तुलसी जयंती के अवसर पर सनातन धर्म परिषद एवं श्री तुलसी जन्मभूमि न्यास द्वारा 24 जुलाई 2025 को एक प्रेस वार्ता यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में की गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विद्वानों ने इस बात पर बल दिया  कि 500 वर्षों से लम्बित विवाद को अब समाप्त कर देना चाहिए। सभी को विदित हो गया है की राजापुर बांदा का नाम पहले विक्रमपुर था उसे 1913 में  हिन्दू पत ने राजापुर कराया। वहां सूकरखेत नहीं , अवधी भाषा नहीं और अयोध्या के निकट राजापुर सूकरखेत गोंडा में सूकरखेत, पसका में सूकरखेत मेला  तथा बहराइच  भिलौराबासू दहौरा में तुलसी  का ननिहाल ,तुलसी के पिता आत्माराम दुबे के नाम 45 बीघा आत्माराम टेपरा राजस्व रिकार्ड में आज भी दर्ज है। आज  भी पिंडदान तर्पण सारे कार्यक्रम राजापुर गोंडा में  दुबे लोग करते हैं।बांदा का गजेटियर इस बात को स्वीकार करता है कि तुलसी यहां पैदा नहीं हुए थे वह यमुना पार करके राजापुर आए और कोलकाता का गजेटियर भी कहता है की तुलसी ने राजापुर बसाया। अतएव तुलसी जन्म भूमि होने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता । कवितावली में राजापुर गोंडा को गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं तुलसी तिहारो घर जायो  है घर को मैं आपके घर पैदा हुआ हूं । राजा मेरे राजा राम अवध शहर है । अवधी भाषा सारे तथ्य ,अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा में राजापुर गोंडा आज भी स्थित है।विद्वानों ने कहा कि  गोस्वामी तुलसीदास जी की वास्तविक जन्मभूमि राजापुर सूकरखेत गोंडा है । इसका समुचित विकास किया जाना चाहिए और राजापुर चित्रकूट को सारे विद्वानों ने तथ्यहीन और अप्रामाणिक बताया। हिंदी के अंतरराष्ट्रीय विद्वान आचार्य सूर्य प्रसाद दीक्षित, डॉक्टर रामजी तिवारी , श्री राम सागर शुक्ला बरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार , डॉ अरुणेन्द्र त्रिपाठी ,डॉक्टर करुणा शंकर दुबे , श्री त्रिलोकी नाथ तिवारी प्रसिद्ध विद्वानों ने तुलसी जन्मभूमि राजापुर सूकरखेत गोंडा को ही प्रामाणिक जन्मभूमि स्वीकार किया है और इसके विकास की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए बल दिया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में तुलसी जन्मभूमि न्यास एवं सनातन धर्म परिषद द्वारा  इस बात पर संकेत किया गया कि तुलसी जन्मभूमि गोंडा  में तुलसी के सम्मान में गोस्वामी तुलसीदास अंतरराष्ट्रीय केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जाय इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से प्रयास गतिशील है । लोगों ने तुलसी जन्म भूमि के विकास एवं सौंदर्यीकरण पर बल देते हुए सरकार का ध्यान आकर्षित कराया। 

            हिन्दी संवाद न्यूज से
              रिपोर्टर वी. संघर्ष

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