बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में संस्थान नवाचार परिषद (आईआईसी) की ओर से हुआ पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में दिनांक 3 सितम्बर को संस्थान नवाचार परिषद (आईआईसी) की ओर से पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। संस्थान नवाचार परिषद द्वारा विगत 15 दिनों में लगभग 30 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न विषयों पर व्याख्यान, कार्यशाला, स्टार्टअप एवं नवाचार से संबंधित संगोष्ठी, एक्सपोजर एवं फील्ड विजिट, स्टार्टअप समिट, पोस्टर प्रतियोगिता आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। इस पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। इसके अतिरिक्त मुख्य तौर पर आईआईसी, बीबीएयू के चेयरपर्सन प्रो. नवीन कुमार अरोड़ा उपस्थित रहे। साथ ही कार्यक्रम समन्वयक के तौर पर डॉ. पदम जी ओमार, डॉ. अंशुल अग्रवाल एवं डॉ. ईशान श्रीवास्तव उपस्थित रहे।सर्वप्रथम प्रो. नवीन कुमार अरोड़ा द्वारा सभी को आईआईसी, बीबीएयू द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की रिपोर्ट को प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने कहा कि आज के समय में भारत में नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह न केवल बेरोज़गारी जैसी सामाजिक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करता है, बल्कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे केवल नौकरी पाने की मानसिकता से आगे बढ़ें और नौकरी देने वाले बनने का संकल्प लें, क्योंकि वास्तविक शक्ति और बदलाव की क्षमता युवाओं में ही निहित है। प्रो. मित्तल ने बताया कि भारत आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और डिजिटल अवसंरचना के मामले में अग्रणी देशों में गिना जाता है। स्पेस, कृषि, चिकित्सा और स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्रों में जो प्रगति हो रही है उसका श्रेय भी युवा शक्ति को जाता है। सरकार भी स्टार्टअप्स और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाएँ चला रही है। ऐसे समय में युवाओं का दायित्व है कि वे जमीनी स्तर पर समाज और देश से जुड़ें, अपनी क्षमताओं और ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग करें तथा 'विकसित भारत 2047' के सपने को साकार करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
आईआईसी, बीबीएयू के अध्यक्ष प्रो. नवीन कुमार अरोड़ा ने भी विद्यार्थियों को नवाचार और सृजनात्मकता की दिशा में प्रेरित करते हुए कहा कि आज के बदलते दौर में युवा वर्ग को केवल पारंपरिक सोच तक सीमित न रहकर नए विचारों और नवीन पहल की ओर अग्रसर होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाजहित में करें तथा ऐसे नवाचार प्रस्तुत करें जो न केवल व्यक्तिगत विकास में सहायक हों, बल्कि देश की प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ।
इस अवसर पर प्रोफेसर राज कुमार मित्तल ने विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए कुछ उत्कृष्ट विचारों को बड़े ध्यानपूर्वक सुना तथा उनके द्वारा बनाए गए मॉडलों का अवलोकन किया। प्रो. मित्तल ने न केवल उनकी कार्यप्रणाली को समझा बल्कि उनसे संबंधित विस्तृत जानकारी भी प्राप्त की। प्रोफेसर मित्तल ने विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयोग और नवाचार ही भविष्य में भारत को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक सिद्ध होंगे।
अंत में बिजनेस प्लान, इनोवेशन और स्टार्टअप श्रेणी के विजेताओं को माननीय कुलपति एवं शिक्षकों द्वारा सम्मानित किया गया।
समस्त कार्यक्रम के दौरान सूचना प्रोद्योगिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ राजश्री, डॉ. सूफिया अहमद, डॉ. अमित कुमार सिंह, , अन्य शिक्षक, प्रतिभागी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

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