उतरौला बलरामपुर- बारह रबीउल अव्वल के मौके पर बारह तारीख़ को यानी 5 सितम्बर दिन शुक्रवार को इस्लाम के अन्तिम पैगम्बर और इंसानियत के रहबर, पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की यौमे पैदाइश पूरे अकी दत मंद और मोहब्बत के साथ मनाई जाएगी। इस पवित्र मौके पर मुस्लिम समाज में काफी उत्साह और खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है। जगह- जगह घरों और मोहल्लों में सजावट का काम शुरू हो चुका है। गली- कूचों में झंडे, झालरें और फूलों से रौनक बढ़ा दी गई है। मस्जिदों को रोशनी औरहरियाली से सजाया जा रहा है। कई घरों में बिजली की रंग-बिरंगी झालरों से सजावट की जा रही है जिससे रात के वक्त पूरा माहौल जगमगाने लगे गा, बारह रबीउल अव्व ल की पहली तारीख से ही मिलाद शरीफ़ और महफ़िलों का आयोजन लगातार किया जा रहा है। घर-घर में कुरआन की तिलावत,नात- ख्वा नी और दुआओं का सिलसिला जारी है। लोग अपने घरों में रिश्ते दारों और मोहल्ले के बच्चों को बुलाकर मिठा इयाँ भी बाँट रहे हैं और हुज़ूर की यौमे पैदाइश की खुशी का इज़हार कर रहे हैं। इस बार भी जुलूस-ए-मोहम्मदी की तैयारियाँ ज़ोरों पर चल रहा हैं। मोहल्लों में समि तियाँ बनाकर रूट और इंतज़ाम तय किए जा रहा हैं। नौजवानों और बच्चों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। छोटे- छोटे बच्चे भी झंडे और बैनर लेकर जुलूस की तैयारियों में लगे हुए हैं।
लोगों का कहना है कि पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की यौमे पैदाइश सिर्फ एक खुशी का दिन नहीं बल्कि इंसानियत के लिए रहम त का दिन है। इसी दिन वह हस्ती दुनिया में आई जिन्होंने अंधकार में डूबे समाज को रोश नी दिखाई और अमन, इंसाफ़ तथा मोहब्बत का पैग़ाम दिया। इस मौके पर जगह-जगह दरूद-ओ-सलाम की महफ़िलें हों रही है, बच्चों के बीच इनाम बाँटे जा रहे हैं, और गरीबों के बीच भोजन व मिठाई का वितरण भी किया जा रहा है। मुस्लिम समाज इस दिन को आपसी भाईचारे और मोहब्बत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। पूरे क्षेत्र में इन तैया रियों से धार्मिक रौनक और भाईचारे का खूब सूरत माहौल दिखाई दे रहा है।
हिन्दी संवाद न्यूज से
असगर अली की खबर
उतरौला बलरामपुर।
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