बलरामपुर पचपेडवा- जुड़ी कुइया चौराहे स्थित मीसा क्लिनिक में रविवार रात एक गर्भवती महिला और नवजात की दर्दनाक मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर हरकत में आया। सोमवार सुबह पचपेड़वा क्षेत्र में चार अवैध क्लीनिकों पर छापेमारी कर उन्हें सील किया गया।
जिन क्लिनिकों को सील किया गया है, उनमें डॉ. कृष्ण मोहन चौधरी का मीसा क्लीनिक, डॉ. मोहम्मद शमी अहमद खान का फातिमा क्लिनिक, डॉ. विजय प्रकाश चौधरी का पूर्वांचल हेल्थ केयर सेंटर, और डॉ. अफजल हुसैन का आयशा हेल्प क्लिनिक शामिल हैं। इन सभी क्लीनिकों में बिना पंजीकरण, प्रशिक्षित स्टाफ और आवश्यक मेडिकल सुविधाओं के संचालन की पुष्टि हुई।
कार्रवाई का नेतृत्व डॉ. विजय कुमार और डॉ. अरविंद कुमार ने किया, जिनके साथ एडिशनल सीएमओ डॉ. एसके श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। निरीक्षण में भारी अनियमितताएं सामने आईं और कर्मचारियों की योग्यता पर गंभीर सवाल उठे।
यह कोई पहली घटना नहीं है जब किसी महिला की मौत के बाद विभाग की नींद टूटी हो। पहले भी ऐसे अवैध क्लीनिक सील हुए, और फिर कुछ ही समय बाद नए रजिस्ट्रेशन या जुगाड़ के सहारे दोबारा चालू हो गए। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की मंशा पर सवाल उठना लाजमी ही है।
क्षेत्र के लोगों का कहना है— जब तक मौत न हो, कोई पूछने वाला नहीं। मौत हो जाए तो कुछ दिन का छापेमारी सीज जैसी कार्यवाही तेजी होती है उसके कुछ दिन बाद फिर सब पहले जैसा हो जाता है।
यदि स्वास्थ्य विभाग पहले से नियमित जांच करता, कड़ी शर्तों पर पंजीकरण देता और लापरवाह संस्थानों को हमेशा के लिए प्रतिबंधित करता, तो शायद ये मासूम जिंदगियां न जातीं।
अब वक्त है सिर्फ क्लीनिक सील करने का नहीं, बल्कि दोषी डॉक्टरों पर आपराधिक मामला दर्ज करने और स्वास्थ्य विभाग के भीतर जवाबदेही तय करने का — ताकि भविष्य में कोई "मीसा क्लिनिक" फिर से मासूमों की जान से खिलवाड़ करने की हिम्मत न करे।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
बलरामपुर।
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