"धर्मरक्षक, राष्ट्ररक्षक कौम का महासम्मेलन" से फिर निकली ललकार
"धर्म की रक्षा हमने की है हम करेंगे। राष्ट्र की रक्षा हमने की है हम करेंगे" के नारे लगाते हुए गांधी भवन सभागार में पहुँचे हजारों की संख्या में पासी समाज के नवयुवक, महिलाएं व बुजुर्ग ।
लखनऊ 24 अगस्त 2025। धर्म व राष्ट्र की रक्षा पहले भी पासी समाज ने कुर्बानी देकर की है और फिर से करेंगे संघर्ष। पासी कौम के लोगों का कोई धर्म परिवर्तन नहीं करा पाया है और न करा पायेगा। मुगल आक्रान्ताओं द्वारा उत्पीड़न होता रहा था फिर भी सुअर पालकर बहू बेटियों की इज्जत व धर्म दोनों को बचाया, परन्तु इस्लाम ग्रहण नहीं किया, जबकि कई जातियों के लोगों ने डर के मारे इस्लाम ग्रहण कर लिया था और मुसलमान बन गये थे। पासी कौम ने बहुत प्रताड़ना झेली है उक्त बात कहते हुए पारख महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भारत सरकार के पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में बताया कि सालार गाजी ने मलिहाबाद में राजा कंस पर आक्रमण किया और लखनऊ के महाराजा लाखन पासी पर आक्रमण किया। महाराजा लाखन पासी युद्ध में शहीद हुए। महाराजा सुहेलदेव पासी ने सालार गाजी को मौत के घाट उतारा। लखनऊ का के०जी०एम०यू० (मेडिकल कालेज) महाराजा लाखन पासी के किले पर बनाया गया है। लखनऊ को लाखन पासी ने बसाया है इसी नाम से लाखन टीला भी है। कुछ लोग लखनऊ के इतिहास को दबाना और बदलना चाहते है मगर ऐसा हर्गिज नहीं होने दिया जायेगा। लखनऊ लखनऊ ही रहेगा।
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों से सबसे ज्यादा संघर्ष और अंग्रेजो के छक्के छुड़ा देने का काम पासी कौम ने किया। वीरांगना ऊदा देवी पासी के पति मक्का पासी ने अंग्रेजों से लड़ते हुए शआदत दी। वीरांगना ऊदा देवी पासी ने सिकन्दरबाग चौराहे पर लगे पीपल के पेड़ पर जहां अंग्रेज युद्ध करके पानी पीते आते थे। पेड़ पर बैठकर 36 अंग्रेजो को अकेले मार गिराया। इसके पहले मड़ियॉव रेजीमेंट में शामिल गंगादीन पासी ने अंग्रेज सेनापति को गोली मार दिया था जिससे अग्रेजो ने पूरी टुकड़ी को फॉसी पर लटका दिया था। रेजी डेन्सी में लगे यूनियन जैक के झण्डे को (अंग्रेजी झण्डे को) पासी समाज के तीरन्दाज ने कई बार तीरो से गिरा देते थे कभी भी रेजीडेन्सी पर अंग्रेजों का झण्डा फहराने नहीं दिया। रेजीडेन्सी के गोदामों में जमा रसद को तीरो में बलेता (आग जलाकर) बांधकर मारकर जला देते थे।
सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन में पासी कौम ने अंग्रेजो से भीषण युद्ध किया जिसके कारण अंग्रेजो ने गदर की जांच कराने के बाद यह पाया कि सबसे ज्यादा पासी कौम लड़ी है तो फिर पुलिस का गठन करके पासी कौम को क्रिमिनल कौम घोषित कर दिया और पासियों के बच्चों और महिलाओं को भी जेलों में बन्द करते थे हमेशा निगरानी रखते थे, फिर भी पासी समाज झुका नहीं और धीरे धीरे उत्तर भारत से पूरे देश में फैल गये। फर्जी मुकदमें में जेल जाते रहे है। पासी कौम के लोगों ने हर तरह की प्रताड़ना झेली और कठिन से कठिन मुसीबत झेली मगर टूटे नही, झुके नही, गद्दारी नहीं किया। धर्म की रक्षा और राष्ट्र की रक्षा के लिए बहुत बड़ी कुर्बानी दी। मुझे इस बात का गर्व है कि मेरा जन्म धर्म रक्षक एवं राष्ट्र रक्षक कौम में हुआ है।
आज कुछ लोग पासी कौम के इतिहास को बदलने की साजिश कर रहे है। महाराजा बिजली पासी की झील का नाम गलत तरीके से कर दिया गया है। पासी कौम के धर्म व राष्ट्र की रक्षा करने के इस संघर्षपूर्ण इतिहास को शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करके जनमानस तक पहुंचाने की आवश्यकता है। आज इस सम्मेलन में निर्णय लिया गया है कि आगामी जनवरी अथवा फरवरी के महीने में लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान विशाल महारैली का आयोजन किया जायेगा।
मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन में पधारे उ०प्र० सरकार के मा० उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पासी कौम के राजाओं एवं पूरी जाति ने हिन्दू धर्म की रक्षा की है और अनेकों प्रकार से उत्पीड़ित होने के बाद भी अपने धर्म को नहीं छोड़ा। पासी समाज के लोगों का उ०प्र० एवं भारत में राज रहा है। मा० पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्यसभा के सांसद डॉ० दिनेश शर्मा ने कहा कि लाखन पासी द्वारा लखनऊ को संरक्षित रखा गया है और लाखन पासी के नाम से ही बाद में लखनऊ का नामकरण हुआ है। ज्ञात हो कि जब डॉ० दिनेश शर्मा जी लखनऊ जब लखनऊ के मेयर थे तब उनके कार्यकाल से ही लाखन पासी के नाम से गोमती नदी के किनारे लाखन पासी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
इस सम्मेलन को पारख महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भारत सरकार के पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर के अलावा अशोक रावत सांसद, बैजनाथ रावत, अध्यक्ष, अनु० जाति एंव अनु०जनजाति आयोग, जयेदवी कौशल विधायक, अमरेश रावत विधायक, ब्रजेश रावत विधायक, दिनेश रावत विधायक आदि ने भी सम्बोधित किया।
आज के "धर्म रक्षक व राष्ट्र रक्षक कौम के महासम्मेलन" में उ0प्र0 के 70 जिलों से लोग आये थे। लक्ष्मी प्रसाद रावत, बछरावां रायबरेली से धर्मराज, प्रयागराज से बच्चा पासी, प्रभात किशोर, विकास किशोर, पूर्व पार्षद पुष्पेन्द्र, ब्लाक प्रमुख निर्मल, प्रमुख प्रतिनिधि रामकुमार राही, प्रमुख प्रतिनिधि मीनू, श्यामलाल तूफानी, राजेन्द्र लहरी, गोपाल रावत, राधाकृष्ण प्रधान, उमेश, हरीओम, लक्ष्मी रावत, अनीता रावत, सूरज रावत, दीपक रावत, राहुल रावत, वीरेन्द्र ज्वैलर्स, रज्जन लाल, नरपत सुमन, तेजीराम, मिथिलेश प्रधान, माता प्रसाद पेन्टर, प्रवीण रावत प्रधान बरहा, प्रवीण रावत जि०पं० सदस्य, लकी रावत, विकास कुमार समाजसेवी, मुनेन्द्र रावत, हरिश्चन्द्र रावत, संजय रावत, सी०एल० पंकज, प्रमोद पत्रकार, गया प्रसाद, रेनू, मायाराम, सतीश रावत, गुड्डू पासवान, विपिन रावत अटौरा, रमेश रावत, किशन रावत, सुमित राज, निर्मलजीत, ज्ञानी, जितेन्द्र कुमार आदि सहित 70 जिलों से प्रमुख लोग शामिल हुए।

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