उतरौला बलरामपुर- आज के डिजिटल का जमाना है। मोबाइल और सोशल मीडिया दोनों ही बच्चों की दिन चर्या और पढ़ाई पर गहरा असर पड़ रहा हैं। इस विषय पर चिन्ता व्यक्त करते हुए टाइनी टाट्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल उतरौला के डायरेक्टर सैफ अली ने कहा कि सोशल मीडिया और बच्चों में मोबाइल का दुष्प्रभाव वास्तव में गम्भीर चिन्ता का विषय बना हुआ है। मोबाइल और सोशल मीडिया बच्चों की एका ग्रता, शारीरिक स्वास्थ्य और सामाजिकव्यवहार पर नकारात्मक असर डाल रहे हैंअभिभावकों और शिक्षकों दोनों को चाहिए कि हम सब मिलकर डिजिटल अनु शासन लागू करना होगा ताकि मोबाइल केवल सीखने का साधन बने, लत न बने।सैफ अली का कहना है कि मोबा इल की बढ़ती लत बच्चों की अध्ययन क्षमता को और भी कमजोर कर रही है। लगातार स्क्रीन पर समय बिताने से उनका ध्यान भटकता रहता है और पढ़ाई में मन नहीं लगता। जिन बच्चों का प्रदर्शन पहले बेहतर था,अब उनमें भी गिरा वट दिखाई दे रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि लम्बे समय तक मोबाइल चलाने से बच्चों की आँखों पर असर पड़ता है,नींद पूरी नहीं हो पाती और शारी रिक सक्रियता भी कम होती है। इससे मोटापा और मानसिक तनाव जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। खेलकूद और शारीरिक गतिविधि यों की कमी बच्चों के भविष्य के लिए चिन्ता जनक है।सैफ अली ने यह भी कहा कि मोबाइल और सोशल मीडिया ने बच्चों का वास्तविक जीवन से जुड़ाव कम कर दिया है। पहले जहाँ बच्चे मित्रों के साथ खेलकूद और संवाद में समय बिताते थे, वहीं अब वे आभासी दुनिया में खोए रहते हैं। इसका सीधा असर उनके सामाजिक व्यवहार औरपारिवारिक जुड़ाव पर पड़ रहा है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट दिया कि मोबाइल को पूरी तरह से नकारना सम्भव नहीं है, क्योंकि यह शिक्षा का एक महत्वपूर्ण साधन बन चुका है। लेकिन डिजि टल अनुशासन ही इस का समाधान है।
अभिभावकों को बच्चों के मोबाइल प्रयोग का समय सीमित करना चाहिए। शिक्षकों को कक्षा में मोबाइल के दुष्प्रभावों पर चर्चा करनी चाहिए। बच्चों को खेल,सांस्कृतिक और रचनात्मक गति विधियों में जोड़ना आव श्यक है। अन्त में डाय रेक्टर सैफ अली ने यह भी कहा कि यदि बच्चों को मोबाइल की लत से नहीं बचाया गया, तो आने वाली पीढ़ी मान सिक, शारीरिक और शैक्षिक रूप से कमजोर हो सकती है। हमें मिल कर यह सुनिश्चित करना होगा कि मोबाइल बच्चों के लिए शिक्षा और प्रगति का साधन बने,न कि भटकाव का कारण बने।

         हिन्दी संवाद न्यूज से
        असगर अली की खबर
         उतरौला बलरामपुर। 

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