उतरौला बलरामपुर- आदर्श नगर पालिका परिषद उतरौला में बने काशीराम आवास योजना के अन्तर्गत बनाई गई कॉलोनियों की स्थिति लगातार सवालियो के घेरे में है योजना का उद्देश्य यह था कि गरीब और जरूरत मन्द परिवारों को आवास उपलब्ध किया जाना था, लेकिन वर्षों बाद इन कॉलोनियों की हकीकत कुछ और ही बयां करती नजर आ रही है। नगर के दो स्थानों पर बनी काशीराम कॉलोनी को स्थापित की गई थी। पहली मोहल्ला आर्य नगर, भारतीय इण्टर कालेज के पीछे और दूसरी मोहल्ला गांधी नगर में स्थित सब्ज़ी मंडी के पास इन दोनों कॉलोनियों की दशा इतनी जर्जर है कि यहां पर सरकारी नियम- कायदों को ताक पर रखकर अवैध कब्ज़ा, अनियमित आवंटन और सत्यापन की अन देखी खुलेआम हो रही है। सूत्रों से मिली जान कारी के अनुसार कॉलो नियों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग रह रहे हैं जिन के नाम पर आवास स्वीकृत ही नहीं हुए थे। सरकार के द्वारा किसी और लाभार्थी के नाम से स्वीकृत कमरे और मकान अब दूसरों के कब्ज़े में हैं। कुछमामलों में तो आवास केमालिक किसी और शहर यागांव में रहते हैं,जबकि यहां उनका घर किराए पर या सीधे-सीधे कब्ज़ा कर अन्य लोग उपयोग कर रहे हैं। नगर नगर पालिका प्रशासन का दावा है कि समय-समय पर कॉलोनियों का निरी क्षण किया जाता है, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत में चल रहा है। स्थानीय निवासि यों और सूत्रों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से न तो कोई ठोस जांच हुई है और न ही सत्या पन की प्रक्रिया पूरी की गई है। इस कारण यह तय ही नहीं हो सका कि वास्तव में कौन लोग अधिकृत रूप से यहां रह रहे हैं, और कौन अवैध तरीके से कब्ज़ा जमाए हुए बैठे हैं। इन कॉलोनियों में रहने वाले कई लोगों को मनमौजी और विवाद प्रिय किस्म का बताया जाता हैआए दिन झगड़े-फसाद की घटनाएं सामने आती रहती हैं। सूत्रों कहना  हैं कि यहां अवैध तरीके से विभिन्न तरह की संदिग्ध गतिविधियां भी संचालित हो रही हैं।यदि समय रहते प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित नहीं किया, तो यह कॉलोनि यां आपराधिक गतिवि धियों का गढ़ बन सकती हैं, जिसका असर पूरे नगर की शांति व्यवस्था पर पड़ सकता है।स्थानीय नाग रिकों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही से ईमानदार और पात्र लाभार्थी वंचित हो रहे हैं। उन्हें तो अब तक आवास की सुविधा नहीं मिल सकी, जबकि कॉलोनियों में कई लोग गैर कानूनी तरीके से रह रहे हैं। नागरिकों का यह भी आरोप है कि प्रशास न की शिथिलता के चल ते ऐसे लोग वर्षों सेबिना किसी रोक-टोक के अपना कब्ज़ा जमाए हुए बैठे हैं।सबसे बड़ा सवाल यह है कि आदर्श नगर पालिका प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली परसवाल उठ रहा है।यदिनियमित रूप से जांच और सत्या पन की प्रक्रिया होती, तो स्थिति इतनी विकट नहीं होती।अब नागरिक पूछ रहे हैं कि आखिर प्रशासन इस संवेदन शील मामले पर कब तक अपनी आंखें बन्द किए हुए बैठे रहेंगे, क्या यह जिम्मेदारी केवल कागज़ों में पूरी कर दी जाएगी, या फिर वास्तव में जमीनी स्तर पर ठोस कदम उठाए जाएंगे।
काशीराम कॉलोनियों की यह स्थिति न केवल सरकार कीमहत्वाकांक्षी आवास योजना की मंशा पर सवाल खड़ा करती है,बल्कि स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली को भी कटघरे में लाकर खड़ा करती है।अब देख ना यह होगा कि जिम्मे दार अधिकारी कब जागेंगे हैं और अवैध कब्ज़ों का सत्यापन और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाते या नहीं।

        हिन्दी संवाद न्यूज से
       असगर अली की खबर
         उतरौला बलरामपुर

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