संकल्प हर आंत्रप्रेन्योर के लिए है। हम चाहते हैं कि प्रदेश के युवाओं की आंखों में चमक हो और वह चमक उसे प्रयोगशाला से लेकर उद्योग और रोजगार में बदलने में सहायक हो।
मुख्यमंत्री जी आज यहां सी0एस0आई0आर0 स्टार्टअप कॉन्क्लेव-2025 के समापन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर सी0एस0आई0आर0 के विभिन्न संस्थानों एन0बी0आर0आई0, सी0डी0आर0आई0, आई0आई0टी0आर0, सीमैप व विभिन्न स्टार्टअप्स के बीच एम0ओ0यू0 व एम0ओ0ए0 का आदान-प्रदान किया गया। इन संस्थानों द्वारा हर्बल लिक्विड सिन्दूर, हर्बल नैनो सीरम, माइक्रोबियल इनोकुलेण्ट, 120 के एस0एन0पी0 चिप्स, पिंक गोल्ड टी जैसे विभिन्न प्रोडक्ट्स लांच किये गये। मुख्यमंत्री जी ने स्टार्टअप से जुड़ी एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने साढ़े आठ वर्षों में सुरक्षा का एक बेहतरीन वातावरण उत्तर प्रदेश में दिया है। इससे उत्तर प्रदेश फियरलेस बिजनेस का केन्द्र बना है। इसके साथ ही प्रदेश ईज आफ डूइंग बिजनेस का केंद्र बिंदु भी बना है। ट्रस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस उत्तर प्रदेश की एक नई पहचान बनी है। व्यवसाय के लिए सुरक्षा, सुगमता और बिजनेस फ्रेंडली एनवायरमेंट से आज उत्तर प्रदेश निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में 02 दिवसीय सी0एस0आई0आर0 स्टार्टअप कॉन्क्लेव-2025 उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित हुआ है, जिससे हमारे वैज्ञानिकों, संस्थाओं, प्रगतिशील किसानों को अपने इनोवेशन व रिसर्च को शोकेस करने का अवसर प्राप्त हुआ है। लखनऊ स्थित एन0बी0आर0आई0, सी0डी0आर0आई0, आई0आई0टी0आर0 व सीमैप, सी0एस0आई0आर0 के प्रमुख संस्थान हैं। इन संस्थानों में किए गए शोध व नवाचार किसानों की आमदनी को बढ़ाने और आम नागरिक के जीवन में व्यापक परिवर्तन के कारक बने हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सी0एस0आई0आर0 स्टार्टअप कॉन्क्लेव की थीम है कि हर शोध उत्पादन के लिए हो, हर उत्पादन उद्योग बने और हर उद्योग भारत की सामर्थ्य और शक्ति बने। यही है विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित भारत के पीछे का राज। भारत को वर्ष 2047 में यदि विकसित बनाना है, तो हमें उत्तर प्रदेश को विकसित बनाना होगा। हर जनपद को विकसित बनाना होगा। विकसित बनाने की सीढ़ी इनोवेशन, रिसर्च, प्रोडक्ट्स, इण्डस्ट्री से जाती है। यह सभी विकसित भारत की आधारशिला हैं। प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत की संकल्पना के साथ इण्डस्ट्री, उद्यमी, संस्थान मिलकर कार्य करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज का समय तकनीक का समय है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जो समाज जितना प्रगतिशील होगा, दुनिया उसके पीछे जाएगी। जो देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी में जितना अधिक इनोवेशन, रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट के कार्यों को बढ़ावा देगा, वही दुनिया को लीड करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सी0एस0आई0आर0 स्टार्टअप कॉन्क्लेव की स्टार्टअप-ईको सिस्टम को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। विगत 11 वर्षों में भारत में एक नए स्टार्टअप इकोसिस्टम को पनपते हुए देखा जा सकता है। भारत दुनिया में यू0एस0ए0 और यू0के0 के बाद स्टार्टअप्स की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है। भारत में 01 लाख 90 हजार स्टार्ट-अप्स मौजूद हैं। प्रधानमंत्री जी की मंशा रही है कि हमारा युवा जॉब सीकर नहीं, बल्कि जॉब क्रिएटर बने। प्रधानमंत्री जी की इस मंशा को स्टार्टअप्स साकार कर रहे हैं। आज लोग स्टार्टअप्स की ताकत का अहसास कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए तेजी के साथ कार्य किया है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 17 हजार से अधिक स्टार्टअप्स कार्यरत हैं, जिनमें 08 यूनिकॉर्न भी हैं। राज्य में अब तक 72 इनक्यूबेटर्स और 07 सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित हुए हैं। प्रदेश सरकार ने इनक्यूबेटर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 137 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है।
आज नई तकनीक तथा समाज व राष्ट्र की आवश्यकता के अनुरूप अच्छे ईको सिस्टम को डेवलप करने में स्टार्टअप्स की बड़ी भूमिका है। यह स्टार्टअप्स विभिन्न क्षेत्रों जैसे- हेल्थ, एग्रीकल्चर, फार्मा, बायो-टेक, एन्वायरमेण्ट इत्यादि से सम्बन्धित हो सकते हैं। इस कॉन्क्लेव में इन विभिन्न क्षेत्रों से सम्बन्धित स्टार्टअप्स को नजदीक से देखा जा सकता है। यह स्टार्टअप्स उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। प्रगतिशील किसानों को थोड़ा प्रोत्साहित करने से उन्होंने बहुत कुछ अच्छा करने का प्रयास किया है। अनेक प्रगतिशील किसानों ने आमजन के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य किया है।
पहले हमारे वैज्ञानिकों द्वारा लैब में किया गया शोध लैण्ड तक नहीं पहुंच पाता था। विगत दिनों ‘लैब टू लैण्ड’ अभियान पूरे देश में आयोजित किया गया। उत्तर प्रदेश में भी कृषि क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिक लैब से निकलकर अन्नदाता किसानों के पास उनके खेतों तक पहुंचे, उनके सहयोग के लिए खड़े हुए। यह स्टार्टअप कॉन्क्लेव ‘लैब टू इण्डस्ट्री’ के आपस में कोलैबरेशन का माध्यम बन रहा है। इसमें उद्यमीगण और संस्थान एक नए प्रेरक की भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। प्रोडक्ट को उद्यमी व संस्थान मार्केट से लिंक करें। प्रोडक्ट जितने अच्छे तरीके से लोगों के समक्ष प्रस्तुत होगा, जितने अच्छे तरीके से उसकी मार्केटिंग होगी, वह उतना ही ज्यादा आकर्षक होगा। इस नए सिस्टम को आगे बढ़ाने के लिए हम लोगों को इस दिशा में मिलकर कार्य करना होगा।
आज उत्तर प्रदेश ने नई तकनीक व स्टार्टअप प्लेटफॉर्म को अपनाया है। परिणामस्वरूप प्रदेश ग्लोबल-टेक और इनोवेशन के नए हब के रूप में अपने आपको स्थापित कर रहा है। इस फील्ड में अभी बहुत सी सम्भावनाएं छुपी हुई हैं। स्टार्टअप और स्टैंड अप की यह नई व्यवस्था हमारी आत्मनिर्भरता का कारण बनेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 का क्लस्टर सैकड़ों वर्षों से मौजूद रहा है, लेकिन कालांतर में वह लुप्तप्राय सा हो गया था। हमारे एम0एस0एम0ई0 बंद होने की कगार पर थे। इससे जुड़े लोगों में हताशा व निराशा थी और वह लोग पलायन कर रहे थे। प्रदेश से बड़े पैमाने पर हस्तशिल्पियों, कामगारों, श्रमिकों व युवाओं का पलायन हो रहा था।
वर्ष 2017 के बाद प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने परम्परागत उद्यम और एम0एस0एम0ई0 सेक्टर को पुनर्जीवित करने का कार्य किया। एम0एस0एम0ई0 से जुड़े उत्पादों को तकनीक, डिजाइनिंग, पैकेजिंग के साथ जोड़ा गया। हस्तशिल्पियों, कामगारों को प्रशिक्षण दिया गया और उन्हें टूलकिट उपलब्ध कराई गईं। बैंकों से सस्ते दर पर लोन उपलब्ध कराया गया। परिणामस्वरूप आज उत्तर प्रदेश में 96 लाख एम0एस0एम0ई0 यूनिट क्रियाशील है, जिनसे 02 करोड़ परिवारों की आजीविका चल रही है। अर्थात् 10 करोड़ लोग इस सेक्टर से लाभान्वित हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश का ओ0डी0ओ0पी0 देश और दुनिया में विख्यात हो रहा है। राज्य सरकार वर्तमान में 02 लाख करोड़ रुपये के एम0एस0एम0ई0 प्रोडक्ट्स को दुनिया के मार्केट में पहुंचाने का कार्य कर रही है। डबल इंजन सरकार ने एम0एस0एम0ई0 सेक्टर को प्रोत्साहित किया और उत्तर प्रदेश में एक नया कल्चर आगे बढ़ता हुआ दिखाई दिया। ऐसे ही स्टार्टअप में है। आज का युवा कुछ नया करना चाहता है। युवाओं को उनके अनुरूप वातावरण प्रदान करने का कार्य समाज व सरकार की जिम्मेदारी है। प्रदेश के 77 प्रोडक्ट्स को जी0आई0 टैग प्रदान किया गया है, जिससे इन प्रोडक्ट्स को सर्टिफिकेट भी प्राप्त हो गया। इन 77 प्रोडक्ट्स की देश और दुनिया में मांग बढ़ी है।
उत्तर प्रदेश में एन0बी0आर0आई0, सी0डी0आर0आई0, आई0आई0टी0आर0 व सीमैप ने शोध व नवाचार को आगे बढ़ाने में बहुत अच्छा कार्य किया है। एन0बी0आर0आई0 द्वारा जैविक खेती और जैविक उर्वरता की दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। संस्थान 09 लाख एकड़ भूमि में जैविक खेती करके किसानों को प्रेरणा व मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। सी0डी0आर0आई0 विभिन्न प्रकार की नई दवाओं की खोज की दिशा में कार्य रहा है। राज्य सरकार एक फार्मा पार्क का निर्माण करा रही है। मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया है। प्रदेश सरकार आई0आई0टी0 कानपुर के साथ मिलकर मेडटेक पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को विकसित करने का कार्य कर रही है।
स्टार्टअप्स को फार्मा और बायोटेक फील्ड में कार्यों को और तेजी से आगे बढ़ाना होगा और उत्तर प्रदेश को इनका हब बनाने के लिए मजबूती से कार्य करना होगा। गंगा जी के किनारे के क्षेत्रों में आर्सेनिक और यमुना जी के क्षेत्रों में फ्लोराइड अधिक पाए जाने की समस्या देखी जा सकती है। आई0आई0टी0आर0 वॉटर फिल्ट्रेशन की दिशा में कार्य कर रहा है। सीमैप द्वारा मिंट व सुगंधित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शोध कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है।
केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 जितेंद्र सिंह ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज देश के बी-टाउन्स अर्थात छोटे कस्बों के युवाओं की आकांक्षा का स्तर बहुत ऊंचा है। हमारे लगभग 50 प्रतिशत स्टार्टअप टियर-टू और टियर-थ्री सिटी से आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्टार्टअप्स की बहुत सम्भावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रोत्साहन और सहयोग से हमने अनेक योजनाएं बनाई हैं। प्रधानमंत्री जी ने ‘नेशनल क्वांटम मिशन’ लाँच किया था। देश का पहला क्वांटम सेण्टर उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थापित किया जाएगा। प्रदेश में एक नया बायोटेक्नोलॉजी इण्डस्ट्रियल पार्क बनाए जाने की योजना है। उत्तर प्रदेश इनोवेशन, कृषि और स्टार्टअप्स के साथ ही, भारत का एक अनोखा टूरिज्म डेस्टिनेशन भी बन सकता है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने युवाओं के लिए स्टार्टअप इण्डिया और स्टैण्ड अप इण्डिया का आह्वान किया था। देखते ही देखते हमारे यहां स्टार्टअप्स की संख्या 350 से बढ़कर पौने दो लाख तक पहुंच गई है। इनमें 60 प्रतिशत स्टार्टअप्स महिलाओं के नेतृत्व में स्थापित हैं। वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाए जाने के प्रधानमंत्री जी की संकल्पना को हमारे नौजवान ही साकार करेंगे। हमारा यह दायित्व है कि अपने नौजवानों को इस योग्य बनाएं।
इस अवसर पर सी0एस0आई0आर0 व उससे जुड़े संस्थानों के पदाधिकारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक, प्रगतिशील किसान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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