उतरौला बलरामपुर- दुःखहरण नाथ मन्दिर, उतरौला के प्रांगण में चल रही दस दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा का द्वितीय दिवस अत्यन्त भक्ति औरश्रद्धा के वातावरण में सम्पन्न हुआ। कथा व्यासपंडित बृजलाल मिश्रा महाराज की मधुर वाणी औरसार गर्भित व्याख्या करते हुए उपस्थित श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनन्द से सराबोर कर दिया।
महाराज ने इस दिन शिव महापुराण के महात्म्य,चंचुला वैश्या की कथा,चारों युगों की विशेषताएं, तथा सत्य मार्ग पर चलने केप्रभाव जैसे गूढ़ विषयों को सरलता पूर्वक से प्रस्तुत किया। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार चंचुला नामक एकपापा चारी वैश्या ने सत्संगति और पुण्य कार्यों के माध्यम से न केवलस्वयं का उद्धार किया,बल्कि अपने पति को भी नरक गति से मुक्त कर स्वर्ग प्राप्ति करवाई। यह कथा श्रोताओं के लिए गहन प्रेरणा का स्रोत बनी।इसके अतिरिक्त, कथा में युगों की अवधियो सत्य, त्रेता, द्वापर और कलियुग की विवेचना करते हुए बताया गया, कि प्रत्येक युग में धर्म और अधर्म का संतुलन किस प्रकार भिन्न होता है,और उस युग के अनुसार मनुष्य को किस मार्ग का अनु सरण करना चाहिए।
कथा के मुख्य आकर्षण
इस दिव्य आयोजन में भजन, श्लोक पाठ एवं भक्तिपूर्ण गीतों की प्रस्तुति ने वातावरण को संगीतमय बना दिया। कथा स्थल पर भक्ति रस की अविरल धारा बहती रही। श्रद्धालु न केवल कथा सुनते रहे, बल्कि भाव विभोर होकर शिव आराधना में लीन हो गए।उपस्थिति और व्यवस्थाएंकथा के द्वितीय दिवस विशेष रूप से मन्दिर महन्त पंडित मयंक गिरि, मुख्य यजमान एवं उत्तराधिकारी त्रिपुरारी गिरि शानू', पुजारी अरुण गिरि, व्यवस्था पक मोनू गुप्ता और अर्पित गुप्ता की प्रमुख उपस्थिति रहे। साथ ही साथ समिति के सक्रिय सदस्य सर्वेश,शिवम, अरुण,सुरेश,अंकुर गुप्ता,अमित,राहुल, बृजेश,तथा रवि सहित नगर के अनेक तमाम गणमान्य नागरिक, महिला श्रद्धालु व भक्त गण भारी संख्या में उपस्थित रहे। मन्दिर के प्रांगण को विशेष रूप से सजाया गया है। सुरक्षा,जलपान,व बैठने की समुचित व्यवस्था समिति के द्वारा सुनि श्चित की गई है, जिससे श्रोताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो सके।श्रद्धा का संगम बन रहा है कथा स्थल प्रत्येक दिवस की कथा में श्रोताओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। नगर व आस पास के ग्रामीण अंचलों से भी श्रद्धालु जन बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। कथा स्थल शिव भक्ति के रस में रमा हुआ है, जहाँ श्रद्धा सेवा और भक्ति का अनुपम संगम देखा जा सकता है। आगामीकथा का तृतीय दिवस भी विशेष कथाओं और प्रसंगों के साथ मनाया जाएगा। आयोजक मंडल ने सभी श्रद्धालु ओं से अधिक सअधिक संख्या में पहुंचकर इस आध्यात्मिक आयोजन का लाभ उठाने की अपील की गई है।
हिन्दी संवाद न्यूज से
असगर अली की खबर
बलरामपुर।
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