2 अगस्त 2025 - काशी की गलियों में एक बार फिर सियासी हलचल! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को वाराणसी में 2200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का तामझाम के साथ उद्घाटन किया। पीएम ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का डंका बजाया और किसानों के लिए 20,500 करोड़ रुपये की PM-किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी की। लेकिन विपक्ष ने इस चमक-दमक को “चुनावी नौटंकी” करार देते हुए तीखे सवाल उठाए। आइए, सुनते हैं काशी की सियासत में विपक्ष का गुस्सा और तंज!
विपक्ष का वार: “वादों का शोर, लेकिन काशी अधूरी!”
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस दौरे को “विकास का ढोंग” बताया। कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने तंज कसते हुए कहा, “2200 करोड़ की परियोजनाएँ? गंगा की सफाई का वादा तो 10 साल से अधूरा है! बेरोजगारी और बाढ़ की मार से काशीवासी त्रस्त हैं, लेकिन सरकार को सिर्फ़ रैलियों की पड़ी है।”
सपा के स्थानीय नेता रमेश यादव ने X पर आग उगलते हुए लिखा, “मोदी जी हर बार आते हैं, बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन वाराणसी में ट्रैफिक जाम और बुनियादी सुविधाओं की कमी जस की तस है। #KashiKeSawal जवाब दो!” विपक्ष का कहना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ज़िक्र केवल जनता का ध्यान भटकाने की चाल है। एक सपा कार्यकर्ता ने पूछा, “आतंकवाद का बदला लेने की बात तो ठीक, लेकिन काशी के युवाओं को रोज़गार कब मिलेगा?”
स्थानीय आवाज़: “सड़कें बनीं, लेकिन ज़िंदगी नहीं बदली”
वाराणसी की गलियों में विपक्ष के सुर में सुर मिलाने वाले कई चेहरे दिखे। दशाश्वमेध घाट के पास चाय की दुकान चलाने वाले रामलाल ने कहा, “हर बार बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स का शोर, लेकिन बिजली-पानी की दिक्कत और बाढ़ की मार से कोई राहत नहीं।” एक कॉलेज छात्रा, प्रिया मिश्रा, ने तल्खी से कहा, “रोबोटिक सर्जरी यूनिट्स अच्छी हैं, लेकिन हमारे लिए नौकरी के अवसर कहाँ हैं? ये दौरा बस फोटो खिंचवाने का मौका है!”
सोशल मीडिया पर KashiKeSawal ट्रेंड ने जोर पकड़ा, जहाँ युवाओं ने बेरोजगारी, शिक्षा, और बुनियादी ढांचे की कमी पर सवाल उठाए। एक यूज़र ने ट्वीट किया, “मोदी जी, काशी को विश्वनाथ मंदिर और सड़कों से ज्यादा ज़रूरत रोज़गार और स्वच्छ गंगा की है!”
बीजेपी का जवाब: “विकास और सुरक्षा का डबल डोज”
दूसरी ओर, बीजेपी ने इन आरोपों को “विपक्ष की हताशा” करार दिया। पीएम मोदी ने अपनी रैली में कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को भारत की ताकत दिखाई। काशी में सड़कें, अस्पताल, और संग्रहालय विकास की नई कहानी लिख रहे हैं।”, योगी आदित्यनाथ ने इसे “नए भारत का नया काशी” बताया और दावा किया कि ये परियोजनाएँ पर्यटन और रोज़गार को बढ़ावा देंगी। बीजेपी समर्थकों ने KashiVikas के साथ सोशल मीडिया पर उत्साह दिखाया।
सियासी रंग: 2027 की तैयारी?
विपक्ष का कहना है कि यह दौरा आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की ज़मीन तैयार करने की कोशिश है। सपा नेता अखिलेश यादव ने X पर तंज कसा, “काशी में हर बार वही वादे, वही ढोल। जनता अब जाग चुकी है!” राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और विकास परियोजनाओं का ज़िक्र बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है, लेकिन विपक्ष इसे जनता की नब्ज़ पकड़ने का मौका मान रहा है।
काशी का मूड: हकीकत बनाम सपने
वाराणसी की सड़कों पर मिश्रित भावनाएँ हैं। कुछ लोग नई सड़कों और अस्पतालों से उत्साहित हैं, तो कुछ का कहना है कि बुनियादी समस्याएँ अनसुलझी हैं। एक रिक्शा चालक, मुन्ना, ने हँसते हुए कहा, “नेता आएँगे, भाषण देंगे, और चले जाएँगे। हमारी गंगा और ज़िंदगी वैसी ही रहेगी।”
क्या मोदी-योगी का यह दौरा काशी को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा, या विपक्ष के सवालों का जवाब बाकी है? KashiKeSawal और KashiVikas में आप किसके साथ हैं? कमेंट में बताएँ और इस सियासी जंग का हिस्सा बनें!
रिपोर्टर सौरभ जौनपुर
हिंदी संवाद न्यूज़

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